सभी पाठकों को होली की शुभ कामनाओं के साथ पेश है होली पर ही एक ग़ज़ल जिसे तराशा है गुरु 'पंकज सुबीर' जी ने.
करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना की होली है
हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना की होली है
इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी
लगे बीवी वही नूतन,समझ लेना की होली है
तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना की होली है
हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना की होली है
कभी खोलो हुलस कर, आप अपने घर का दरवाजा
खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना की होली है
बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की
जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना की होली है
अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो 'नीरज'
हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना की होली है
होली के अवसर पर हँसता हुआ नूरानी चेहरा....मेरा
68 comments:
waah neeraj ji waah kya kamaal ki kahi aapne holi ke liye sadesh... aapko bhi holi ki dhero badhaiyaan aur shubhkamanaayen.. guru dev ko charan saparsh kahen..
ye nuraani chehra to khub bhaya,,...
arsh
हवा जब फागुनी हो, और गज़ल लिख लाये हों ’नीरज’
टिप्पाणियाँ टूट के बरसें तो समझ लेना की होलॊ है...
--भाई वाह, बहुत खूब!! छा गये.
आप को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
हँसते हुए बड़े हसीन लग रहे हैं आप. ब्लॉगवाणी पर भी यही फोटू सटवा दो.
बहुत बढ़िया । :)
आपको और आपके परिवार को होली मुबारक ।
भाई नीरज जी,
अच्छी लगी "होली है" से लेकर ........ "हँसते हुए नूरानी चेहरे" तक की पेशकश
किस-किस की तारीफ करुँ.
अंत में जो दिखाया, मुस्कराया
समझ लिया कि होली है!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
मेरे ब्लॉग पर भी है एक पेशकश मौजूद जो ईद और होली को ही सपर्पित है , कृपया उसे अपनी त्वरित टिप्पणी से नवाजे.
चन्द्र मोहन गुप्त
chutki bhari abeer holi ki shubhkamnaaon ke saath......
holi ke rang me doobi rachna bahut achhi lagi
कविता भी सुन्दर है और चेहरा भी! :-)
ज्ञानदत्त जी की बात से असहमत हूं । दरअस्ल में कविता से जियादह सुंदर चेहरा है । भगवान इस चांद से चेहरे को ब्लाग जगत की अलाओं और बलाओं से बचा कर रखे ।
होली के मौके पर बहुत सुंदर लगी आपकी रचना ...
आपको परिवार सहित होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
Regards
होली की शुभकामनाऐं..
समझ गये हम होली है.. सुन्दर रचना..
वाह जी वाह होली पर इतनी अच्छी गज़ल। मजा आ गया। आप और आपके परिवार को रंगो भरी होली मुबारक।
क्या बात है नीरज....होली के रंगों में डूबी
आपको भी रंगभरी होली की मुबारकबाद
waah janab, lekin meri tasveer kyon chura li.
गजब लिख दिए हैं भैया. जो नीचे हंस रहे हैं,एक-एक शेर पर भारी पड़ रहे हैं....:-)
लिखें जब हास्य गजलें और रंग दें अक्षरों को वे
हँसे और दांत भी दिक्खें, समझ लेना कि होली है
नीरज जी समझ लिया होली है । क्या बात है आप तो एकदम रंगीन हो गये हैं । कहीं कुछ .......................?
बुरा न मानो होली है ।
होली की बहुत शुभकामनाएं.
ये हमारे संतू को आपने क्यों बंद कर रखा है जी खाम्खा मे त्योंहार के दिन.:)
बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की
जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना की होली है
अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो 'नीरज'
हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना की होली है
waah bahut khub,holi mubarak:)
बहुत सुन्दर नीरज जी. आपका चेहरा थोरा बदला हुआ लगता है :D
कौतुक (http://paricharcha.wordpress.com)
waah waah , holi ka har rang bhar diya aapne to.mazaa aa gaya...........ab to isi khyal ke sath holi khelenge.
vaise hansta hua noorani chehra........... jo pic hai achchi hai magar hamare liye to wo jiski hai usi ki hai aapki nhi.
वाक़ई समझ में आया कि होली है...सब रंगे हैं रंग में...! हमारा प्रणाम...!
hay kyaa aawaz ki
aur surat kitni bholi hai
de dekar tippnani apni
hame kaha ji hloi hai
upar ke photo me
balti liye khadaa ye kaun?
upar neeche jo likha
is baar bas yahi hamaari holi hai
बहुत ख़ूब साहब,
रंगों के त्योहार होली पर आपको एवं आपके समस्त परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ
---
चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
हम भी रंग गए आपकी यह होली की गजल पढ़ कर ..बहुत बढ़िया .होली मुबारक आपको
हवा जब फागुनी हो, और गज़ल लिख लाये हों ’नीरज’
टिप्पाणियाँ टूट के बरसें तो समझ लेना की होलॊ है...
क्या शेर मारा है जी.. मज़ा आ गया.. वैसे आपकी तबीयत ठीक नही लगती.. देखिए ना नीचे फोटो में कितने दुबले लग रहे है.. जब आप हमसे मिले थे तो माशाल्लाह जवान थे.. पर आपके दाँत तो आपके चेहरे से भी सुंदर है.. कौनसा मंजन इस्तेमाल करते है.. आपने मिष्टी बिटिया के साथ होली खेलने का लालच जो दिया.. हम जोधपुर गये ही नही.. जयपुर में ही अटक गये..
वैसे मिष्टी बिटिया की फोटो तो बड़ी कमाल है.. बिल्कुल रॉक स्टार लग रही है...
बहरहाल होली की शुभकामनाए स्वीकार कीजिए..
Wah ji kya baat hai
aapko padh kar man jhoom utha
Samajh lena ki holi hai kamaal
bahut bahut subhkamanye holi ke pawan avsar par
इतनी सुंदर गजल सामने है, अपनी तो होली शुरू...
और आपका रूप!!! विधाता की कारयित्रि प्रतिभा का सशक्त प्रमाण-
तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती, नजारे............
नीरज भाई तथा हिन्दी ब्लोग जगत के सभी को इस उल्ल्लासमय रँगोँ के मध्य
शुभकामनाएँ
क्या मस्तीभरी गज़ल लिखी है जी वाहवा ~
- लावण्या
jab din rah gaye ho kam.
magar man me ho halchal...si.
samajh jana ki holi hai..
नीरज जी
देर से आने के लिए माफ़ी........
बहूत ही खूबसूरत ग़ज़ल है...होली के हास्य के साथ कोमल भावनाएं भी मिला दीं है आपने, सारे शेर लाजवाब हैं, जानदार, होली की तरह अलग अलग रंग भरे
आपको और आपके परिवार को होली की शुभ कामनाएं
वाह...क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने होली पर!और हँसता हुआ नूरानी चेहरा तो बहुत भाया!होली मुबारक....
वह नीरज जी इतने दिनों से बेकार ही इधर उधर भटक रहे है .आपके ब्लॉग को छोड़ कर .होली है ये यहीं आकर पक्का हुआ .
आपको और आपके परिवार को ढेर सी गुलाब की पंखडियों और मोगरे के इत्र के साथ होली मुबारक .हमारे भोपाल में,और पुरे प्रदेश में ही इस साल पानी की कमी है और वैसे भी केमीकल रंगों की बजाय फूलों की होली अधिक काव्यमय लगती है .
भई वाह्! क्या खूब लिखा है....बहुत ही उम्दा रचना....
होली के पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाऎं........
हम तो पूरा रंगा गए.
नीरज जी आप ने तो रंगॊ मै भर भर के शेर मारे, बहुत अच्छा लगा ओर यह हंसता हुय नूरानी चेहरा भी प्यारा लगा.....
आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है
नजर में हूर उतरे और सुखन से नूर बरसे
मुकाबिल हो अगर नीरज समझ लेना की होली है
बधाई भाई नीरज को कहो मैं और क्या दे दूँ
कलम ने रंग बरसाए ,समझ गये आज होली है
Bahut achcha likha hai aapne.. Hamesha ki tarah..
Majedaar...
:-)
-R
वाह होली का क्या खूब रंग जमाया है
अगर महसूस हो तुमको जब कभी सांस लो नीरज
हवाओं में घुला चंदन, समझ लेना कि होली है ।
बधाई ।
aadarneeya neeraj ji
deri se aane ke liye maafi chahta hoon
aapko aur aapke pariwaar ko holi ki der saari badhai
ab sach kahun , holi ka asli maza to aapke blog par hi aa raha hai ..
kitne saare colour bhiker kar rakhe hai , aur upar se ye behatreen gazal aur ye sundar sa photo.[ waise ye pic meri jyaada lag rahi hai ... ha ha ]
holi ke shub-awasar par guru ke charno ne gulaal daal jaata hai .. meri oor se mera pranaam sweekare, aur hamesha apna pyaar banaaye rakhe ..
aapka
vijay
हर क्षंद पर सिर्फ वाह-वाह ही कह सकता हूँ.
बहुत सुंदर रचना...
आप सबको होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...
आपको व परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .
wah neeraj ji , holi ke avsar par ek anupam rachna, dheron badhai.main der se pahuncha kshama.holi par aapko aur apke pariwar ko shubhkaamnaayen.
wo aaye blog par apne, samajh gaye aaj holi hai
haqeeqat ban gaye sapne samajh gaye aaj holi hai
Waah! Waah !waah!
itni sundar gazal ..holi ke is rang birangey avsar par..
bahut hi pasand aayi yah parstuti..
aur yah kya??aakhir mein ,aap ne kis ka chitr laga diya..hansta hua noorani chehra!!!!!!!
:D
isey dekhkar kis ko hansi na aa jaye!double hit hai aaj aap ki yah post
होली के शुभ अवसर पर,
उल्लास और उमंग से,
हो आपका दिन रंगीन ...
होली मुबारक !
'शब्द सृजन की ओर' पर पढें- ''भारतीय संस्कृति में होली के विभिन्न रंग''
गज़ब की ग़ज़ल है नीरज जी.
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आपको होली की शुभकामनाएँ
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
holi ke rangon jesi rangbirangi sunder gazal ke liye badhaai holi mubarak ho
सुन्दर प्रस्तुति..
रंगों के पर्व होली के अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाये
झकास है जी!
आपको व परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
शुभ होली सर।
क्या बात है ! किस किस बात की तारीफ़ हो मालिक ?
होली मुबारक़ !!
मज़ा आ गया होली के रंगों से रंगारंग इस ग़ज़ल को पढ़कर !
बहुत सुन्दर गजल है, सभी रंग - गुलाल समाहित हैं!!!!!!
इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी
लगे बीवी वही नूतन, समझ लेना कि होली है
भाभी को पढ़वाते हैं अभी ये गज़ल।
आपको समस्त परिवार सहित होली की शुभकामनायें।
बहुत ही शानदार॥
आपको भी होली की शुभकामनायें...
holi ka rang jam gayaa saahab,,,,
shaandaar ghazal,,,aur laajwaab tasweer se,,,
mubaarak,,,
हिंदी युग्म के सभी साधको को होली के रंगारंग पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं __टिल्लन रिछारिया !
यह खुमिजाज फोटो सब को सप्रेम भेंट करें __सब को लगेगा ....मेरा फोटो मुझी को क्यों भेजा !!!
जनाबे नीरज साहिब
होली पर आपकी ग़ज़ल देखी तबीयत बहिश्त हो गई
इंदर धनुष के रंगों से सजी संवरी ग़ज़ल देख कर ऐसा लगता है
के आपने जैसे रंगों का गुलदस्ता भेज दिया हो ख़ुशी तो हुई
लेकिन उसके बाद उदासी छा गई ज़माना गुज़र गया कभी होली नहीं खेली
माज़ी की चंद खुबसूरत यादें होली के दिन रुला जाती हैं आपने ग़ज़ल में होली की जो मंज़र कशी की है
और जो खुबसूरत शेएर निकाले हैं तारीफ के काबिल हैं यह आपके फन का कमाल है
रंगों की बौछार तो लाल गुलाल के टीके
बिन अपनों के लेकिन सारे रंग ही फीके
चाँद शुक्ला हदियाबादी
डेनमार्क
आपको होली की शुभकामनाएं।
Neerajbhai
Shaandaar Gazal!
Plz remove the pic.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
भीगे जो तन, बिना सावन, मिले भगवन,
बिना पूजन, समझ लेना कि होली है ।
और फ़ोटो के संदर्भ में---
दिखे जब दांत, खडे हों कान, और चेहरे पर,
हो भोलापन , समझ लेना कि होली है ।
होली की बधाई!!!
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Keep writing...
Jai Ho....
जरा देर हो गयी आने में...पर आ के मन होली के रंग में भीग गया. ऐसी सदाबहार कविता की जब पढो तो लगे की होली है. बहुत खूबसूरत लिखा है नीरज जी.
देर के लिए माफी , रचना के लिये बधाई .
इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी
लगे बीवी वही नूतन, समझ लेना कि होली है.
मज़ा आ गया
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अल्फाज़ रहित
खूबसूरत गज़ल
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