tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post7648360681259277414..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 38नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger47125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-22288179251832934622010-10-03T22:36:30.340+05:302010-10-03T22:36:30.340+05:30आदरणीय नीरज गोस्वामी जी
नमस्कार !
" किताब...<b>आदरणीय नीरज गोस्वामी जी </b> <br />नमस्कार !<br /><br />" किताबों की दुनिया " के माध्यम से आप हर बार जो कमाल किया करते हैं , उस कड़ी में इस बार <b>रामनाथ सिंह जी </b> उर्फ़ <b>"अदम गोंडवी जी" </b>और उनकी पुस्तक " समय से मुठभेड़ " के परिचय ने मंत्रमुग्ध कर दिया । <br /><br />पुस्तक मंगवा रहा हूं मैं भी , और इस उपयोगी जानकारी के लिए आपका शुक्रगुज़ार हूं ।<br />शुभकामनाओं सहित <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-33060562682084022952010-10-03T17:04:49.479+05:302010-10-03T17:04:49.479+05:30भूख के अहसास को शेरों सुखन तक ले चलो
या अदब को मुफ...भूख के अहसास को शेरों सुखन तक ले चलो<br />या अदब को मुफलिसों की अंजुमन तक ले चलो<br /><br /><br />जो ग़ज़ल माशूक के जल्वों से वाकिफ हो गयी<br />उसको अब बेवा के माथे की शिकन तक ले चलो<br /><br />Neeraj ji aapka jawaab nahiN. Aapki mehnat se hame muft me faayda milta hai. Aur Adam saaheb ne to inhiN do sheroN se jagah banaa li thi. Aage ke sher bhi ek se badh kar ek haiN.Sanjay Groverhttps://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-12222593126041591472010-10-02T03:48:57.355+05:302010-10-02T03:48:57.355+05:30अनमोल हीरे छुपे हैं धरती माँ की कोख में
सामनें आते...अनमोल हीरे छुपे हैं धरती माँ की कोख में<br />सामनें आते हैं तो नज़र चुंधिया जाती है । <br />सच कहा आपने ,एक वक्त ऐसा आयेगा जब कोई आस पास नही होगा तब ये किताबें ही सहारा देंगी, फूल खिलायेंगी मन में उमंगों के । आप सही कह रहे हैं कि सारे पाठक किताबें नही खरीदते । हम तो साल के 6 महीने इधर गुजारते हैं तो किताबें खरीदना तो तभी हो पाता है जब वापिस जाते हैं और तब जो मिल जाती हैं ।<br />पर आपकी पोस्टों का सहारा है कि इनका नाम पता तो मिल ही जायेगा ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-5732485481546086682010-10-01T23:26:39.316+05:302010-10-01T23:26:39.316+05:30अदम जी जैसे महान शायर से रूबरू करवाने के लिय आपका ...अदम जी जैसे महान शायर से रूबरू करवाने के लिय आपका बहुत बहुत धन्यवाद...शेर पढ़ने के बाद मन यही कह रहा है कितना जल्दी किताब ले लूँ...नीरज जी आपका बहुत बहुत आभार....विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-39981415364963029882010-10-01T18:11:05.383+05:302010-10-01T18:11:05.383+05:30बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को
भूख ले जाती है ऐ...बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को<br />भूख ले जाती है ऐसे मोड़ पर इंसान को<br />श्री अदम गोंडवी साहब जी को हमारा नमन <br />आपका भी हार्दिक आभार उनकी इस उत्कृष्ट पुस्तक से रु-ब-रु करने के लिए <br /><br />चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-29337378779832635142010-10-01T17:25:53.460+05:302010-10-01T17:25:53.460+05:30इस लेख की तारीफ़ के लिए मेरे पास शब्द कम रह गए.पढ़...इस लेख की तारीफ़ के लिए मेरे पास शब्द कम रह गए.पढ़कर बहुत ही ख़ुशी हुई. एक से बढ़कर एक शेर .....मज़ा आ गया.<br />इसके लिए आपको आभार.वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-42288897135133805492010-09-30T13:07:48.739+05:302010-09-30T13:07:48.739+05:30अदम साहब को सलाम,
हर शेर सोचने को मजबूर कर दे रहा ...अदम साहब को सलाम,<br />हर शेर सोचने को मजबूर कर दे रहा है.<br /><br />ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नजारों में<br />मुसलसल फन का दम घुटता है इन अदबी इदारों मेंAnkithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-50400269507615982622010-09-29T18:55:52.337+05:302010-09-29T18:55:52.337+05:30किताबों की दुनिया से
एक और नायाब गौहर
हम तक पहुंच...किताबों की दुनिया से<br />एक और नायाब गौहर<br />हम तक पहुंचाने के लिए<br />आपका बहुत बहुत शुक्रियाdaanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-45670997090588485972010-09-29T18:14:03.628+05:302010-09-29T18:14:03.628+05:30गोंडवी जी हकीकतबयानी करते शेर पढ़वाने के लिये शुक...गोंडवी जी हकीकतबयानी करते शेर पढ़वाने के लिये शुक्रिया।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43141199837365132702010-09-28T21:24:55.112+05:302010-09-28T21:24:55.112+05:30सच कहा किताबों से जो प्यार नहीं करता ,वो इंसान कॆ...सच कहा किताबों से जो प्यार नहीं करता ,वो इंसान कॆसा ?<br />जो बदल सकती है इस दुनिया के मौसम का मिजाज़<br />उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिये.<br />अति सुंदर......Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-88110364039166752692010-09-28T17:48:28.179+05:302010-09-28T17:48:28.179+05:30जो ग़ज़ल माशूक के जल्वों से वाकिफ हो गयी
उसको अब ब...जो ग़ज़ल माशूक के जल्वों से वाकिफ हो गयी<br />उसको अब बेवा के माथे की शिकन तक ले चलो<br />यह शेर तो बस लाजबाब था....<br />शुक्रिया इतनी बढ़िया कृति और उसके शायर से परिचित करवाने कोrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-31953939300722257442010-09-28T16:40:45.302+05:302010-09-28T16:40:45.302+05:30अदम जी की शायरी आज और आने वाले १०० वर्षों तक सामय...अदम जी की शायरी आज और आने वाले १०० वर्षों तक सामयिक और यथार्थ से जुड़ी रहेगी ..... कितना सटीक लिखा है उन्होने ... हर शेर वाह वाह बोलने पर मजबूर करता है .... इतने सारे शेर सामाजिक व्यवस्था पर इकट्ठे नही लिखे होंगे किसी ने .... सलाम है अदम साहब की कलाम को ... और शुक्रिया आपका उनसे परिचय कराने का ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63337665364494673952010-09-28T14:36:50.406+05:302010-09-28T14:36:50.406+05:30E-mail received from Mr.ratan Kumar:-
Maja aa gay...E-mail received from Mr.ratan Kumar:-<br /><br />Maja aa gaya ... Dil khush kar diya Adam Sahab ne... <br /><br /><br />-----------------------------------<br /><br /><br />घर में ठन्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है <br />बताओ कैसे लिख दूं धूप फागुन की नशीली है <br /><br /><br /><br /><br />Very touching...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-84210608641376279442010-09-28T14:00:39.228+05:302010-09-28T14:00:39.228+05:30मौजूदा राजनितिक परिदृश्य में अच्छी दखल, आपने बेहतर...मौजूदा राजनितिक परिदृश्य में अच्छी दखल, आपने बेहतरीन किताब को उठाया है. यह पढनी ही होगी... आज सुबह सुबह ही मेरे एक दोस्त ने यह शेर सुनाया था <br /><br />काजू भुने प्लेट में व्हिस्की गिलास में<br />उतरा है रामराज विधायक निवास मेंसागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10415665017312425152010-09-28T13:47:43.261+05:302010-09-28T13:47:43.261+05:30उनको खूब पढ़ा है.....ओर महसूस किया है के वे जमीनी श...उनको खूब पढ़ा है.....ओर महसूस किया है के वे जमीनी शायर है .रूमानी नहीं......<br /><br />कल तलक जो हाशिए पर भी न आते थे नज़र<br />आजकल बाजार में उनके कलेंडर आ गए<br /><br /><br /><br /><br />देखिये न कितनी वाजिब बात कह दी उन्होंने.....वैसे तो ज़माना अब अपने इश्तेहार के पम्पलेट बांटने वालो का भी हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-85324797628629417352010-09-28T11:33:46.749+05:302010-09-28T11:33:46.749+05:30अदम गोंडवी साहब से परिचय करवाने के लिए आपका शुक्रि...अदम गोंडवी साहब से परिचय करवाने के लिए आपका शुक्रिया. बहुत सशक्त शायरी है.सुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-88847968526043026782010-09-28T08:40:53.126+05:302010-09-28T08:40:53.126+05:30समीक्षा बहुत अच्छी लगी ..!समीक्षा बहुत अच्छी लगी ..!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-22852674760946084062010-09-28T08:32:58.305+05:302010-09-28T08:32:58.305+05:30अहा!! क्या एक से एक उम्दा शेर...आप मेरे घर में पूर...अहा!! क्या एक से एक उम्दा शेर...आप मेरे घर में पूरी लायब्रेरी बनवाये बिना न मानेंगे.... :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-46940671936142561312010-09-28T05:55:23.893+05:302010-09-28T05:55:23.893+05:30आपका कहना काफ़ी हद तह ठीक है, हम लोग जब पढ़ते हैं ...आपका कहना काफ़ी हद तह ठीक है, हम लोग जब पढ़ते हैं उस समय जोश रहता है किताबें खरीदने का, फ़िर भूल जाते हैं। आप जो कर रहे हैं, बह एक साधना से कम नहीं है।<br />अदम गोंडवी जी को जितना भी पढ़ा है, हर बार कमाल का लगता है।<br />आपका आभार कि आपके बहाने से हमें ऐसी अनमोल किताबों का परिचय मिलता रहता है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-30018763983221917672010-09-27T23:23:10.323+05:302010-09-27T23:23:10.323+05:30अदम जी की शायरी का जवाब नही । हमारे यहाँ के इप्टा ...अदम जी की शायरी का जवाब नही । हमारे यहाँ के इप्टा टीम ने उनकी कई गज़लों को स्वर दिया है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-41022362709790363312010-09-27T23:15:17.410+05:302010-09-27T23:15:17.410+05:30आज का दिन बना दिया आपने। दुष्यंत जी ने हिंदी ग़ज़ल...आज का दिन बना दिया आपने। दुष्यंत जी ने हिंदी ग़ज़लों में जिस परंपरा की शुरुआत की थी उसके सच्चे वारिस दिखाई दिये अदम साहब. निश्चय ही पूरी किताब पढ़ने योग्य है।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-49889271981706580212010-09-27T23:14:08.765+05:302010-09-27T23:14:08.765+05:30अदम जी की शायरी में गाँव का भोलापन और आत्मीयता की ...अदम जी की शायरी में गाँव का भोलापन और आत्मीयता की झलक साफ़ दिख रही है ।<br />सुन्दर , सरल स्वाभाव के व्यक्तित्त्व से परिचय कराने के लिए आपका आभार ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-16134500706473638052010-09-27T21:58:12.505+05:302010-09-27T21:58:12.505+05:30नीरज जी,
अब का बताएँ ..ई भी नहीं कह सकते कि हमारे ...नीरज जी,<br />अब का बताएँ ..ई भी नहीं कह सकते कि हमारे ख़यालात बहुत मिलते जुलते हैं.. अभी कुछ दिन पहले बड़े भाई राजेस उत्साही जी से अदम गोंडवी जी का बात चीत हो रहा था.. इनके सायरी का आग ऐसा है कि कोई नाअह्ल छू ले तो हाथ जल जाए. बस इनको तो प्रणाम ही कर सकते हैं हम..अऊर आपको भी!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-16654467408155471172010-09-27T21:55:21.810+05:302010-09-27T21:55:21.810+05:30कृपया ये देखलें कि वाणी प्रकाशन है या वीणा प्रकाशन...कृपया ये देखलें कि वाणी प्रकाशन है या वीणा प्रकाशन तथा हो सकें तो प्रकाशक का फोन न0 या ई-मेल पता भी दे दें।संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/00532701630756687682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87890555399312876112010-09-27T21:53:22.679+05:302010-09-27T21:53:22.679+05:30प्रणाम नीरज दा
क्या महफिल जमायी है आपने इस ...प्रणाम नीरज दा<br /> क्या महफिल जमायी है आपने इस बार वाह!वाह!<br /> अदम जी जैसे शायर बहुत कम होते हैं, जिनका जीना-मरना सब कुछ शायरी होती है। मंच पर ऐसे रूप में आना कि जो न जानता हो उसे विश्वास ही न हो कि ये व्यक्ति शायर भी हो सकता है, लेकिन जब कंठ से शेर निकलें वो भी बिना किसी सुर-ताल के लेकिन क्या मजाल सामने वाला हिल भी जाय। जब तक वो पहले शेर के तिलिस्म में अपना वजूद तलाशे तब तक दूसरा शेर हाजिर फिर तीसरा, चैथा। आप कभी उनसे बातें करें तो आपको उनसे खरी बात कहने वाला अपने जेहन में दूसरा नजर ही न आये। अदम जी के व्यक्तित्व के विषय में जितना कहा जाय उतना कम है। अभी पिछले वर्ष उनके चरण स्पर्श का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। आज आपने फिर से चरण वन्दन का सुअवसर दिया है आपको साधुवाद।संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/00532701630756687682noreply@blogger.com