Monday, December 7, 2009
मैं तस्वीर उतारता हूँ...
फोटोग्राफी मेरा शौक है लेकिन इस विधा में मैं पारंगत नहीं हूँ. मेरे ख्याल से फोटोग्राफी में जो सबसे अहम् बात है वो है आपकी आँख. आप किस वक्त क्या, कैसे देखते हैं, ये बहुत महत्वपूर्ण है . उसके बाद कैमरे की गुणवत्ता और आपके हुनर का नंबर आता है. दरअसल ये सब कुछ होने के बावजूद एक चीज और जरूरी है वो है किस्मत...आप किस समय कहाँ हैं और कैमरे की आँख से क्या पकड़ पाते हैं ये सब आपके हाथ में नहीं होता. बहुत बार बहुत अच्छा दृश्य होने के बावजूद रौशनी या कैमरा आपका साथ नहीं देता या फिर रौशनी और कैमरे का साथ सही होने पर जैसे दृश्य चाहें वैसे नहीं मिलते. अगर इन का सही संगम हो तो फोटोग्राफ यादगार बन जाता है.
भूमिका में ही आपका सारा समय नष्ट किये बैगैर मैं सीधे मुद्दे पर आता हूँ.
अभी कुछ दिनों पहले पूना में फोटोग्राफी प्रदर्शनी लगी हुई थी.एक शाम फैक्ट्री से सीधे प्रदर्शनी देखने जा पहुंचा. अपना सस्ता मोबाईल साथ था ही, उसी से खींची प्रदर्शनी में प्रदर्शित कुछ फोटो दिखाता हूँ जिनको देख मेरे मुंह से वाह निकल गयी थी..
प्रदर्शनी का नाम था "दृष्टिकोण" स्थल के मुख्य द्वार के बाहर लगे बैनर को देख कर ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल था की अन्दर इतनी खूबसूरत फोटो प्रदर्शित की गयी होंगीं.
प्रदर्शन हाल में कुछ फोटोग्राफी के घनघोर प्रेमियों को देखा जा सकता था .ये लोग आधे आधे घंटे तक एक ही फोटो के सामने खड़े उसकी कम्पोजीशन कैमरे के एंगल, रौशनी आदि तकनिकी बातों पर चर्चा कर रहे थे.
सबसे पहले मुझे शाम के आखरी पहर में झील के किनारे एक ठूंठ से दिखने वाले चित्र ने आगे बढ़ने से रोक दिया. आपजो देख रहे हैं वो असली चित्र का प्रतिबिम्ब मात्र है इसलिए हो सकता है की इसकी असली खूबसूरती पकड़ में ना सके, फिर भी काले, हलके नीले, बैगनी और नारंगी रंगों की छटा तो आप देख ही सकते हैं...
तार पर बैठे दो प्रतीक्षा रत छोटे पक्षी और दूर से उनकी और आती उनकी माँ का ये फोटो, फोटोग्राफर की अच्छी किस्मत का ही परिणाम है, क्यूँ की ये दृश्य क्षणिक है और उसे सही समय में पकड़ना इतना आसान नहीं है.
इसी तरह एक पक्षी द्वारा अपने शिकार को खाते हुए का ये फोटो दांतों तले ऊँगली दबाने को बाध्य करता है क्यूँ की इस फोटो में पक्षी ने अपने भोजन के लिए पकडे पतंगे को चौंच द्वारा काट कर दो टुकड़े कर डाले हैं और एक टुकड़ा टूट कर गिरता हुआ नज़र आ रहा है. ये भी किस्मत से सही समय पर लिया गया फोटो है.
पक्षी का ही एक और फोटो, फोटो ग्राफी कला का अनूठा नमूना है. इस फोटो में पक्षी के पंखों से झरती रौशनी को क्या खूब कैद किया है. मेरी नज़र में ये एक दुर्लभ फोटो है. विशेषग्य शायद इस बारे में कुछ और राय रखें लेकिन मुझे ये चित्र ग़ज़ब का लगा.
ब्लैक एंड वहाईट याने श्वेत श्याम फोटो अब गुज़रे कल की बात हो गयी है. कुछ फोटो ग्राफर अब भी ये मानते हैं की जो तिलिस्म श्वेत श्याम फोटो से पैदा होता है, रंगीन फोटो उस तक नहीं पहुँच सकती. इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित दो चार श्वेत श्याम चित्र इस बात की पुष्टि भी करते नज़र आये. आप बताएं क्या ये भावी सचिन तो नहीं?
इसी कड़ी में एक लद्दाखी वृद्ध महिला का अपने चश्मे को पोंछते हुए का फोटो भी उलेखनीय है. फोटो ग्राफर इसके लिए प्रशंशा का पात्र है.
पोर्ट्रेट फोटोग्राफी में खासी अहमियत रखता है. स्टूडियो की चार दिवारी में पोर्ट्रेट खींचना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है लेकिन उस चार दिवारी के बाहर कोई पोर्ट्रेट खींचना बहुत मुश्किल काम है. आप इस फोटो को देख कर शायद मेरी बात पर यकीन करें.
एक और चित्र जिसने मुझे ठिठकने पर मजबूर किया वो था एक प्रतीक्षा रत युवती का. इस चित्र का गहरा प्रभाव देखने वाले के साथ दूर तक चलता है.
आयीये अब जरा रंगों का खेल देखा जाए. सबसे पहले देखते हैं एक नदी में सूर्यास्त के समय एकाकी नौका का ये फोटो जो हतप्रभ कर देता है. ढलता सूर्य कहीं नहीं है लेकिन उसकी लालिमा से सारा माहौल लाल हो गया है .
इसी लालिमा को अब देखते है आकाश पर. इन चित्रों को देख कर भरत व्यास जी का गीत " ये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकार ..." याद आ जाता है.
अब देखिये अजीब विरोधाभास इस फोटो में. होली के रंगों के बीच एक सफ़ेद कपडे पहना व्यक्ति अपने आपको लगता है बहुत असहज महसूस कर रहा है.
नृत्य और रंगों का एक गहरा सम्बन्ध है. नृत्य उल्हास का प्रतीक हैं और रंग भी तभी अधिकाँश नृत्यों में रंग बिरंगे वस्त्रों का उपयोग किया जाता है.शायद ही कोई नृत्य बिना श्रृंगार और तड़क भड़क वाले रंगीन कपड़ो के संपन्न किया जाता हो. इसी बात को फोटो ग्राफर ने अपनी इस फोटो में प्रदर्शित किया है.
इस प्रदर्शनी में सौ से ऊपर फोटो प्रदर्शित किये गए थे जिनमें से कुछ को ही मैं आप तक पहुंचा पाया हूँ. उम्मीद करता हूँ की मेरी ये पोस्ट भी पिछली बार की 'रंगोली' की तरह ही पसंद की जाएगी. आप अपने उदगार व्यक्त करें ताकि भविष्य में इस तरह के काम और भी किये जाएँ.
आपने तो पूरी फ़ोटो प्रदर्शनी के दर्शन ही करवा दिये और बहुत बारीकी से उन सबको समझाया भी।
ReplyDeleteशानदार पोस्ट।फ़ोटोग्राफ़ी अपने भी बस की नही है लेकिन बहुत से फ़ोटोग्राफ़रों के साथ काम किया है।आपने सही कहा है,आंख,कैमरा और समय के सही इस्तेमाल से ही लाजवाब तस्वीर बनती है।एक बात और ब्लैक एन वाईट तस्वीरों मे कैमरे से ज्यादा कैमरा इस्तेमाल करने वाले की गुणवत्त्ता का पता चलता था,मगर अब तो टेक्नोलाजी का ज़माना है।लाजवाब प्रदर्शनी की शानदार पुनर्प्रस्तुती।
ReplyDeleteकमाल का संयोग है ये तो नीरज जी। आज मैंने भी अपने ब्लौग पर कुछ फोटोग्राफ्स लगाये हैं और इधर आपने भी।
ReplyDelete...और क्या कमाल का खजाना उठा लाये हैं आप।
लाजबाब चित्रण शानदार नीरज जी !
ReplyDeleteफोटोग्राफी को लेकर आपके ज्ञान का कायल हो गया हूं । मैं स्वयं भी फोटोग्राफी का बहुत शौकीन हूं लेकिन आज तक कोई सही कैमरा नहीं मिल पाने के कारण शौक शौक ही रहा है । आपने जो चित्र छांटे हैं वे सचमुच ही अनूठे हैं उनमें जो रंग संयोजन है वह बहुत सुंदर है । विशेष्कर नृत्य वाले चित्र तो अनोखे हैं । किन्तु मैंने आपको पहले भी कहा है कि अलग कार्यों के लिये अलग ब्लाग बनाएं और यहां पर तो आप हर सप्ताह अपनी ग़ज़ल ही दें क्योंकि मेरे जैसे आपकी ग़ज़लों के प्रशंसकों के लिये दो तीन सप्ताह तक आपकी ग़ज़लों की प्रतीक्षा करना क
ReplyDeleteष्टप्रद होता है । आशा है आप अनुरोध पर गौर करेंगें ।
बहुत खूबसूरत फोटोस हैं.........
ReplyDeleteपुस्तक हो , जीवन के छोटे बडे पल हों या कोई प्रदर्शनी हो आपकी पारखी नज़र गहरे तक उस मे से मोती चुन लाती है बहुत सुन्दर तस्वीरें आपके माध्यम से ही प्रदर्शनी देख ली धन्यवाद और शुभकामनायें
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत फोटो हैं ..शुक्रिया नीरज जी इन्हें यहाँ शेयर करने के लिए
ReplyDeleteआज आँखों को शीतलता प्रदान करने के कई वायस मिल गये पहले वीर जी..! अभ आप....!
ReplyDeleteसारे चित्र शाननदार....!
आपने इतने दमदार फोटो दिखाए कि जिनसे कला का अनूठा प्रदर्शन होता है . आपका बहुत बहुत शुक्रिया इन्हें दिखाने के लिए
ReplyDeleteइतने खूबसूरत फोटो पर आपकी पैनी नज़र का कमाल हम देख रहे हैं नीरज जी ......... एक बार आप भी अपने ब्लॉग पर अपने चित्रों की प्रदर्शनी लगाएँगे तो और भी मज़ा आ जाएगा .......... आपका शोंक और जानकारी देख कर लगता है की आपके पास अपनी खींची फोटो का भी ख़ज़ाना मौजूद है ..........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर फोटो हैं। धन्यवाद।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
बहुत खूबसूरत फोटोग्राफी
ReplyDeleteregards
लाजबाब.. एक से बढ़ कर एक..
ReplyDeleteनीरज जी , फोटोज तो कमाल के हैं, और फोटोग्राफर्स की प्रतिभा को बखूबी दर्शाते हैं।
ReplyDeleteसाथ ही आपका फोटोग्राफी प्रेम और पैनी नज़र का भी आभास अच्छी तरह हो रहा है।
एक सुंदर मनमोहक पर्दर्शिनी से रूबरू कराने के लिए आभार।
एक नज़र ज़रा चित्रकथा पर भी।
गजब के सुन्दर फोटो। वैसे हम सुन्दर फोटो देखने के शौकिन है:)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर फोटो हैं , प्रदर्शनी में घूमकर अच्छा लगा । धन्यवाद !
ReplyDeleteमनमोहक चित्रों से सजी हुई
ReplyDeleteइस लाजवाब पोस्ट के लिए बधाई!
एक से बढ़कर एक बढ़िया फोटो. गजब की पोस्ट है. इसके पहले वाली पोस्ट जो रंगोली पर थी, और उसके बाद ये पोस्ट....कमाल है. कुछ दिनों बाद मैं कहना शुरू करूंगा कि नीरज भैया गजल भी लिखते हैं....:-)
ReplyDeleteपुणे आकर इतनी खूबसूरत प्रदर्शनी को अपने कैमरे में कैद किया और हमें दिखाया......हमसब भी घूम लिए
ReplyDeleteलाजवाब चित्रो की प्रदर्शनी हमने तो आपकी नज़रो से घर बैठे ही देख ली.
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक। लाजवाब।
ReplyDeleteवाह!! लग रहा है जैसे चित्र बोल देंगे...बेहतरीन पोस्ट...चित्र के चित्र खींचना भी एक कलाकारी ही है..आपको बधाई.
ReplyDeleteवैसे आप के द्वारा उतारी गई तस्वीरे भी कुछ कम नही . प्रदर्शनी की बात नही आपके खीचे गये पहले फोटो के बारे मे बात कर रहा हूं .
ReplyDeleteK H O O B S U R A T
ReplyDeletewahwa
.
ReplyDelete.
.
खूबसूरत छायाचित्र...
और उनसे भी खूबसूरत वर्णन...
आभार!
... प्रसंशनीय फ़ोटोग्राफ़्स !!!!
ReplyDeleteDarshaniya Photo Dirgha hai.
ReplyDeletewaah! bahut hi khubsurat!adbhut!
ReplyDeleteaisa laga jaise pradarshani dekh rahe hon.
bahut bahut abhaar.
लाजवाब फ़ोटोस और सुन्दर वर्णन
ReplyDeleteसचमुच आज का दिन कुछ ख़ास है,एक से एक नयनाभिराम छटाओं के दर्शन हो रहें हैं...प्रदर्शनी तो निस्संदेह ख़ूबसूरत होगी ही पर आपकी पारखी नज़र ने भी तस्वीरों का चयन बड़ी सजगता से किया है...शुक्रिया इतने सुन्दर चित्रों से रूबरू करवाने का.
ReplyDeleteनीरज जी, बस एक शेर में अपनी बात कहने की कोशिश करता हूं
ReplyDeleteमरहबा तेरा तसव्वुर, आफरीं तेरा शऊर
ऐसा जादू भर दिया रंगों का इक तस्वीर में
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
SIMPLY -- BEAUTIFUL !!!!
ReplyDeleteखूबसूरत छायाचित्र.
ReplyDeleteहिन्दीकुंज
एक दो चित्र सेव कर रहा हूं ..बेक ग्रायुंड बनाने के वास्ते .इज़ाज़त है ?
ReplyDeleteखूबसूरत तस्वीरें, बढ़िया रिपोर्ट।
ReplyDeleteसुन्दर चित्र संचयन!
ReplyDeletebahut hi parkhi nazar rakhte hain aap.........gazab ke chitra hain...........bahut hi gahanta liye aur utni hi gahanta se aapne unka varnan kiya.........badhayi.
ReplyDeleteaapne to pradarshni ki sair kara di maza aa gaya,thanks.
ReplyDeleteE-mail received from Sh.Chaand Shukla Ji:-
ReplyDeleteकमाल कर दिया है
रुमाल कर दिया है
चाँद
E-mail received from Om Sapra Ji:-
ReplyDeleteshri neeraj ji
very good photos with a simple mobile.
congrats.
-om sapra
E-mail received from Bupendra Singh Ji:-
ReplyDeleteआदरणीय नीरज भाई ,
आपकी खींची तस्वीरे देख कर तय करना मुश्किल हो गया कि आप कि कला श्रेष्ठ है या उम्दा कैमरों से खींची ये तस्वीरे /
कुछ भी हो आभार आपका कि घर बैठे इतनी क्लासिकल फोटो दिखा दिए /
मुझे बताइए कैसे पोस्ट में फोटो डाला जाता है ,जानना है मुझे /कैसे हैं आप?लिखियेगा /
आपका ही ,
Dr.bhoopendra
Rewa M.P
नयनाभिराम तस्वीरें आपने lagayi hai ... बधाई...
ReplyDeleteआदरणीय नीरज जी बहुत बहुत शुक्रिया .......
ReplyDeleteइन चित्रों के लिए....
आपने बहुत ही खुबसरती से सारे चित्रों का वर्णन किया है जिससे यह और भी बेहतरीन बन गई हैं.....
आपसे बहुत कुछ सिखने को मिलता है....
धन्यवाद....
best reporting
ReplyDeletekoi bhi chitra apane aap me ek jeevan hota he, aour jab koi chitra ukerta he yaa kheenchataa he to jeevan ko ked kar use nayaa aakaar detaa he, yah dena hi ishvariya kriyaa he,,,aapke dvara liye gaye pradarshni ke chitr aour unki shabdik vyakhyaa bahtreen he/
ReplyDeleteaapse mulakat hogi kabhi yah taya he,,mazaa aayegaa kyoki photo kheechane aour tasveere banaane ka shouk mujhame bhi he..//
शुक्रिया नीरज जी।
ReplyDeleteमेरा असली ब्लॉग तो अंतर्मंथन है। जहाँ मैं हफ्ते में दो बार लिखता हूँ।
कृपया वहां भी पधारें।
waah! bahut hi khubsurat
ReplyDeleteफोटोग्राफ्स तो खूबसूरत हैं ही पर आपने भी मोबाइल से उन्हें बेहद खूबसूरती से उतारा है हमारे लिये और साथ ही आपकी टिप्पणियां भी बहुत सटीक ।
ReplyDeleteआपकी फोटोग्राफी बोध के क्या कहने । शुक्रिया , बैठे बैठाये प्रदर्शनी देख लिए ।
ReplyDeletebahut badhiya taswiren hain,,, aapke kahe par maine photo laga di hain, quality aap jaisi nahi hai, lekin jo bhi hai,,, kaam chal jayega...
ReplyDeleteमुझे तो जब कभी ऐसा देखने को मिलता है मैं जोर से बोलता हूँ 'जय इंटरनैट बाबा की'। अब देखिये फोटो खींचे किसीने, उस फोटो के फोटो खींचे आपने और देख रही है दुनिया। है न कमाल की दुनिया।
ReplyDeleteएक झटपट शेर हो जाये इस पर:
सारी कुदरत कमाल है लेकिन,
कौन ऐसा कमाल रचता है।
प्रदर्शनी के दर्शन कराने के लिये आभार।
तिलक राज कपूर
नीरज जी,
ReplyDeleteएकदम सच कहा...
किस्मत बहुत मायने रखती है...
बाकी देखने का नजरिया....
सभी फोटो बहुत अच्छे लगे,,
और हाँ,
ब्लैक एंड वाईट में जो बात होती है..वो कलर्स में नहीं दिखती हमें..
कलर्स आने से कई चीजें उलझ कर रह जाती हैं... कई बार..
Apne to pura Exhibition hi utar diya....chaliye ham logon ko baithe-baithe darshan huye.
ReplyDeleteनीरज भाई, सिर्फ एक शब्द बार बार ध्वनित हो रहा है-- कमाल . मैं तो अचम्भित हो गया. तस्वीरें बोल रही हैं. हर तस्वीर एक मुकम्मल कथा है. यह कलेक्शन देने के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteमैं लम्बे अरसे के बाद आया हूँ, कुछ बीमारी बाकी नौकरी, खैर अब कुछ फुर्सत मिली है, उम्मीद है आपने बुरा जरूर माना होगा, लेकिन मैं इतनी दूर हूँ कि आप बुरा कर भी तो नहीं सकते थे.
अब मुझे आप की नई नवेली गजल दरकार है, जरा जल्दी रहे.
यदि आप पक्षियों की तस्वीरें देखना चाहते हैं, तो मैं आपको अपना ब्लॉग साझा करता हूं।
ReplyDeletehttps://avesdecordobayargentina.blogspot.com