Monday, November 24, 2008
लुटेरे यार सब मेरे
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समझ में कुछ नहीं आता बता मैं यार क्या लिख्खूं गमों की दासतां लिख्खूं खुशी की या कथा लिख्खूं जहां जाता हूं मैं तुझको वहीं मौजूद पाता हूं अगर ...
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