Monday, April 8, 2013

करें जब पाँव खुद नर्तन

होली के बारे में आम धारणा ये है कि ये एक उमंगों भरा त्योंहार है जो साल में एक बार आता है, ये बात सही है लेकिन मेरा मानना है की होली आनंद की एक अवस्था है जो जब आपके मन में उत्पन्न हो होली हो जाती है। इसी आशय को मैंने अपनी एक ग़ज़ल में ढाला है , उम्मीद है आपको भी मेरी बात पसंद आएगी:- 

 

 करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है
 हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है

 किसी को याद करते ही अगर बजते सुनाई दें 
 कहीं घुँघरू कहीं कंगन, समझ लेना कि होली है 

 कभी खोलो अचानक , आप अपने घर का दरवाजा 
 खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना कि होली है 

 तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें 
 उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है 

 हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल 
 अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना कि होली है 

 बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की 
 जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना कि होली है 

 अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो 'नीरज' 
 हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना कि होली है

42 comments:

  1. पढने को आज मिल गई ,"नीरज" की नई ग़ज़ल दिल झूमे है मेरा .लगे कि आज होली है ....

    कभी खोलो अचानक , आप अपने घर का दरवाजा
    खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना की होली है

    शुभकामनायें!

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  2. बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल,आभार.

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  3. फागुन की पायल और उसकी रुनझुन ...

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  4. यूँ तो हर दिन होली है......

    बहुत प्यारी ग़ज़ल नीरज जी...

    सादर
    अनु

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  5. क्या बात कही है सर!
    जब मन चाहता है, तभी होली हो जाती है..
    बहुत खूबसूरत रचना..

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  6. भावनाओं का हर रंग ...इस होली में नजर आया .. अनुपम प्रस्‍तुति
    सादर

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  7. Msg recd on mail:-

    Thanx a lot neeraj Uncle hum pathakon ke liye itanee mehnat karane ke liye..

    Mere anusaar aapake kalam se likhi ab tak kee sarvreshth krati

    Yadi aap Dharmveer bharati hain to yah "Gunahon ka devata" likh dee aapane..

    Is rachana ko padhawakar Aaj phir aapane hamari holi manva dee. :))

    "Ganga" par kuchh search kiya tha google to yah aapaki gazal par le gaya tha jisaka antim sher tha

    Jo parayee neer men 'neeraj' baha
    Ashk ka katara vahee ganga huvaa

    Uskae baad lagbhag 4 varshon se yah silsila jaree hai.

    Kuchh chhota munh badi baat likh dee ho to kshamaprarthee hoon. Punah hardik badhai sweekar karen.

    Aapaka

    Vishal

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  8. .bahut hi khoobsoorat aur shandaar ghazal kahi hai bhai

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  9. वाह !!! वाह बहुत लाजबाब सुंदर गजल !!! के लिए नीरज जी आभार

    RECENT POST: जुल्म

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  10. Msg on e-mail:-

    Amaaaaazingly refreshing Holi:-)

    Sarv

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  11. वाह, खूबसूरत संकेतों में होली.........

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  12. kitna manohari chitra prastut kiya hai

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  13. बात तो सही है, होली आखिर है तो स्पिरिट ही :)

    लिखते रहिये ..

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  14. समझ लेना कि,होली है--
    बहुत रम्गों भरी होली है.

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  15. Received on Mail:-

    Superb ! Bhavnao aur mahaul ko achche se shabdo mei piroya hai is gazal mei

    Navneet

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  16. हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
    अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना की होली है -वाह, खूबसूरत
    LATEST POSTसपना और तुम

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  17. बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की
    जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना की होली है

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  19. किसी त्‍यौहार विशेष को समर्पित ऐसी खूबसूरत ग़ज़ल कम ही पढ़ने को मिलती है।
    लाजवाब।

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  20. हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
    अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना की होली है
    बहुत ख़ूबसूरत और नाज़ुक ग़ज़ल
    बधाई हो

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  21. Msg Received on e-mail from Mr.Chandra Mohan Gupta :-

    भाई नीरज जी,
    होली हो ली और अब बहुत कुछ भी हो ली, पर जो बात ग़ज़ल के माध्यम से बखूबी कह गए वह बात हम सब आज तक क्यूँ न समझ पाए इसी का रंज है

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  22. हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
    अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना की होली है

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  23. होली का क्रियात्मक वर्णन

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  24. बहुत सुंदर...
    होली का असली रूप तो यही है....
    ~सादर!!!

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  25. होली हो ली बन्धुवर! नया वर्ष मुस्काय!!
    अबके होली खेलना, ढोलक थाप बजाय!!

    गज़ल अति सुन्दर लिक्खी
    "समझ लेना की" की जगह "समझ लेना कि" कर लो बस! बाकी सब ठीक है (बुरा मत मानना)

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  26. ग़जल पढ़ कर के नीरज की लगा खेली ये होली है
    रंग गया हर रसिक का मन लगा खेली ये होली है
    उठा शब्दों की पिचकारी उकेरे रंग ऐसे कि
    हुआ रस भाव का गुम्फन लगा खेली ये होली है

    वाह क्या ग़जल है .उपमा उपमान प्रतीकों का लाजबाब उपयोग .बधाई
    सुमित्रा

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  27. Received on e-mail:-

    तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना की होली है
    Jab ho jaye Jaipur k darshan Samajh lena ki holi hai !


    ANKUR

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  28. आदरणीय नीरज जी

    त्यौहार विशेष की उमंगो से जुड़े मन के कोमल भावो को समेटे
    हुए एक बेमिसाल गजल के लिए धन्यवाद

    अपने जीवन मे हर कोई कभी न कभी
    इन भावो भरी गलियो से गुजरता जरुर है ......

    किसी को याद करते ही अगर बजते सुनाई दें
    कहीं घुँघरू कहीं कंगन, समझ लेना की होली है

    कभी खोलो अचानक ,आप अपने घर कादरवाजा
    खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना की होली है

    तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
    उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना की होली है

    ReplyDelete
  29. बहुत प्यारी ग़ज़ल

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  30. तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
    उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है
    sabhi panktiyan sundar ..

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  31. बहुत सुन्दर नीरज जी, अत्यन सुन्दर भाव। सुन्दर रचना के लिये बधाई।

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  32. बहुत सुंदर!

    मन में उल्लास हो
    अधरों पर हास हो
    मिलन की आस हो
    तब होली होती है!

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  33. अचानक पढ़ने को मिली..बहुत ही खूबसूरत ग़जल है,कई बार पढ़ डाली.
    "कभी खोलो अचानक , आप अपने घर का दरवाजा
    खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना कि होली है
    तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आँखें
    उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है
    हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना कि होली है "
    बधाई, नीरज जी!

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  34. किसी इंसान को मुश्किल में
    उलझा देखते हो जब।
    मदद करने को मचले मन
    समझ लेना कि होली है।।
    हर्ष से माँ पिता जी का
    ह्रदय गद गद कभी देखो।
    ख़ुशी का तुम हो यदि कारण
    समझ लेना कि होली है।।
    -अशोक शर्मा

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  35. This comment has been removed by the author.

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  36. नीरज जी बहुत सुन्दर ग़ज़ल के लिए अभिनन्दन।
    कभी मेरे ब्लॉग को भी आपके अवलोकन से कृतार्थ करे।
    http://ashoksharma69.blogspot.com

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  37. नीरज जी बहुत सुन्दर ग़ज़ल के लिए अभिनन्दन।
    कभी मेरे ब्लॉग को भी आपके अवलोकन से कृतार्थ करे।
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  38. आज हमारी कालोनी में किसी ने आपकी इस रचना को गया हुआ audio forward किया , मैं इस गीत को ढूँढती हुई यहाँ तक पहुँच गई । बहुत सुन्दर गीत , हमेशा गाया जाता रहेगा ।बधाई

    comment में add नहीं हो पा रहा ये गीत , वरना मैं आपको भेज देती ।
    shardarora.blogspot.com

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तुझको रक्खे राम तुझको अल्लाह रक्खे
दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रक्खे