Monday, October 13, 2025
किताब मिली -शुक्रिया -23
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हमारी आंख में खद्दर के ख़्वाब बिकते थे तुम आए और यहां बोस्की के थान खुले ये कौन भूल गया उन लबों का ख़ाका यहां ये कौन छोड़ गया गुड़ के मर...
Monday, December 2, 2024
किताब मिली - शुक्रिया - 22
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दुखों से दाँत -काटी दोस्ती जब से हुई मेरी ख़ुशी आए न आए जिंदगी खुशियां मनाती है * किसी की ऊंचे उठने में कई पाबंदियां हैं किसी के नीचे गि...
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Monday, November 25, 2024
किताब मिली --शुक्रिया - 21
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जो तू नहीं तो ये वहम-ओ-गुमान किसका है ये सोते जागते दिन रात ध्यान किसका है कहां खुली है किसी पे ये वुसअत-ए -सहारा सितारे किसके हैं ये आसम...
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Monday, November 11, 2024
किताब मिली - शुक्रिया - 20
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तू है सूरज तुझे मालूम कहां रात का दुख तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद लौट आए ना किसी रोज़ वो आवारा मिज़ाज खोल रखते हैं इसी आस पे ...
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Monday, November 4, 2024
किताब मिली -शुक्रिया - 19
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ऐ हमसफ़र ये याद रख, तेरे बिना यह ज़िंदगी कि सिर्फ़ धड़कनों की खींच-तान है, थकान है रहे जब उसके दिल में हम, तो हम को ये पता चला वो बंद खिड...
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