Monday, July 30, 2018
किताबों की दुनिया -188
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कफ़स भी हैं हमारे और ज़ंजीरें भी अपनी हैं युगों से क़ैद हम अपनी ही दीवारों में बैठे हैं *** मुश्किलें ही मुश्किलें हैं रात-दिन इसक...
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