एक ग़ज़ल यूँ ही बैठे -ठाले
कौन कहता है छुप के होता है
क़त्ल अब दिन दहाड़े होता है
गर पता है तुम्हें तो बतलाओ
इश्क कब क्यों किसी से होता है
ढूंढते हो सदा वहाँ उसको
जो हमेशा यहाँ पे होता है
धड़कनें घुँघरुओं सी बजती हैं
दिल जब उसके हवाले होता है
आरज़ू क्यों करें सहारे की
आसमाँ किस सहारे होता है ?
चीख कर क्यों सदायें देते हो
जब असर बिन पुकारे होता है
उम्र ढलने लगी समझ 'नीरज '
दर्द अब बिन बहाने होता है
खूबसूरत ग़ज़ल...हर शेर सटीक...
ReplyDeleteबढ़िया ग़ज़ल
ReplyDeleteआरज़ू क्यों करें सहारे की
आसमाँ किस सहारे होता है ?
फिर भी पूछते हो ..
इश्क कब क्यों किसी से होता है ....ये सहारा नहीं तो और क्या है ...?
Bahut mubaarak....
ReplyDelete"ढूंढते हो सदा वहाँ उसको
जो हमेशा यहाँ पे होता है"
Waaaaaaah bahut khoob..... Kya kahney ......Raqeeb Lucknowi
आरजू क्यों करें सहारे की
ReplyDeleteआसमां किस सहारे होता है?
बहुत खूब क्या शेर कही.... साधुवाद
दिल खुश हुआ हुजूर।
ReplyDeleteइस उम्र में जानकर क्या करेंगे कि ''इश्क कब क्यों किसी से होता है ''
खूब लिखा है सर जी 'यूँ ही बैठे- ठाले'
ReplyDelete"धड़कने घुंघरुओं सी बजतीं,
जब दिल किसी के हवाले होता है "
Har Sher Umdaa Hai . Mubaaraq .
ReplyDeleteउम्र ढलने लगी समझ 'नीरज '
ReplyDeleteदर्द अब बिन बहाने होता है
ACHCHI GAZAL
सही कहूँ तो आपने अरसे बाद बातें कीं. लेकिन अच्छी कीं.
ReplyDeleteजवाब नहीं -
आरज़ू क्यों करें सहारे की
आसमाँ किस सहारे होता है ?
मुबारकां
बहुत सुंदर गज़ल।
ReplyDeleteवाह मजा आ गया ।
ReplyDeleteधड़कनें घुंघरूओं सी बजती हैं,,
ReplyDeleteआरजू क्यूँ करे सहारे की
,वाह हर शेर लाजवाब।
Received on mail:-
ReplyDeleteउम्र ढलने लगी समझ 'नीरज '
दर्द अब बिन बहाने होता है
very true.Beautiful gazal.
Parmeshwari Chaudhry
Received on Mail:-
ReplyDeleteBHAI NEERAJ JI
NAMSATY
THANKS FOR SENDING SUCH A NICE PIECE OF GAZAL,
ESPECEIALLY THESE LINE:-
चीख कर क्यों सदायें देते हो
जब असर बिन पुकारे होता है
उम्र ढलने लगी समझ 'नीरज '
दर्द अब बिन बहाने होता है
WHEN COMING TO DELHI NEXT TIME? MOST WELCOME--
-REGDS
-OM SAPRA
9818180932
Received on Mail:-
ReplyDeleteगर पता है तुम्हें तो बतलाओ
इश्क कब क्यों किसी से होता है
________वाह________
अच्छा है !
Aalam Khursheed
Received on mail:-
ReplyDeleteचीख कर क्यों सदायें देते हो
जब असर बिन पुकारे होता है
Sir,
Good morning!
Bahut kuchh seekha diya h en shabdo ne aur panktiyo ne.
Hats off
Ramesh Sachdeva
आरज़ू क्यों करें सहारे की
ReplyDeleteआसमाँ किस सहारे होता है ?
खूबसूरत अशआर नीरजजी
Received on Mail:-
ReplyDeletebahut achha
B.R.Vipallavi
बेहद खूबसूरत ग़ज़ल
ReplyDeleteReceived on e-mail :-
ReplyDeleteIs gazal ke ye sher dil ko chhu gaye..
गर पता है तुम्हें तो बतलाओ
इश्क कब क्यों किसी से होता है
आरज़ू क्यों करें सहारे की
आसमाँ किस सहारे होता है?
Vishal Mishra
गागर में सागर..बेहतरीन
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