tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post860705841340918416..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 29नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-67759666501101169652020-09-17T15:41:41.130+05:302020-09-17T15:41:41.130+05:30धन्यवाद नीरज जीधन्यवाद नीरज जीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14437452545383632234noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-18336593720604745802013-07-23T14:37:11.227+05:302013-07-23T14:37:11.227+05:30वाह सर वाह ! काश और लिखते ..पढ़ने से मन ही नहीं भर...वाह सर वाह ! काश और लिखते ..पढ़ने से मन ही नहीं भर रहा था ! बहुत जिज्ञासा हो गयी है दोनों पुस्तक माँगा कर पढता हूँ वाणी वाली और राजकमल वाली दोनों !आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64580115537454918072010-05-25T18:28:44.010+05:302010-05-25T18:28:44.010+05:30जाँ निसार अख्तर साहब के बारे में बड़ी उम्दा
और तफ़सी...जाँ निसार अख्तर साहब के बारे में बड़ी उम्दा<br />और तफ़सील से जानकारी दी है आपने... शुक्रिया<br />और लता जी की आवाज़ में दो खूबसूरत गीत सुन कर<br />बहुत सुकून हासिल हुआ .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-30933918079512173442010-05-21T14:47:46.137+05:302010-05-21T14:47:46.137+05:30प्रशंसनीय रचना - बधाईप्रशंसनीय रचना - बधाईमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-41616450966248311372010-05-21T10:36:22.957+05:302010-05-21T10:36:22.957+05:30आज सुबह से नीरजमय हो रखा हूँ। इस किताब पर अपनी भी ...आज सुबह से नीरजमय हो रखा हूँ। इस किताब पर अपनी भी मिल्कियत है। जानिसार साब की ग़ज़लें तो खैर बेमिसाल हैं, लेकिन उनकी रूबाइयां मुझे तनिक जंची नहीं....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-21865297471594530772010-05-21T09:10:14.683+05:302010-05-21T09:10:14.683+05:30आ तो गया, लिखूं क्या? मैं सिर्फ उस अज़ीम शख्सियत को...आ तो गया, लिखूं क्या? मैं सिर्फ उस अज़ीम शख्सियत को सलाम करता हूँ जो अपने बारे में खामोश है, दूसरों के कसीदों के लिए ही उसकी जबान खुलती है. आप नेकियाँ कमा रहे हैं. <br />मरहूम जांनिसार अख्तर का एक शेर याद आ गया:<br />ये इल्म का सौदा, ये किताबें, ये रिसाले <br />इक शख्स की यादों को भुलाने के लिए हैं.<br />आपके साथ ऐसा ही कुछ तो नहीं!!!सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-82054105696644554862010-05-21T00:43:30.669+05:302010-05-21T00:43:30.669+05:30आदरणीय नीरज सर, बहुत आभारी हूँ आपका जो आपने श्री ज...आदरणीय नीरज सर, बहुत आभारी हूँ आपका जो आपने श्री जाँ निसार अख्तर साहब के बारे में इतनी जानकारी दी. मुझे थोड़ा तो पता था कि ये श्री जावेद साब के पिताजी हैं पर इतनी ज्यादा जानकारी नहीं थी.. राजकमल और वाणी प्रकाशन का भी आभार.. गीत बहुत ही कर्णप्रिय लगे.<br />aur haan aap wada bhool gaye.. :)दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-70377162705401850792010-05-19T15:36:08.159+05:302010-05-19T15:36:08.159+05:30Vaah Neeraj ji ... Aaj to bas bahaar hi aa gayi ha...Vaah Neeraj ji ... Aaj to bas bahaar hi aa gayi hai ... Janisaar Akhtar ke kalaam/geet sunte huve hi bade huve hain ham aur aaj aapne fir se unki yaadon ko khoobsoorat daali mein saja kar taaza kar diya hai ... har sher chun chun kar uthaaya hai aapne ... hamesha ki tarah aapki kitaabon ki sameeksha ka diwaana hun main ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-76296995416759116782010-05-18T20:49:23.882+05:302010-05-18T20:49:23.882+05:30जां निसार अख्तर साहब का परिचय पाकर आनंद आ गया . दो...जां निसार अख्तर साहब का परिचय पाकर आनंद आ गया . दोनों गीत तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई . <br /><br />आपका प्रस्तुतीकरण भी बढ़िया रहा . आभार .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-29498825854938525832010-05-18T14:44:52.305+05:302010-05-18T14:44:52.305+05:30जाँनिसार अख्तर साहेब के शेर बोल रहे हैं और कुछ कहन...जाँनिसार अख्तर साहेब के शेर बोल रहे हैं और कुछ कहने कि ज़रुरत नहीं है.<br />किताबों कि दुनिया बिखरे हुए मोतियों को एक खूबसूरत हार में पिरो रही है<br />बधाई नीरज जीAnkithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-42732973479413462002010-05-18T13:31:44.796+05:302010-05-18T13:31:44.796+05:30शानदार पोस्ट!
जां-निशार अख्तर साहब शायरी अद्भुत ह...शानदार पोस्ट!<br /><br />जां-निशार अख्तर साहब शायरी अद्भुत है. फिल्मों के लिए भी उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने लिखे. यहाँ जो दो गाने हैं, मेरे बहुत फेवरिट हैं.<br /><br />किताबों वाली श्रृंखला ब्लॉग-जगत की धरोहर हो गई है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-76229667972440034862010-05-18T11:07:33.506+05:302010-05-18T11:07:33.506+05:30जॉंनिसार अख़्तर साहब की शायरी में कितने अतरंग शब्...जॉंनिसार अख़्तर साहब की शायरी में कितने अतरंग शब्द होते हुए भी जमाने भर का अनुभव है.<br /><br />आये क्या क्या याद नज़र जब पड़ती उन दालानों पर<br />उसका काग़ज़ चिपका देना, घर के रौशनदानों पर<br /><br />एक शे'र अर्ज करता हूँ उनकी शान में,<br /><br />अख्तर तेरे नज्म ने मुझको रुलाएं हैं<br />गहरे समंदर से मोती निकल आएं हैं<br /><br />- सुलभSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-69626742195371316762010-05-18T10:50:55.079+05:302010-05-18T10:50:55.079+05:30एक ख़ूबसूरत शायर उनकी ख़ूबसूरत शायरी पर लिखी एक ख़ूबस...एक ख़ूबसूरत शायर उनकी ख़ूबसूरत शायरी पर लिखी एक ख़ूबसूरत पोस्ट है आपकी.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-20029866904813229772010-05-17T23:38:20.842+05:302010-05-17T23:38:20.842+05:30नीरज साहब,
मुझे तो अख्तर साहिब का नाम ही बड़ा जबर...नीरज साहब, <br />मुझे तो अख्तर साहिब का नाम ही बड़ा जबरदस्त लगता रहा है शुरू से ही। ’जांनिसार अख्तर।’<br />पुस्तक परिचय करवाने के लिये आभार।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60860628517509334382010-05-17T21:45:58.483+05:302010-05-17T21:45:58.483+05:30आप की पोस्ट हमेशा की तरह बहुत खुबसुरत.
धन्यवादआप की पोस्ट हमेशा की तरह बहुत खुबसुरत.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-11493677399335220282010-05-17T21:23:08.885+05:302010-05-17T21:23:08.885+05:30Bhai ji, behtreen prastuti,,,, har baar ki tarah.....Bhai ji, behtreen prastuti,,,, har baar ki tarah... 'Jannisar saheb' ko padna sobhagya ki baat hai..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-62323712351692185712010-05-17T20:57:30.469+05:302010-05-17T20:57:30.469+05:30सुन्दर लगा , अख्तर साहब के बारे में जान कर ..
पोस्...सुन्दर लगा , अख्तर साहब के बारे में जान कर ..<br />पोस्ट पढ़ते हुए ' ऐ दिले-नादाँ आरजू क्या है , जुस्तजू क्या है '' की <br />बहुत याद आई ! <br />आपके द्वारा किताबों और शायरों का परिचय दिया जाना काबिले-तारीफ़ है ! आभार !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-39667800287411289072010-05-17T20:52:36.775+05:302010-05-17T20:52:36.775+05:30shukriya Janisaar sahab ki zindagi aur shayri se j...shukriya Janisaar sahab ki zindagi aur shayri se jude in pahluon ko sajha karne ke liye.Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-75629643701268488272010-05-17T20:23:11.584+05:302010-05-17T20:23:11.584+05:30किताब तो खरीद लेंगे देखें पढ़ कब पाते हैं..
...उम्...किताब तो खरीद लेंगे देखें पढ़ कब पाते हैं..<br />...उम्दा पोस्ट.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-45000700180428904322010-05-17T18:49:41.867+05:302010-05-17T18:49:41.867+05:30जॉंनिसार अख़्तर साहब, उस पीढ़ी में भी उन कुछ चुनि...जॉंनिसार अख़्तर साहब, उस पीढ़ी में भी उन कुछ चुनिंदा शाइरों में से रहे हैं जो बोलें तो नज़्म बन जाये फिर जब वो शेर कहें तो क्या आलम रहता होगा उसकी गवाह है ये पुस्तक। अच्छा शाइर बनने के लिये अच्छे शाइर को पढ़ना कितना जरूरी है यह आपकी प्रस्तुति को पढ़कर समझ आता है। शेर कह देने में और शेर कहने में कितना अंतर होता है। <br />खुदा गवाह है ऑंसू निकल पड़े ये पढ़ते पढ़ते कि:<br />आये क्या क्या याद, नज़र जब पड़ती उन दालानों पर<br />उसका काग़ज़ चिपका देना, घर के रौशनदानों पर<br /><br />सस्ते दामों ले तो आते लेकिन दिल था भर आया<br />जाने किस का नाम खुदा था, पीतल के गुलदानों पर<br /><br />आज भी जैसे शाने पर तुम हाथ मेरे रख देती हो<br />चलते चलते रुक जाता हूँ, साड़ी की दूकानों परतिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25169142209282710142010-05-17T18:14:06.996+05:302010-05-17T18:14:06.996+05:30जाँ निसार साहेब जी की इस अनुपम पुस्तक से परिचय कर...जाँ निसार साहेब जी की इस अनुपम पुस्तक से परिचय करने का आभार..... <br />आहट मेरे क़दमों की सुन पाई है<br />इक बिजली सी तनबन में लहराई है<br />दौड़ी है हरेक बात की सुध बिसरा के<br />रोटी जलती तवे पर छोड़ आई है<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-20622365378590711222010-05-17T18:01:12.111+05:302010-05-17T18:01:12.111+05:30बहुत आभार.. एक पूरी लिस्ट तैयार कर रहा हूं.. सब खर...बहुत आभार.. एक पूरी लिस्ट तैयार कर रहा हूं.. सब खरीद लूंगा...रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-58678893743652677772010-05-17T17:38:35.543+05:302010-05-17T17:38:35.543+05:30बेहतरीन किताब से परिचय कराया. इसे मंगवाता हूँ. एक ...बेहतरीन किताब से परिचय कराया. इसे मंगवाता हूँ. एक से एक गीत और नज़्में हैं जाँ निसार साहेब की.<br /><br />आपका आभार!!<br /><br />और क्या इस से ज्यादा कोई नर्मी बरतूं<br />दिल के जख्मों को छुआ है तेरे गालों की तरहUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-56172245948783239492010-05-17T16:49:35.351+05:302010-05-17T16:49:35.351+05:30नीरज भाई !
जां निसार अख्तर साहब पर हम भी जां निसा...नीरज भाई ! <br />जां निसार अख्तर साहब पर हम भी जां निसार करते हैं गो कि अख्तर नहीं हैं।<br />आप एक बहुत ही बढिया श्रृंखला निकाल रहे हैं । आपका धन्यवाद। जां निसार साहब पर इस आलेख को पढ़कर बहुत सुकून मिला। हां साहिर साहब के बारे बहुत कुछ ऐसा पढ़ा हे। जो खराब लगता है पर क्या करें । साहित्य में रचनाधर्मिता भी कोई चीज है।<br />एक साथ बहुत से लोग याद आए। अध्यक्षता कर रहे कैफी आजमी साहब.. शबाना जी शौकत आजमी जी, जावेद अख्तर साहब..कला की एक अनूठी प्रतिबद्ध पीढियां और परिवार कुल.....R.Venukumarhttps://www.blogger.com/profile/17501996519970954554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-35510142221681606592010-05-17T16:49:15.840+05:302010-05-17T16:49:15.840+05:30अख्तर का साहब जैसे शायर को याद करने का शुक्रिया.....अख्तर का साहब जैसे शायर को याद करने का शुक्रिया......तफसील से उनके बारे में बताने का दिली शुक्रिया......कई किस्से उनके पढ़ते रहे हैं उनके बारे में उनकी हस्ती के बारे में जो भी कहा जाए कम......Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.com