आईये स्वतंत्रता दिवस पर हम सब मिल कर उस वतन को याद करें जो कभी अपना हुआ करता था और जो कभी फिर से अपना होगा. आज हम आमजन, काबुलीवाला के पठान की तरह, निर्वासितों सा जीवन जीने को मजबूर है क्यूँ के आज ये वतन हमारी अकर्मण्यता की वजह से लुटेरों, घूसखोरों, घोटाले बाजों, ढोंगीयों और संवेदन हीन लोगों के कब्ज़े में है. वक्त आ गया है के हम जागें और फिर से अपने उसी वतन को हासिल करें जिस पर हमें कभी नाज़ हुआ करता था.
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
(तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम ) - २
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझ पे दिल क़ुरबान ...
(माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू ) - २
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल क़ुरबान ...
(छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम ) - २
हम जहाँ पैदा हुए
उस जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल क़ुरबान ...
काबुली वाले की तरह निर्वासित जिंदगी ....
ReplyDeleteनीरज जी, जिन लोगों को आज १५ अगस्त की ठेकेदारी मिली हुई है ..... उनका बस चला तो देश का हर नागरिक एक दिन 'निर्वासित जिंदगी' ही जियेगा.....
भावुक गीत की प्रस्तुति के लिए आभार..
सच तो यह है कि देश से लोग नहीं बनते, लोगों से देश बनता है। हम सब धीरे-धीरे अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। लोग कौन हैं यह आत्मावलोकन हमें ही करना होगा।
ReplyDeleteस्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteक्या क्या याद दिला दिया नीरज जी...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
बहुत ख़ूबसूरत दिल को छू लेने वाली तख़लीक़ है ये जितनी बार भी सुनें आँख भर आती है
ReplyDeleteयौम ए आज़ादी मुबारक हो
bhavbheeni prastuti.
ReplyDeleteaaj ke din ki shubhkamnayen.
स्वतन्त्रता दिवस की शुभ कामनाएँ।
ReplyDeleteसच कहा नीरज जी.
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की शुभ कामनाएँ.
नायाब.
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की घणी शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete65वें स्वतन्त्रतादिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ!
काश आँखें खुल सकें .
ReplyDeleteसुन्दर भावनाएं ।
आपको और १२० करोड़ देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ।
बाकि बचे १ करोड़ लोगों को तो पी एम जी ने भी बधाई नहीं दी । क्योंकि शायद ये वे लोग हैं जिनके स्विस बैंकों में खाते हैं ।
जयहिंद ।
सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति
ReplyDelete, स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
भाई नीरज जी अद्भुत पोस्ट बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteभाई नीरज जी अद्भुत पोस्ट बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDelete"आज ये वतन हमारी अकर्मण्यता की वजह से लुटेरों, घूसखोरों, घोटाले बाजों, ढोंगीयों और संवेदन हीन लोगों के कब्ज़े में है. वक्त आ गया है के हम जागें और फिर से अपने उसी वतन को हासिल करें जिस पर हमें कभी नाज़ हुआ करता था."
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई
Happy independence day.
ReplyDeleteJai hind :-)
सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ भावपूर्ण कविता लिखा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
यह गीत सुनते ही आँखें नम हो जाती हैं।
ReplyDeleteसच कहा आपने
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की शुभ कामनाएँ.
मेरे नए पोस्ट
http://akshay-mann-muktak.blogspot.com/
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
ReplyDeletePREM DHAWAN KAA LIKHA YAH GEET
ReplyDeleteSADAA PRERNA DETAA RAHEGA . AAP
SABKO SWATANTARTA DIWAS KEE HARDIK
BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .
ऐ मेरे प्यारे वतन....
ReplyDeleteऐ मेरे बिछड़े चमन...
तुझ पे दिल क़ुरबान....
आमीन .....
स्वतन्त्रता दिवस की शुभ कामनाएँ
ReplyDeleteस्वतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएँ तथा वीर शहीदों को सलाम!
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteतिरंगे से जुदा इक दिन नये कुछ रंग देखेंगे
ReplyDeleteनहीं सोचा था हम जनतंत्र के ये ढंग देखेंगे।
लड़ाई लड़ रहे थे हम सभी मिलकर कभी लेकिन
किसे था ख़्वाब अपने घर में ही हम जंग देखेंगे।
नीरज भाई, काबुलीवाला की याद ताज़ा करने के लिये धन्यवाद।
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपको भी स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
ReplyDeleteis gaane me jadoo sa asar hai ,desh prem ki bhavna dil me umad padti hai ,jai hind ,swatantrata divas ki badhai .
ReplyDeleteकभी-कभी तो लगता है कि हम आज भी गुलाम ही हैं . ये राजनीति हमें कभी भी स्वतंत्र नहीं होने देगी.अच्छा लगा आपको पढ़ना.
ReplyDeleteबहुत सार्थक प्रस्तुति ......
ReplyDeleteस्वतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएँ तथा वीर शहीदों को सलाम!
सार्थक प्रस्तुति ....
ReplyDeleteतेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
ReplyDeleteचूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम ......स्वतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएँ....
हर पंक्ति बेमिसाल ...इस बेहरतीन प्रस्तुति के लिये बधाई ।
ReplyDeleteबिलकुल ठीक लिखा आपने
ReplyDeleteआज हर सच्चा हिन्दोस्तानी स्वयं को
उपेक्षित और असहाय महसूस कर रहा है ,,
देश की बागडोर फिर से कुछ संवेदन-विहीन लोगों के
हाथ में पहुँच चुकी है ...
मानना दा का खूबसूरत गीत याद दिलवा कर
बहुत उपकार किया आपने ...
शुभकामनाएं .
कृपया
ReplyDeleteऊपर टिप्पणी में
{मानना दा} की जगह
"मन्ना दा"
पढ़ें . . .
(टंकण त्रुटि)
इस गीत को सुनकर बस खड़े होकर सिर झुकाने की तबियत होती है!!
ReplyDeleteनीरज भाई!
ReplyDeleteएक गीत से इस वजनदार वतन के कई वजनदार व्यक्तित्व नजरों में झलमला उठे...शताब्दि वर्ष के पुरोधा विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर,उनकी कहानी ‘काबुलीवाला’ , जिसपर बनी इसी नाम की फिल्म जिसका गीत आपने उठाया, पूरा उठाया, अभिनेता - सम्राट् अभिनेता और लेखक बलराज साहनी, मन्नाडे जिन्होंने यह गीत गाया...संगीत और गीतकार जिन्होंने इसकी दिलफरेब धुन तैयार की..संगीतकार और गीतकार के नामों को लेकर भ्रम में हूं..कृपया आवश्यक समझें तो बताइयेगा कभी , यूं ही प्रसंगवश..
"आईये स्वतंत्रता दिवस पर हम सब मिल कर उस वतन को याद करें जो कभी अपना हुआ करता था और जो कभी फिर से अपना होगा. "
ReplyDeleteकाफी तीखापन है इन पंक्तियों में. बधाई स्वीकारें
मन्ना दा का गाया .. फिल्म काबुली वाला ... अगर सही है तो बलराज साहनी ... वाह नीरज जी किन पुरानी यादों में उतार दिया आपने आज ...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ...
हाल ही में 'काबुलीवाला' देखी और तब पता चला कि यह गीत काबुल को याद करते हुए गाया जा रहा है. एक अच्छे संगीत की यह भी खूबी होती है.
ReplyDeleteशुभकामनाएं.
मेरा बहुत फेवरिट गीत. सभी फेवरिट. क्या लिखनेवाले और क्या गाने वाले.
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ReplyDelete(तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम ) - २
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझ पे दिल क़ुरबान
उत्तम प्रस्तुति नीरज भाई !
आप का दर्द और आप की संवेदनाएं महसूस कर सकता हूँ.
बदलेगा ...यकीनन एक दिन सब कुछ बदलेगा . यही विश्वास हमारी ताकत भी है
और ख़्वाब भी .............
आलम खुरशीद
Manna Dey saaahab ki gayki ka jaadu aaj bhi kayam hai... Deshprem se otprot geet padhwane ke liye dhanyawaad.....
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ReplyDeletegud ,bahut achhha laga, tujh pe dil kurban,
bharat maa par aapka yeh flag -presentation
congrats,
om sapra, delhi-9