Thursday, January 24, 2008

हसरतों की इमलियाँ


(एक बच्चों जैसी व्यस्क गुड़िया के नाम जिसका आज जन्म दिन है )

याद करने का सिला मैं इस तरह पाने लगा
मुझको आईना तेरा चेहरा ही दिखलाने लगा

दिल की बंजर सी ज़मी पर जब तेरी नज़रें पड़ी
ज़र्रा ज़र्रा खिल के इसका नाचने गाने लगा

ज़िस्म के ही राजपथ पर मैं जिसे ढ़ूढ़ा सदा
दिलकी पगडंडी में पे वोही सुख नज़र आने लगा

हसरतों की इमलियाँ गिरती नहीं हैं सोच से
हौसला फ़िर पत्थरों का इनपे बरसाने लगा

रोक सकता ही नहीं हों ख्वाइशें जिसकी बुलंद
ख़ुद चढ़ा दरिया ही उसको पार पहुँचने लगा

तेरे घर से मेरे घर तक रास्ता मुश्किल सही
मैं चला तो रास्ता आसान हो जाने लगा

बावरा सा दिल है मेरा कितना समझाया इसे
ज़िंदगी के अर्थ फ़िर से तुझ में ही पाने लगा

सोचने में वक्त "नीरज" मत लगाना भूल कर
प्यार का़तिल से करो गर वो तुम्हे भाने लगा

13 comments:

  1. बहुत बढ़िया भैया...पढ़कर अच्छा लगा...

    इस बच्चों जैसी वयस्क गुड़िया को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई...

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  2. बच्चों जैसी वयस्क गुड़िया के जन्मदिन पर बधाई।
    क्या सन्योग है कि आज हमने भी अपनी बच्चों जैसी वयस्क बिटिया पर एक पोस्ट लिखी है।
    अपनी वाणी के लिये भी मैं गुनगुनाना चाहता हूं -
    बावरा सा दिल है मेरा कितना समझाया इसे
    ज़िंदगी के अर्थ फ़िर से तुझ में ही पाने लगा।

    बहुत सुन्दर!

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  3. नीरज जी, अब यह समझ नहीं आ रहा कि नैट पर बैठ कर हाथ से ताली बजाता हुया अगर किसी को दर्शाना हो, तो वह किस स्माईली का इस्तेमाल करे। हसरतों की इमलियां...वाह जनाब वाह..
    और हां, मिष्टी के जन्मदिन की हार्दिक बधाईयां---भगवान करे यह नन्ही सी देवी अपनी मिठास के दुनिया की कड़वाहट को खत्म कर दे । आमीन .....मेरी तरफ से भी उस के सिर पर आशीषों से लबालब भरा हुया हाथ फेर दीजिएगा।

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  4. aapki bachchi ko janmdin ki dheron shubhkaamnayen.Aapka snehasheesh kar sada uske mastak par vidyamaan rahe yahi ishwar se prarthna hai.

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  5. "सोचने में वक्त "नीरज" मत लगाना भूल कर
    प्यार का़तिल से करो गर वो तुम्हे भाने लगा"

    "तेरे घर से मेरे घर का रास्ता मुश्किल तो है
    नाम तेरा ले के निकला सारा डर जाने लगा"

    बहुत खूब. बहुत ही अच्छे ख्यालों को खूबसूरती से शब्दों का जामा पहनाया आपने.
    एक एक शेर मन की गहराई तक उतरता है. आपकी गजले एक बैचैनी के साथ साथ सुकुन भी देती है.
    अद्भुत है आपका लेखन.
    आप धन्य है.

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  6. हमारी और से भी जन्म-दिन की बधाई आपकी गुड़िया को...गजल बहुत खूबसूरत लगी...

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  7. बहुत ही खट्टी मिट्ठी सी गजल है ..गुडिया के जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई नीरज जी

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  8. सुंदर!!
    बच्चों जैसी वयस्क गुड़िया को हमारी भी शुभकामनाएं

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  9. गुडिया के जन्म दिवस की बहुत शुभ कामनाएँ - बार बार दिन ये आए
    चूंकि खाली पीली नाईंसाफी है इसलिए (माफी समेत) -
    ["लड्डूओं के वक्त इस नीरज को जाने क्या हुआ
    मिठाईयों के दिन, फकत इमली से टरकाने लगा?"]

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  10. गुडिया को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं।

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  11. हमारी ओर से भी हार्दिक शुभकामनाए।

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  12. हमारी ओर से गुड़िया को हार्दिक शुभकामनाएँ.आपकी
    गज़ल अच्छी लगी.

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  13. नीरज जी बहुत ही सुन्दर लिखा है, देर से ही सही पर हमारी भी शुभकामनाएं बिटिया तक पंहुचे

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तुझको रक्खे राम तुझको अल्लाह रक्खे
दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रक्खे