Thursday, July 3, 2008

बेक्ड समोसा



बेक्ड समोसा…आप भी सोच रहे होंगे की ये क्या एक शायर के ब्लॉग पर समोसे का जिक्र? क्यूँ भाई इसमें हैरानी की क्या बात है ?शायर भी इंसान है उसके भी पेट है....चटकारे चाहने वाली जबान है…और समोसा तो हम भारतियों की खास तौर पर उत्तर भारतियों की कमजोरी है. शाम हुई नहीं की समोसा कचोरी की दूकान पर आप लम्बी लाइन देख सकते हैं.समोसा आप को जहाँ भी भारतीय बसे हैं, खाने को मिल जाएगा..चाहे वो अमेरिका हो यूरोप हो या आस्ट्रेलिया हो...हाँ स्वाद में कुछ अन्तर जरूर हो सकता है.

समोसा मुझे प्रिय है लेकिन अब डाक्टर के ये कहने पर की “सर जी आप सठिया रहे हो अब ये समोसा-वमोसा खाना छोड़ दो” मैंने समोसा लगभग छोड़ ही दिया है. पिछले कुछ दिनों से जयपुर अपने घर आया हुआ हूँ. हमारी बड़ी पुत्र वधु "रूबी" मेरे ब्लॉग को रोशन करने वाली प्यारी सी "मिष्टी, जिस पर डाक्टर अनुराग मुग्ध हैं, की माँ है और साथ ही आर्किटेक्ट और इन्टीरिअर डिजाइनर भी है ने कहा “पापा आप नाश्ते में समोसा खायेंगे?” तो मैं हैरान हुआ क्यूँ की उसे मालूम है मैं तली हुई चीजों से परहेज करता हूँ. मेरी शक्ल देख कर वो बोली “जाईये आप नहा कर आयीये आप को नाश्ते में समोसे मिलेंगे” क्यूँ की हम सब को उसकी पाक कला पर नाज है इसलियेमैं बिना कोई सवाल पूछे चुपचाप नहाने चला गया.

नहा कर डाइनिंग टेबल पर आया तो देखा प्लेट में 2 समोसे सजे रखें हैं जो आम समोसे की तरह दिख तो रहे थे पर थे नहीं.मेरी परेशानी भांप कर "रूबी" बोली ” खाईये पापा ये बेक्ड समोसे हैं…बिना तेल घी मैं तले पूरी तरह से स्वस्थ्य वर्धक, मैंने खाए और खाता ही गया…बेशक स्वाद में लाजवाब बने थे समोसे. 4-5 खाने के बाद उसने मुझे रुकने का ईशारा किया.

खाने के बाद सोचा की अपने पाठकों को जिन्होंने ऐसे समोसे शायद ना खाए हों इनको बनाने की विधि बता दूँ ताकि उनका स्वस्थ्य मेरी शायरी झेलने के लिए तैयार रहे.

रूबी ने जो विधि बताई वो इस तरह थी…अधिक जानकारी के लिए आप अपना मोबाइल या लेन लैइन नम्बर दे दें ताकि हम आप से संपर्क कर आप के प्रश्नों का उत्तर दे दें.

मान लीजिये आप को 4 समोसे खाने हैं तो 2 रोटी का आता गूंध लीजिये, जी हाँ गेहूं का आता…और अगर चाहें तो इसमें दूसरे आटे भी थोड़े थोड़े मिला सकती हैं. इनकी गोल रोटी बेल लीजिये और उसे 4 हिस्सों में काट लीजिये. याने एक रोटी के 2 हिस्से कर लीजिये ,अर्ध चंद्रकार रूप में. इसमें भरने के लिए प्याज , पत्ता गोभी, हरी मिर्च और काटेज पनीर के छोटे छोटे टुकड़े काट लीजिये. पत्ता गोभी में नमक मिला कर 10 मीनट तक रखिये ताकि उसका पानी निकल जाए, पानी छोड़ने पर उसे निचोड़ लीजिये और बाद में प्याज ,हरी मिर्च आदि मिला दीजिये. थोडी लाल मिर्च अगर चाहें तो मिला लीजिये. इसे अर्ध चंद्रकार रोटी के कोण बना कर भर दीजिये और हलके हाथ से दबा दीजिये .आटे की रोटी का कोण मैदे की तरह चिपकता नहीं है इसलिये इसे बंद करने के लिए 2 लोंग का प्रयोग करें ( देखें चित्र ). अब इन समोसों को ओवन में रख कर सेक लेन या भून लें और धनिये ईमली की चटनी के साथ गरमा गरम खाएं.

विशेष सूचना: खाने से पहले दोनों लोंग जरूर निकाल लें क्यूँ की उनको खाने के बाद आप की जो हालत होगी उसके लिए हम जिम्मेवार नहीं होंगे.

जो लोग ये बनाने का झंझट मोल नहीं लेना चाहते वो जयपुर चले आयें ,हमारे घर…गरम समोसे के साथ चाय भी मिलेगी.

21 comments:

  1. बढ़िया समोसे. वाक़ई. देखने में ऐसे हैं तो खाने में तो यक़ीनन लुत्फ़ आएगा. वैसे समोसे हर उत्तर भारतीय की कमज़ोरी होते हैं. मेरी भी हैं. और हमारे महान कवि वीरेन डंगवाल तो समोसे पर एक अद्भुत कविता भी लिख चुके हैं. पढ़िये और घर पर सब को सुनाइए:

    हलवाई की दुकान में घुसते ही दीखे
    कढाई में सननानाते समोसे

    बेंच पर सीला हुआ मैल था एक इंच
    मेज पर मिक्खयां
    चाय के जूठे गिलास

    बड़े झन्ने से लचक के साथ
    समोसे समेटता कारीगर था
    दो बार निथारे उसने झन्न -फन्न
    यह दरअसल उसकी कलाकार इतराहट थी
    तमतमाये समोसों के सौन्दर्य पर
    दाद पाने की इच्छा से पैदा

    मूर्खता से फैलाये मैंने तारीफ में होंट
    कानों तलक
    कौन होगा अभागा इस क्षण
    जिसके मन में नहीं आयेगी एक बार भी
    समोसा खाने की इच्छा ।

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  2. AREY YE TO BAHUT BADHIYA tareeka HAI SAMOSEY BANANEY KAA:) RUBY KO DHER SAARA ..THXXXX....

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  3. अब शायर ने समोसे के बारे में लिखा है तो देख कर लग रहा है जैसे समोसे पर गजल लिखी हुई है..
    बेक्ड समोसे बहुत गजब दिख रहे हैं..जल्दी ही आते हैं समोसे खाने.

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  4. मजा आ गया देख पढ़ कर ही।
    हमारे घर में ओवन नहीं है। आजकल हमारी पत्नीजी भी यहां नहीं हैं। जयपुर आ नहीं सकते। ऐसे में केवल लार टपका सकते हैं! :(

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  5. अजी हम तो जयपुर में ही है.. पर आपने बताया नही की आप भी अभी जयपुर में है.. अब बताइए समोसे का क्या प्रबंध है?

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  6. नीरज जी
    अजी मुहँ में पानी आ गया। छोटे भाई को भेजा है कि जा यार बहुत दिन हो गये समोसे खाये। बोला अच्छा भला भूल गया था। फिर किसने याद दिला दिये। क्या कहूँ उसे? खैर लाने गया है आप भी आ सकते है एक आपके लिए भी मंगवाया है आप नही आये तो मैं ही खा जाऊंगा।

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  7. hum bhi oven me hi baked samose banate hain....patidev ki kamjori hai....chaliye, ab sab swasthya ka dhyan rakhte hue baked samose khane shuru karenge....

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  8. haa....jaipur ke naam se hi wahan jaane ki ichhha hone lagti hai...

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  9. वाह शायरी समोसा ..बढ़िया विधि है ...बनाते हैं इसको कुछ गुनगुनाते हुए :) शुक्रिया नीरज जी

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  10. सच मानिये आज चौंक गया की ये समोसे का जिक्र ...दिल रोटी चावल तो नही है......फ़िर देखा नही नही अपने नीरज जी है....मिष्टी नजदीक है तो सब कुछ प्यारा लगेगा ....वैसे किस साहब ने कहा आपसे इसकी फोटो छापने को....वो भी प्लेट सजा के.....अब जयपुर जायेंगे तो एक नाश्ता तो तय हो गया ....ओर किसने कहा आप सठिया गये?मिष्टी को मेरा प्यार दीजेयेगा...

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  11. रेसिपि भी दिखा देती है कि आर्किटेक्ट के द्वारा बनाया गया है. ड्राईंग जो लगा दी. बड़े लज्जतदार होंगे समोसे, बना कर देखा जायेगा.

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  12. रूबीजी से पूछ कर बताईयेगा कि क्या इसे ओवन के बिना बनाने का और कोई तरीका है? हम भी खाना चाहते हैं पर ओवन.... इल्ले!

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  13. भाई नीरज जी,
    आप खुद को तबियत से शायर जरूर कहें पर एक मंजे हुए अभियंता के गुण चाहे वह जिस भी कला में हाथ डाले अपना असर डाल ही देता है.
    कबीर ने भी कहा था कि
    माहि कागद छुयो नहि, कलम गई न हाथ
    फिर उस मंजे हुए महात्मा कबीर, जो ख़ुद को फ़कीर ही कहता रहा, की वाणी आज भी बेमिसाल ही समझी जाती है.

    यंहा पर मैं एक बात का जिक्र करना चाहूँगा कि बेक्ड समोसे से पहले आपको अपने राजस्थान में बनने वाली बाटी या फिर बिहार में बनने वाली मसाले वाली बाटी को नही भूलना चाहिए जो कि वस्तुतः बेक्ड ही होती है,
    आजकल बेक्ड नमकीन भी बहुत ज्यादा प्रचलन में आ गई है. वैसे बेक्ड मुरमुरे(लाई), खील, भुने चने तो आदिकाल से ही उत्तर भारतियों की पसंद रहे है, जिन्हें आज का माडर्न युवा भूलता जा रहा है और फास्ट फ़ूड की तरफ़ मुखातिब हो रहा है.

    किंतु आज आपने जिस रोचक अंदाज से अपनी पुत्र -वधु के बनाये पकवान (बेक्ड समोसे) का जिक्र किया तथा साथ ही पाक विधि का जिस तरह बिधिवत नमूना पेश किया है, वह निश्चय ही काबिले तारीफ है और इसे एक शायर अभियंता ही सर अंजाम दे सकता है.

    जयपुर में प्रवास कब तक है, सूचित करे ताकि मुलाकात तो हो सके.


    आपका

    चन्द्र मोहन गुप्त

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  14. Neerajbhai

    Moonh me paani laa diya!!

    -Harshad Jangla
    Atlanta, USA

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  15. kya baat hai. munh men paani aa gayaa.

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  16. नीरज जी,
    आप सचमुच अपनी हर पोस्ट को
    जायकेदार बना देते हैं....लेकिन
    बड़ी बात ये है कि आप ख़ुद
    जिंदगी का पूरा जायका लेते हैं.
    ==========================
    शुक्रिया
    डा.चन्द्रकुमार जैन

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  17. सरसरी ही सही कई चीज़ें देख गया .आपकी काविशों और कोशिशों को देख तबियत खुश हो गयी .
    दुआ यही है ,जोर-कलम और ज्यादा .कभी फ़ुर्सत मिले तो इस लिंक पर भी जाएँ और अपनी कीमती राय से नवाजें .www.shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com और www.hamzabaan.blogspot.com
    ब्लॉग मुबारक हो .अल्लाह नज़र-बद से बचाए .आमीन.

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  18. भई वाह वाह, आप इतिहास के पहले शायर होंगे, जो सिर्फ शेर के लिए ही वाहवाही नहीं लूटते, बल्कि समोसों के लिए भी लूटते हैं. दीवान ए चटोर का इंतजार रहेगा

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  19. रूबी बिटिया से कहिए तैयार रहे हम ओक्टोबर मे आते हैं

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  20. वाह नीरज जी , मज़ा आ गया बेक्ड समोसों की रेसिपी पढ़ कर । टिप्पणियां भी जोरदार रही। वैसे चंद्रमोहनजी सही कह रहे हैं हमारे बाटी, बाफला और लिट्टी भी बेक्ड फूड में ही आते हैं । बस , वक्त थोड़ा ज्यादा लगता है।

    वैसे हम जयपुर में दस साल बिता चुके हैं । आपको तो पता है।

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तुझको रक्खे राम तुझको अल्लाह रक्खे
दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रक्खे