Friday, September 5, 2008
नमन, नमस्ते, नमस्कार
लीजिये मेरे ब्लॉग को प्रकाश में आए आज एक साल हो गया...पीछे मुड कर देखता हूँ तो हैरत होती है की कैसे पलक झपकते ही एक साल बीत गया. अभी कल सी बात लगती है जब शिव ने कहा था भईया आप का एक ब्लॉग बना रहा हूँ, आप इसमें पोस्ट किया कीजिये. ब्लॉग बन गया एक ग़ज़ल पोस्ट की इंतज़ार किया की देखें कौन पढता है...किसी ने नहीं पढ़ी. चिंतित हो कर ज्ञान भैय्या से गुहार लगाई और उन्होंने अपने ब्लॉग पर मेरे ब्लॉग तक पहुँचने का लिंक दिया ये कहते हुए की भाई एक शायर पैदा हुआ है ब्लॉग जगत में उसकी हौसला अफजाही करो. शिव ने इस बीच एक पोस्ट ही हमारे नाम पर ठेल दी, जिसमें उन्होंने हमारी बिना बात ही खूब तारीफ कर दी.
उस पोस्ट को पढ़ कर या पता नहीं हमारी अंतरात्मा की आवाज को सुन कर कुछ ब्लोगर भाई बहिन आए और साथ ही लाये कॉमेंट्स की सौगात. ब्लॉग ने मुझ साधारण से इंसान का परिचय बहुत से असाधारण लोगों से करवाया. कुछ से परिचय इतना बढ़ा, की लगा ही नहीं ये कभी अजनबी, अपरिचित थे.
आज की पोस्ट में मैं उन सब को याद करते हुए नमन, नमस्ते, नमस्कार, प्रणाम,सत श्री अकाल, सलाम और हाय करता हूँ.
१ ब्लोगर जिनसे मैं मिला.
इसे मेरा दुर्भाग्य कहिये की लाख कोशिशों और निमंत्रण देने के बावजूद मुझे अधिक ब्लोगर्स से मिलने का सौभाग्य प्राप्त अभी तक नहीं हुआ. जिन चंद ब्लोगर्स को मिल पाया हूँ वो हैं उड़न तश्तरी में विचरण करने वाले समीर भाई, अपनी कॉफी से रिझाने वाले कुशजी, अपनी पाक कला और कलम का लोहा मनवाने वाली अनीता जी, हिन्दी की गरिमा बढ़ाने वाले कवि कुलवंत जी और अपनी कहानियो से मायावी संसार रचने वाले भाई सूरज प्रकाश जी.
२. ब्लोगर जिनसे नहीं मिला लेकिन लगता है कि मिला हूँ
ऐसे परम प्रिय मित्रों की सूची लम्बी है जिनसे बिना मिले हरदम मिले जैसा अनुभव होता है. ये दिल के इतने करीब हैं की लगता ही नहीं अपरिचित हैं. इन लोगों से परिचय जीवन की एक उपलब्धि है. इन मित्रों को मैं दो श्रेणियों में रखता हूँ एक तो वो जिनकी आवाज सुनता रहता हूँ और दूसरे वो जिनका पत्र मिलता रहता है.
2a: आवाज के मित्र
छोटे भाई शिव कुमार मिश्रा और ज्ञान भईया के अलावा जिनकी आवाज ने मुझे संबल दिया है उनमें भाई पंकज सुबीर जी और द्विज जी का नाम आता है. उस वक्त जब ग़ज़ल के अथाह सागर में हाथ पाँव मारते हुए मैं तैरने की कोशिश कर रहा था तब इन्ही दो महानुभावों ने मुझे सिखाया की कैसे तैरा जाता है...हाथ पाँव मारने और तैरने में जो अन्तर है वो इन्होने समझाया और बड़े प्रेम से समझाया. आज भी जब कभी लेखन में मुझे दुविधा होती है ये मेरा मार्ग दर्शन करते हैं. कवि श्रेष्ट भाई राकेश खंडेलवाल जी ने समय समय पर मेरा उत्साह बढाया है, पंकज औधिया जी ने कई बार ये कह कर की मैं आप से मिलने आरहा हूँ अपना वादा तोडा है , इसके अलावा कलकत्ता के मीत साहेब से एक आध बार और बाल किशन महाराज से कई बार बात हुई है और आनंदित हुआ हूँ.
2b: पत्र के मित्र
अपने पत्रों से प्रेम प्रर्दशित करने वालों में अति संवेदन शील डाक्टर अनुराग, स्वर कोकिला पारुल जी, शब्दों के जादूगर भाई मनीष (जोशिम), ग़ज़ल सम्राट भाई मुदगिल जी, परम आदरणीय महावीर जी,दूर देश बैठीं बहिन मिनाक्षी जी, शब्दों का जादू बिखेरती छोटी बहिन स्वाति,अमृता प्रीतम की दीवानी रंजना जी, छोटी छोटी रचनाओं के माध्यम से जिंदगी सिखाने वाले भाई चंद्र कुमार जैन जी, रेडियो से सुर सरिता बहाने वाले युनुस भाई जी और सबसे पंगा लेने में उस्ताद अरुण जी सर्वोपरि हैं.
३. मेरे सहारे
ये वो लोग हैं जिनके होने से ही मैं हूँ. ये लोग मेरी ऊर्जा हैं, मुझे जिस स्थान पर मैं आज हूँ, वहां खड़े किए हुए हैं.मेरे अच्छे बुरे को इन्होने अपनाया है और अपने शब्दों से मुझे सहारा दिया है. ये वो लोग हैं जिनसे मिले उत्साह जनक शब्दों बिना शायद मैं आज ये पोस्ट ना लिख रहा होता. इन सब का नाम लेना बहुत मुश्किल का काम है क्यूँ की मैं नहीं चाहता इनमें से किसी भी एक का नाम छूट जाए, फ़िर भी डरते डरते कोशिश करता हूँ अगर कहीं भूल चूक हो जाए तो क्षमा कीजियेगा और इस भूल के लिए डांट भी लगाईयेगा.
चलिए शुरुआत करते हैं हास्यावतार आलोक पुराणिक जी से, और फ़िर लेते हैं अनूप शुक्ला जी, अनुनाद सिंहं जी, अखिलेश सोनी जी, बोधिसत्व जी ,अल्पना वर्मा जी, बसंत आर्य जी, अनिल रघुवंशी जी,अनिल चढ्ढा जी, अनूप भार्गव जी,बेजी जी, अनुराधा श्रीवास्तव जी, अनिल रघुराज जी,अजय कनोडिया जी,अजित जी,आशीष जी, अमिताभ फौजदार जी,अनुराग अन्वेषी जी,अनुराग आर्य जी,अतुल जी,अभिषेक ओझा जी, आशीष अंशु जी, बवाल जी,दीपांशु गोयल जी, अशोक पाण्डेय जी, इष्ट देव जी, जगत चंद्र जी, काकेश जी,क्रिशन लाल किशन जी,हर्षवर्धन जी,हेमज्योत्सना जी, कंचन सिंहं चौहान जी, जे.पी.नारायण जी, जीतेन्द्र भगत जी, इला जी, हर्ष जी,हरिमोहन जी,कुमुस्कन जी,घोस्ट बस्तर जी,हर्षद जंगला जी,खरी खरी जी,हनी हनी सब कुछ जी, नीलम जी, मोहिंदर जी,मनीष जी, प्रियंकर जी, घुघूती बासूती जी,परमजीत बाली जी, नीरज रोहिल्ला जी, प्रभाकर जी, महाशक्ति जी,महेंद्र मिश्रा जी, ममता जी, प्रवीण चौपडा जी,लवली कुमारी जी,मथुरा कोलोनी जी, प्रभाकर पाण्डेय जी,महामंत्री तस्लीम जी, पल्लवी त्रिवेदी जी, लावण्या जी, ललित मोहन जी, संजीत त्रिपाठी जी, शिरीष जी, सतेन्द्र श्रीवास्तव जी, रवि रतलामी जी, सुनीता(शानू) जी, सुभाष भौदौरिया जी, शोभा जी, राजीव जैन जी, सागर नाहर जी,रजनी भार्गव जी,विनोद कुमार जी, रीतेश जी, सृजन शिल्पी जी,विनय ओझा जी,राज यादव जी, तरुण जी, राज भाटिया जी, रोहित जी, रविन्द्र प्रभात जी, राजीव रंजन जी, राकेश रोशन जी, रक्षंदा जी, विजय चतुर्वेदी जी, रमेश पटेल जी,सीमा गुप्ता जी, विजय गौड़ जी, सुशील कुमार जी, श्रध्दा जैन जी, रंजन गोरखपुरी जी, जाकिर अली जी, शायद जी, ताऊ रामपुरिया जी, पूजा जी, नीतिश राज जी, स्मार्ट इंडियन जी,प्रीति बर्थवाल जी, रामपुरिया जी, अमर जी, राधिका जी,अमर ज्योति जी, चन्द्र मोहन गुप्ता जी ,चिराग जैन जी, विपिन ज़िन्दगी जी, अहमद अली बर्की जी. सुमित सिंह जी ,रश्मि प्रभा जी,शैली खत्री जी........और और और...बहुत से चाहने वालों का नाम.
इनके अलावा मेरे मित्र श्री चाँद हदियाबादी और गुरु प्राण शर्मा जी का जिक्र भी करना चाहूँगा, जिनका ब्लॉग नहीं है लेकिन बहुत बड़ा सहारा है.
अंत में आप सब से अनुरोध है की जो प्यार और आशीर्वाद आप सब ने मेरी रचनाओं और उससे भी अधिक इश्वर की रचना " मिष्टी " को दिया है उसे भविष्य में भी देते रहें ताकि ये सफर यूँ ही चलता रहे.......
आपको बहुत-बहुत बधाई !
ReplyDeleteहम सीखने की दृष्टि से आपके ब्लॉग पर आते हैं फिर भी डांट लगाने का मन बना ही लिया था लेकिन क्लिक करने से पहले नाम दिख गया. चलिए आपसे न सही मिष्टी से मिलाने के लिए कुछ जुगाड़ बैठाना ही पड़ेगा. अनिताजी से से मिलने का भी जल्दी ही प्लान है.
भैया, एक साल हो गया ब्लॉग पर लिखते हुए. सही में लगता है जैसे कल की ही बात है. आपने पिछले एक साल में इतनी अच्छी गजलें दी है हमें, कि यकीन मानिए, हमसब बहुत खुश हैं. मैं तो इस बात पर अपनी पीठ ठोंक लेता हूँ कि आप मुझे इतना स्नेह देते हैं.
ReplyDeleteमिष्टी को प्यार और आशीर्वाद तो सभी का मिलता है और मिलता ही रहेगा.
नीरज जी बहुत बहुत बधाई हो ।
ReplyDeleteआपका इलाक़ा हमारी छत से दिखता है पर हम आ नहीं पाते ।
लेकिन आपके ब्लॉग पर गाहे बगाहे आते रहे ।
आपको खबर हुई हो या ना हुई हो ।
फिर शुभकामनाएं ।
" wish u all the best sir, and congratulations for completion of one year in blog world. The way you have honoured all of your frnds in blog world and given preceious space in your article it is really appreciable and commendable. I too have learnt lot from this blog world, even not knowing every indivdual personally yet also it seems through their articles and comments I know them well."
ReplyDeleteAll good wishes for future.
With Lot of Regards
काफी मेहनत ने समेट सब को ..
ReplyDelete------------------------------------------
एक अपील - प्रकृति से छेड़छाड़ हर हालात में बुरी होती है.इसके दोहन की कीमत हमें चुकानी पड़ेगी,आज जरुरत है वापस उसकी ओर जाने की.
पहला हैप्पी बर्थ डे मुबारक हो जी :)
ReplyDeleteये अच्छा है. जन्म दिन आपके ब्लाग का आ
ReplyDeleteऔर आप याद कर रहे हैं सभी मित्रों को जो आपके सहयात्री रहे बरस भर.
हम दुआ करते हैं कि हर बरस आ इसी तरह अपने ब्लाग का जन्मदिन मनाते रहें और आपके मेहमानों की सूची बढ़ती रहे.
अल्लाह करे ज़ोरे कलम और जियादह....
शुभ
पहली साल गिरह मुबारक हो।
ReplyDeleteइस बहाने आपने तो पूरा ब्लॉग जगत को याद कर लिया। आभार व्यक्त करने का यह तरीका बहुत शानदार है।
हे भगवान, कितना बड़ा परिवार है आपका।
ReplyDeleteअच्छा लगता होगा साथ जीना। ऐसा देखकर मुझे काफी अच्छा लगा कि ब्लॉग समाज में किसी को इस हद तक भी अपनापन मिल जाता है। ऐसे में कोई कभी अकेला महसूस थोड़े ही करेगा,उम्र के किसी भी पड़ाव में। शुभकामनाऍं।
नीरज जी बहुत बहुत बधाई ..मिष्टी को बहुत बहुत ..आप लिखे और खूब लिखे ..
ReplyDeleteअपना नाम भी यहाँ शुमार है,
ReplyDeleteवाह - वाह
मिष्टी को स्नेह व आपको बधायी के साथ बहुत शुभकामनायें--
ReplyDeletebahut bahut badhai, neeraj ji....!
ReplyDeleteye blog hamesha hi itane sare prashanshako.n se bhara poora rahe...! ye prarthana
नीरज जी आपके ब्लोग की पहली सालगिराह मुबारक हो। आप ऐसे ही प्यारी, सुन्दर, अच्छी, रचनाए पढवाते रहे। मिष्टी को हमारी तरफ से बहुत बहुत प्यार और आर्शीवाद।
ReplyDeleteबधाई हो आपको जो आपने ये एक साल सफलताओं के साथ पूरा किया । आने वाले साल में हम और बेहतर ग़ज़लों की उम्मीद आपसे रखे हैं औश्र हां हो सकता है आने वाले साल में हम भी आपकी उस सूची में आ जायें जो कि मिले हुए लोगों की है । पुन: एक सुरीले साल की शुभकामना;
ReplyDeletehaardik shubhkamnaae aur badhai
ReplyDeleteनीरज जी , सोचता हूँ आपको क्या संबोधन दूँ ?
ReplyDeleteआपकी फोटो से अंदाज लगाना बड़ा मुश्किल है !
और मेरी तो शक्ल माशाल्लाह .. ! खैर मेरी भावनाओं
के अनुरूप आपको मैं आदरणीय संबोधित करूंगा !
आपको इस वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
और विशेष ये कहना चाहूँगा की आपने आज इस पोस्ट की
भाषा को भी गजल मय बना दिया है ! ये आपकी प्रतिभा है !
और इस प्रतिभा को ढुन्ढ कर ब्लॉग जगत को सौपने के लिए
आदरणीय शिव कुमार जी मिश्रा एवं आगे बढ़ाने के लिए
आदरणीय ज्ञान दत्त जी पांडे दोनों महानुभाव को भी प्रणाम
करता हूँ ! और मिष्टी को आशीर्वाद !
आशा है आपकी ये यात्रा निरापद और सफल रहे और अगले
साल तक लिस्ट इतनी बड़ी हो जाए की सबको अपने २ नाम
ढ्न्ढने में और वक्त लगे ! वैसे इस बार भी कम नही लगा !:)
आप को पहला जन्मदिन मुबारक......मेरी इक बहुत अच्छी दोस्त है उनकी इक नज़्म मुझे बेहद पसंद है ,आपको नजर कर रहा हूँ
ReplyDeleteआसाँ क्या है फिर ??
आसाँ है मोहब्बत को महसूस कर लेना..
खदेड़ दो उन गलतफहमियों को ..
फासले को बनने न दो..
ख़्वाबों को हकिक़तों से सिल कर रख दो ..
यादों को जिस्म की तरह पहन लो ..
हमसफ़र के कंधे पे सिर टेक कर आज का सामना करो..
ताकि कल तुम्हे मुस्कुरा के मिले!!!!!!
शुक्रिया मुझ खाकसार को याद रखने के लिए .बॉम्बे कांफेरेंसस होती रहती है ..आपसे मिलना जरूर होगा .ओर हाँ उस नन्ही परी को ढेर सारा प्यार......
सच में नीरज जी, ताऊ रामपुरिया सही कह रहे हैं। आपकी लोकप्रियता ऐसी बढ़ रही है कि लोगों का नाम/पता आपको एक्सल की शीट में भर कर रखना होगा। और अल्फाबेटिकल लिस्टिंग से ही ढूंढ़ पायेंगे!
ReplyDeleteएक साल देखते देखते गुजर गया।
बहुत बधाई।
वर्षगाँठ पर सच्चे मन से
ReplyDeleteयही कामना है सरकार !
भाव-प्रभाव सफ़र यह सुंदर
बना रहे हर दिन,हर बार
कोमल बातें कहते हैं पर
फ़ितरत सच की कायम है
नीरज जो भी फरमाएँ हम
दिल से करते हैं स्वीकार.
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बधाई...बधाई...बधाई !...
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
वाह भई वाह!! सालगिरह मुबारक और बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteमिष्टी को आशीष!!
नियमित लिखते रहें.
बधाई. बधाई. बधाई.
ReplyDeleteब्लाग-जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई.
इस नाचीज को याद रखने का शुक्रिया.
प्रभु से प्रार्थना है की आपकी रचनाओं से हम और ये ब्लाग जगत चिरकाल तक यूँही आनंद की प्राप्ति करते रहे.
मिष्टी को एक बार फ़िर ढेर-ढेर सारा प्यार.
आपका शुभाकांक्षी. .
बालकिशन
नीरज जी ब्लागजगत में एक वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक बधाई .
ReplyDeleteनीरज भाई, ब्लॉग की पहली सालगिरह पर ढेर सारी शुभकामनाएं। यहां पार्टी चल रही है, और मैं इतने देर से पहुंचा।
ReplyDeleteशायरी मेरी तुम्हारे जिक्र से मोगरे की यार डाल हो गयी - आपके ब्लॉग पर आने पर जब यह पढ़ता हूं, तो कहने की इच्छा होती है कि आपने गलत लिखा है। आपकी शायरी मोगरे की डाल पहले से ही है, हां हम जिक्र कर उसकी सुगंध जरूर ले लेते हैं।
मिष्टी इस फोटो में बहुत प्यारी लग रही है। उसे ढेर सारा स्नेह और आशीर्वाद।
बहुत खूब! हमने आपको देर से पढ़ना शुरू किया लेकिन आपकी तमाम रचनायें हमारी पसंदीदा रचनायें हैं। आपको बधाई ब्लाग का एक साल पूरा होने पर। आप आगे कई-कई साल अपने ब्लाग का एक और साल पूरा होने पर पोस्ट लि्खते रहें। :)
ReplyDeleteआप को बंलाग की पहली बर्षगांठ ( जन्म दिन) की बधाई, ओर हमारी प्यारी सी मिष्ठी को बहुत बहुत प्यार.
ReplyDeleteधन्यवाद
Param priya neeraj jee, aapne ahbaabon kee ferist main humaara nam shumaar kiya. Is zarranavazi ka tahe dil se shukriya rahega. Itni khoobsurat gazal ke lye barha badhai. Pichhle ek mah poona main raha magar khopoli aane ka vakt n nikaal paya. Khair kabhi n kabhi aaoonga zaroor aapse mulakaat karne. Aapka azeez.
ReplyDeleteब्लोग के जन्म दिन की बधाई!
ReplyDeleteनीरज जी आप से मिलना एक सुखद अनुभव रहा है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि बहुत जल्द फ़िर से आप के दर्शन होगें और आप की नयी कविता सुनने को मिलेगी। मीठी सी मिष्टी को हमारा प्यार्। आप ने पंकज और द्विज जी से जो भी सीखा है आशा है आप जल्द ही दूसरों को सिखा रहे होगें।
सालगिरह पर दावत लेने के बहाने अब तो नीरज भाई मिष्टी और प्रकृति के सुन्दर रूप को देखने जल्दी आएँगे...
ReplyDeleteआपको बधाई,
ReplyDeleteवर्षगांठ के बहाने सभी परिचितों-शुभचिंतकों के मध्य आपने स्नेह का प्याला उंडेल दिया.
मैं तो इसे पढ़ कर एक अजीब से नशे में हूं.
अविस्मरणीय पोस्ट बन पड़ी है.
मिष्टी को आशीष...
वैसे कल्पना में मैं कईं बार खोपोली आ लिया.
किसी का एक शेर याद आ रहा है..
आपकी नज्र करता हूं...
'दिल के आइने में है तस्वीरेयार,
जब जरा गर्दन झुकाई देख लिया'
शुभकामनाये !
ReplyDeleteसाल पूरा करने पर बधाई
ReplyDeleteनीरज जी आपने अपनी नई पोस्ट के अंतर्गत " ये मेरे सहारे हैं" में मेरे नाम का ज़िक्र किया। इस इज्जत आफजाई के लिए शुक्रिया पर मैं आपका सहारा नहीं, आप मेरा सहारा हैं, आप मेरे अग्रज हैं। आपने मुझे जो स्नेह दिया उसके लिए शायद मेरे शब्द छोटे पड़ जायेंगे। आभार, धन्यवाद।
ReplyDeleteब्लॉग हुआ अब एक साल का जान के दिल हर्षाया,
ReplyDeleteआपने भी दिल खोल के बोला क्या खोया क्या पाया |
आपका वीनस केसरी
लगे रहें! सालगिरह की शुभ-कामनाएं!
ReplyDeleteनिवेदन
ReplyDeleteआप लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर छापते हैं. आप चाहते हैं लोग आपको पढ़ें और आपको बतायें कि उनकी प्रतिक्रिया क्या है.
ऐसा ही सब चाहते हैं.
कृप्या दूसरों को पढ़ने और टिप्पणी कर अपनी प्रतिक्रिया देने में संकोच न करें.
हिन्दी चिट्ठाकारी को सुदृण बनाने एवं उसके प्रसार-प्रचार के लिए यह कदम अति महत्वपूर्ण है, इसमें अपना भरसक योगदान करें.
-समीर लाल
-उड़न तश्तरी
बहुत बधाई
ReplyDeleteएक साल पूरा करने के लिये बधाई।
ReplyDeleteबस दुख इस बात का रहा कि मेरा नाम नही दिखा
बू हू हू हू
नीरज जी ब्लॉग के पहले जन्मदिन की खूब सारी बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाये।
ReplyDeleteमिष्टी को खूब सारा प्यार।
नीरज जी, आपके ब्लॉग की पहला जन्मदिन मुबारक हो !!!!!!!
ReplyDeleteनिरजभाई
ReplyDeleteआपके ब्लॉग के जन्मदिन पर हजारों शुभ कामनायें |
मेरे नाम का उल्लेख करके मुझे इज्जत बख्शने के लिए हार्दिक आभार |
-हर्षद जांगला
एटलांटा युएसए
एक वर्ष की चिट्ठाकारी ओर अभिषेक किये
ReplyDelete"घुटुरन चलन रेनु तनु मंडित मुख दधिलेप किये"
सन्नाटे के सहे थपेड़े रहे भीड़ में भी पहचाने
ये चिट्ठा गज़लों की धड़कन ले शत वर्ष जिये
नीरज भइया आप से इतना स्नेह मिला है और अपने इतना उत्साह-वर्धन किया है कि मै आप की ऋणि रहूंगी....खुश हूँ कि आपके परिवार में मै भी शामिल हूँ....मिष्टी को मेरी और से ढेर सारा स्नेह एवं आशीष .......
ReplyDeleteबहुत बहुत मुबारक हो नीरज जी, मुझे माफ़ कीजियेगा की इतनी देर से आई, इतनी खूबसूरत पोस्ट अभी तक पढ़ी क्यों नही, बहुत अच्छा लगा, बस खुदा करे आप हमेशा ऐसे ही लिखते रहें, सवस्थ रहे, जिंदगी आपको ढेरों खुशियाँ देती रहे...आप हमारे लिए बहुत बहुत कीमती हैं...बस ऐसे ही लिखते रहिये, बहुत मुबारक...
ReplyDeleteब्लॉग की पहली वर्षगांठ पर अनेक बधाईयां। मिष्टी को ढेर सारा प्यार।
ReplyDeleteईश्वर से यही दुआ है की आपकी कलम पुरज़ोर चलती रहे!
ReplyDeleteदेर से आने के लए माफ़ी चाहती हूँ! बहुत बहुत बधाई आपको एक साल पूरा करने की...ईश्वर करे आप सालों साल अपनी ग़ज़लों से हमें आनंदित करते रहें....मिष्टी को ढेर सारा प्यार....
ReplyDeleteनीरज जी देर से टिप्पणी करने के लिए माफी चाहुंगी मैं कुछ समय से यहां नही थी सो ब्लॉग नही कर सकी। आप को बहुत बहुत बधाई एक साल पुरा होने पर। हमें भी आर्शिवाद दें कि हम भी सभी ब्लॉगरस का स्नेह व शुभकामनाऐं पा कर आगे बङ सकें। एक बार फिर से आपको बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeletejanmdin ki badhayi! aap aksar mere anunaad par aate hain. meri kahili hi manein ki main aaj apke blog par pehli baar comment chipka raha hun. duniya mein kuchh aalsi dost bhi hote hain - aisa maan kar muaaf kar denge!
ReplyDeletesal girah mubarak!
ReplyDeleteश्रेष्ठ कार्य किये हैं.
आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
aap bas likhte rahiye... aise mukaam to pane aap bante rahege.. aur Neeraj ji bahut galat baat hai aapne hamar naam kahi par bhi nahi likha :-(...
ReplyDelete:-) Badhai :-)
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I don’t want to love you… but I do....