Monday, August 26, 2013

हर तस्वीर अधूरी है


 (पेशे खिदमत है ,छोटी बहर में एक निहायत सादा सी ग़ज़ल) 


ये कैसी मजबूरी है 
जो लोगों में दूरी है 

क्यूँ फिरता पगलाया सा 
तुझमें ही कस्तूरी है 

बात सुई से ना सुलझे 
तो तलवार जरूरी है 

तुम बिन मेरे जीवन की 
हर तस्वीर अधूरी है 

जाता है जो मंजिल तक 
वो रस्ता बेनूरी है  

देख किसी को मुस्काना 
अब केवल दस्तूरी है 

देखा 'नीरज' को मुड़ कर 
ये क्या कम मशहूरी है ?

27 comments:

Madan Mohan Saxena said...

तुम बिन मेरे जीवन की
हर तस्वीर अधूरी है

जाता है जो मंजिल तक
वो रस्ता बेनूरी है

रोना धोना भावुकता
अब केवल दस्तूरी है

देखा 'नीरज' को मुड़ कर
ये क्या कम मशहूरी है ?

Superb.

Manish aka Manu Majaal said...

छोटी बहार में नापी,
'नीरज' ने लम्बी दूरी है :)

लिखते रहिये ..

कालीपद "प्रसाद" said...

लाजवाब ,सरल सहज शब्दों में उत्तम अभिव्यक्ति नीरज जी
latest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?

Parul Singh said...

ये सादा सी गजल है सर ? कमाल गज़ल है

बात सुई से ना सुलझे
तो तलवार जरूरी है

देखा 'नीरज' को मुड़ कर
ये क्या कम मशहूरी है ? वाह वाह .....

प्रवीण पाण्डेय said...

पीड़ा का बातें आधी पर,
चुभती मन में पूरी हैं।

दीपक बाबा said...

क्यूँ फिरता पगलाया सा
तुझमें ही कस्तूरी है



क्या बात है नीरज साहेब,
तुझमे ही कस्तूरी है.


शुभकामनाएं

नीरज गोस्वामी said...

Received on mail:-

Namaste Neeraj Uncle..
Donon Virodhabhasee ashar hain.. ek aur to logon men doori ki majboori aur dusari aur "Neeraj G" aur aise hee anya logon ko Mudkar dekhana logon-logon men fark ko darsha raha hai. Aanad aa gaya..

ये कैसी मजबूरी है
जो लोगों में दूरी है

देखा 'नीरज' को मुड़ कर
ये क्या कम मशहूरी है?

Rgds Vishal

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह वाह !!! छोटी बहर बहुत सुंदर गजल ,,,

RECENT POST : पाँच( दोहे )

ashokkhachar56@gmail.com said...

बहुत बढ़िया ...

Mansoor ali Hashmi said...

बहुत खूब,

" 'नीरज' ही कस्तूरी है,
यह ख़ुश्बू जिससे फैली है."
http://mansooralihashmi.blogspot.com

तिलक राज कपूर said...

छोटी बह्र में ग़ज़ल कहना गहरे समंदर में तैरने के सहस से कम साहस नहीं मॉंगता है।श्
लाजवाब ग़ज़ल।

Anonymous said...

हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} किसी भी प्रकार की चर्चा आमंत्रित है दोनों ही सामूहिक ब्लौग है। कोई भी इनका रचनाकार बन सकता है। इन दोनों ब्लौगों का उदेश्य अच्छी रचनाओं का संग्रहण करना है। कविता मंच पर उजाले उनकी यादों के अंतर्गत पुराने कवियों की रचनआएं भी आमंत्रित हैं। आप kuldeepsingpinku@gmail.com पर मेल भेजकर इसके सदस्य बन सकते हैं। प्रत्येक रचनाकार का हृद्य से स्वागत है।

Anonymous said...

हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} की पहली चर्चा हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-001 में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar

नीरज गोस्वामी said...

Received on mail:-

सादगी की भी अपनी खूबसूरती है !

कुछ ही लफ्जों में गयी गज़ल बहुत ही उम्दा गज़ल !
Sarvjeet Sarv

प्रतिभा सक्सेना said...

छोटे-छोटे शब्दों भले बात समाई पूरी है !

Neeraj Neer said...

बहुत खूबसूरत ग़ज़ल

क्यूँ फिरता पगलाया सा
तुझमें ही कस्तूरी है

वाह! छोटी बह्र, गहरा असर ..

Dr. Shorya said...

छोटी बहर का जादू , बहुत सिखने को मिला, सादर

Pratibha Verma said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

सुनीता अग्रवाल "नेह" said...

sundar gazal .. jiwan ke kayi rang samet diye apne is chhoti si gazal me :)
ये कैसी मजबूरी है
जो लोगों में दूरी है

क्यूँ फिरता पगलाया सा
तुझमें ही कस्तूरी है
sadar jai shree krishna

राजीव कुमार झा said...

जाता है जो मंजिल तक
वो रस्ता बेनूरी है
देख किसी को मुस्काना
अब केवल दस्तूरी है
बहुत सुन्दर.
(http://dehatrkj.blogspot.com)

रश्मि शर्मा said...

लाजवाब..

नीरज गोस्वामी said...

bhai, namasty
very gud, regds
- om sapra

Regards
O P Sapra
9818180932

दिगम्बर नासवा said...

छोटी बहर की इस लाजवाब गज़ल पे वाह वाह ही निकलता है नीरज जी ... कमाल के सभी शेर हैं ...

अरुण चन्द्र रॉय said...

sundar rachna

इस्मत ज़ैदी said...

तुम बिन मेरे जीवन की
हर तस्वीर अधूरी है

देख किसी को मुस्काना
अब केवल दस्तूरी है

बहुत ख़ूब नीरज भैया !

Onkar said...

बहुत प्रभावी पंक्तियाँ

संजय भास्‍कर said...

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार २६ मई 2016 को में शामिल किया गया है।
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !