Monday, November 26, 2018
किताबों की दुनिया - 205
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बारहा ऐसा हुआ है याद तक दिल में न थी बारहा मस्ती में लब पर उनका नाम आ ही गया *** खाइयेगा इक निगाहे-लुत्फ़ का कब तक फ़रेब कोई अफस...
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