Monday, November 6, 2017
किताबों की दुनिया -150
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तुमसे पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्तनशीं था उसको भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यकीं था ये उस शायर का शेर है जिसके इंतकाल के 15 साल बाद ...
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