Monday, March 2, 2009

शबनम सी रखिये ताजगी



तल्खियाँ दिल में न घोला कीजिए
गाँठ लग जाए तो खोला कीजिये

आप में कोई बुराई हो न हो
आप ख़ुद को नित टटोला कीजिये

दिल जिसे सुन कर दुखे हर एक का
सच कभी ऐसा न बोला कीजिये

प्यारी -प्यारी सी लगेगी जिंदगी
आप अपने दिल को भोला कीजिये

सोच में शबनम सी रखिये ताजगी
जोश को भड़के जो शोला कीजिये

प्यार की दिल में बजे जब बांसुरी
मस्तियों में झूम डोला कीजिये

अश्क 'नीरज' जी बड़े अनमोल हैं
सिर्फ खुश होने पे ढोला कीजिये


( आदरणीय गुरुवर प्राण साहेब की रहनुमाई में लिखी ग़ज़ल )

53 comments:

Alpana Verma said...

पूरी ग़ज़ल ही अति सुन्दर है.

आखिरी शेर सब पर भारी लगा.

चित्र चयन भी बेहद अच्छा है.

ओस और निर्मल मन का सम्बन्ध इस फूल की सी khubsurati सा दीखता है.

seema gupta said...

दिल जिसे सुन कर दुखे हर एक का
सच कभी ऐसा नो बोला कीजिये....

" आज तो जिदंगी के फलसफे से रूबरू करती एक बेहतरीन ग़ज़ल..... हर शेर एक एक सच से रूबरू कराता और सकारत्मक दिशा निर्देश देता लगा....आभार"

Regards

डॉ .अनुराग said...

पहला शेर सबसे पसंद आया .ओर मिष्टी की नयी फोटो के लिए शुक्रिया .

रंजू भाटिया said...

हर शेर लाजवाब है बहुत सुन्दर लगी आपकी लिखी यह गजल

vijay kumar sappatti said...

Aadarneey Neeraj ji ,

Sorry for late arrival, I was on tour for so many days...

ek bahut pyaari gazxal , jiska har sher kabile tareef hai .. aur specially ...ye waala.

दिल जिसे सुन कर दुखे हर एक का
सच कभी ऐसा नो बोला कीजिये....

sach hi to hai .. meetha meetha boliye aur pyaar baanthiye..

aapki lekhni ko salaam ..
aapka
vijay

vandana gupta said...

waah waah niraj ji,kamaal kar diya
har sher aisa ki dil jhoom uthe.

kis sher ki tarif karoon , sabhi kamaal hain.

Asha Joglekar said...

बेहद सुंदर गज़ल । चित्र और उस का शेर तो दोनो बहुत प्यारे लगे ।

रश्मि प्रभा... said...

बुराई हो या ना हो,रोज़ खुद को टटोला कीजिये......
बहुत खूब

कुश said...

पहला ही शेर धांसु है.. बस जबरदस्त...

"अर्श" said...

wah neeraj ji bahot hi chust kafiye ke sath mast radif me ek khubsurat si gazal ... maza aagaya... upar se param shredhey guru ji praan sharma ji ke aashirwaad .... kamaal ho gaya..


apni ani gazal ke liye aapko nevta diye jata hun...



arsh

Pratik Maheshwari said...

दिल जिसे सुन कर दुखे हर एक का
सच कभी ऐसा ना बोला कीजिये..
बहुत ही सटीक और सच...
मन को छु लेने वालो ग़ज़ल..
शुभकामनाएं...

दिगम्बर नासवा said...

नीरज जी
बहुत ही प्यारी सी ग़ज़ल हें, भाव पूर्ण, मीठी सी, गुनगुनाने को जी चाहता है. बार बार पढने को जी चाहता है. सारे के सारे शेर एक से पढ़ कर लाजवाब हें और ये शेर तो बस जान ही ले गया, बहुत सुन्दर

प्यारी - प्यारी सी लगेगी जिंदगी
आप अपने दिल को भोला कीजिये

Shiv said...

सुन्दर गजल. हमेशा की तरह.

पंकज सुबीर said...

................................................................................................................................ आप पूछेंगें क्‍या है ? तो ये मैं मौन रहकर एक सुंदर ग़ज़ल जो एक गुणी उस्‍ताद की रहनुमाई में एक अत्‍यंत गुणी शिष्‍य ने लिखी है का आनंद ले रहा हूं । यदि कोई मुझे इस ग़ज़ल की तारीफ करने को कहेगा तो मैं ये ही कहूंगा कि '' हाथ से छू के इसे रिश्‍तों का इल्‍जाम न दो ''

ताऊ रामपुरिया said...

सबसे पहले तो फ़ूल बहुत सुंदर है. पहले ही शेर के सामने नतमस्तक हैं साहब जी, आजकल गांठ तो सैकिंडों मे लोग लगा लेते हैं बिना ये जाने की इन गांठों को खोलने का माद्दा आज के इन्सान मे नही है.

आज दिल से आपको शुभकामनाएं. हमारे दिल की बात आपने चंद लफ़्जों मे बयान कर दी और पोती को आशिर्वाद जी.

mehek said...

shabnam si taazgi liye khubsurat gazal badhai badhai.

Science Bloggers Association said...

शबनम की तरह ही पाक और दिल को पुरसुकून पहुंचाने वाली गजल।

kumar Dheeraj said...

बिल्कुल सही कहा है आपने नीरजी । लेकिन आज के समय में कितने लोग है जो ऐसा करते है । दूसरो की बुराई करते-करते थकते नही है अपने अंदर क्या टटोलेगे । लेकिन आपने सही बात कही है । इस बार महिला बिधेयक के सवाल पर मेरा पोस्ट जरूर पढ़े । आभार

शोभा said...

बहुत ही प्यारी गज़ल लिखी है। बधाई।

संध्या आर्य said...

bahut hi sunder rachana hai, shabanam ki tajagi liye huye is ke liye badhai swikare.

पारुल "पुखराज" said...

:) सुन्दर :) हमेशा की तरह :)

योगेन्द्र मौदगिल said...

वाहवा नीरज जी वाह... क्या ग़ज़ल कही है आपने... खूबसूरत...

Udan Tashtari said...

हर शेर...बब्बर शेर...गजब लिखा है भाई!!

दिल जिसे सुन कर दुखे हर एक का
सच कभी ऐसा नो बोला कीजिये....

-क्या कहने..बहुत खूब. जिओ!!!

सुशील छौक्कर said...

वाह नीरज जी क्या खूब लिखा है। हर शेर लाजवाब है।
तल्खियाँ दिल में न घोला कीजिए
गाँठ लग जाए तो खोला कीजिए।
वाह...। ऐसा ही होना चाहिए।

अमिताभ मीत said...

वाह साहब ! बहुत ख़ूबसूरत !!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आपकी गज़ल बहुत पसँद आयी नीरज जी
" इसी तरह शोखियोँ मेँ, रँग घोला कीजिये "
विनीत,
- लावण्या
- लावण्या

राज भाटिय़ा said...

तल्खियाँ दिल में न घोला कीजिए
गाँठ लग जाए तो खोला कीजिये
वाह क्या बात है सभी शेर बहुत अच्छे लगे, अब किस किस की तारीफ़ करे सभी एक से बढ कर एक, पहले वाला एक दम से दिल की बात कहता है.
धन्यवाद

pallavi trivedi said...

सारे शेर अच्छे हैं पर आखिरी वाला लाजवाब.....

गर्दूं-गाफिल said...

तुम मिले चम्पा चमेली हो लिए

मधु मालिनी मकरंद केसर घोलिए

शब्द निसृत हो रहे अमृत सरित

रूपरागी हूँ कमल मुख खोलिए

बहती रहे यह शब्द धारा

भीगता जिससे किनारा

श्रंगार की मनुहार में जीवन कटा

अनुरागकामी हूँ सतत सुख घोलिये

Ratan said...

Beautiful...

"आप में कोई बुराई हो न हो
आप ख़ुद को नित टटोला कीजिये"

Another good from you.

Regards,
-Ratan

Dr. Amar Jyoti said...

'गांठ लग जाये तो…।'
बहुत ख़ूब! बधाई।

Puja Upadhyay said...

आखिरी शेर कमाल का है...खुश होने पर बहने वाले अश्क, क्या बात है!

अभिषेक मिश्र said...

Bahut hi arthpurn panktiyan. Badhai.

कंचन सिंह चौहान said...

बहुत खूब नीरज जी.... किस शेर की तारीफ करे...!

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

बहुत बढ़िया नीरज जी। आपका हर ग़ज़ल / हर शेर लाजवाब होता है।

अमिताभ श्रीवास्तव said...

itani saari tippaniyo me kya mujhe padh payenge?????
isliye sirf itana ki

LLZAWAAB

हरकीरत ' हीर' said...

दिल जिसे सुन कर दुखे हर एक का
सच कभी ऐसा नो बोला कीजिये....Waah waah Niraj ji bhot khoob ...!! aajkal itane sare kam ek sath karne lage hain aap to... ye samixa,gazal aur punjabi sikhane ka kam...waah bhi waah...!!

daanish said...
This comment has been removed by the author.
daanish said...

"ashq neeraj ji bade anmol hain,
sirf khush hone pe dholaa kijiye"

waah ! Neeraj bhai...
kamaal ka sher keh dala aapne...
ek khush-numa paighaam aur uspe aapka la-jwaab lehja...
harsher apne aap khud boltaa hai..
shiguft`gee bhi aur shaaeest`gee bhi.....Badhaaaeeee
aapko abhivaadan....
aur Pranji ko naman. . . .

aaapke liye ...ehtraam ke saath...

har ghadi yooN hi khud apne-aap ko
imtehaanoN meiN n tolaa kijiye...
---MUFLIS---

गौतम राजऋषि said...

पहले तो इतनी खूबसूरत गज़ल को पढ़ने के बाद जब दाद देने के लिये टिप्पणी का बक्सा खोला तो गुरू जी ने कुछ इस अदा से तारीफ़ की है कि उसके आगे कुछ कहना बेमानी होगा...
सारे के सारे शेर और उनका अलग-सा अंदाज़ कहने का----बस वाह वाह वाह

Gyan Dutt Pandey said...

खुद को नित टटोलने की नसीहत गांठ बांध ली है!

राजीव तनेजा said...

हर शेर पे वाह-वाह करने को जी चाहता है ...


बढिया गज़ल

महावीर said...

नीरज जी, आपकी इस ग़ज़ल के बारे मैं क्या कहा जाए! एक तरफ़ आपकी क़लम का कमाल और उस पर प्राण साहेब की रहनुमाई। जो भी कहा जाएगा कम ही लगेगा। फिर भी कहना पढ़ रहा है कि बहुत ही उम्दा ग़ज़ल है।
महावीर शर्मा

Tarun said...

नीरज जी, लाजवाब हैं शेर खासकर पहला और अंतिम तो कमाल के हैं।

Puneet said...

बहुत ही उम्दा रचना है, दिल को छू गई.
धन्यवाद

Dr. Chandra Kumar Jain said...

बहुत साफ़ दिन की
बेहद पाक ग़ज़ल.
==================
शुक्रिया नीरज जी
डॉ.चन्द्रकुमार जैन

नीरज गोस्वामी said...

कलकत्ता से संजय सिंह जी का सन्देश जो ई-मेल द्वारा प्राप्त हुआ.

"भैया जिंदगी जीना तो आपसे सिखा हीं हूँ, और खुस भी रहता हूँ लेकिन आप इतना अच्हा सोच कैसे लेते हैं

यह मेरे समझ में कभी नहीं आया.

"प्यारी -प्यारी सी लगेगी जिंदगी
आप अपने दिल को भोला कीजिये"

आप की यह दो पंक्ति मेरे दिल को बहूते भोला कर दिया हैं. बहुते अच्हा लिखें हैं
संजय"

Science Bloggers Association said...

आज यह गजल दुबारा पढी और फिर से बधाई दिए बिना खुद को रोक न सका।

कडुवासच said...

बहुत ही प्रभावशाली गजल!!!!!!

रविकांत पाण्डेय said...

बेहद सशक्त लेखन! पूरी गजल जेहन में उतर गई।

Harshad Jangla said...

नीरज जी की इतनी सुंदर ग़ज़ल को सोने से तोला कीजिये |
बहुत खूब नीरज भाई
Can u tell the meaning of Talkhiyan?

-हर्षद जांगला
एटलांटा , युएसए

PREETI BARTHWAL said...

बहुत ही खूब लिखा है।
हर शेर पर वाह कहे बिना रहा नहीं गया।

Dr.Bhawna Kunwar said...

बहुत खूब...