tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post7539680937478180067..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 67नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger47125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-6354145997437919332015-04-18T10:49:30.992+05:302015-04-18T10:49:30.992+05:30वाह मजा आए गया तर्ज़ साहब के बारे में जानकर
वाह क...वाह मजा आए गया तर्ज़ साहब के बारे में जानकर<br /><br />वाह क्या खूब गाया है मेहदी हसन साहब ने 'हिना बन गई ग़ज़ल'<br /><br />वाहAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/10617116695001104053noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-81083294526938183332012-03-30T23:39:23.838+05:302012-03-30T23:39:23.838+05:30मरहूम गणेश बिहारी श्रीवास्तव 'तर्ज़ लखनवी'...मरहूम गणेश बिहारी श्रीवास्तव 'तर्ज़ लखनवी' साहिब की किताब "हिना बन गयी ग़ज़ल" के चंद शेर जो मुझे बहुत पसंद हैं नीरज साहिब की पैनी नज़र से भला कैसे बच सकते थे....<br /><br />अपनों को अपना ही समझा ग़ैर समझा ग़ैर को<br />गौर से देखा तो देखा मुझको धोका हो गया<br /> <br />जिन कायदों को तोड़ के मुजरिम बने थे हम<br />वो क़ायदे ही मुल्क का दस्तूर हो गए<br /><br />'तर्ज़' इनको अपने सीने में कब तक छुपाओगे<br />ये ज़ख्म अब कहाँ रहे नासूर हो गए<br /> (सीने में अपने 'तर्ज़' छुपाओगे कब तलक)<br />...पहला मिसरा किताब में बदलना रह गया है <br /><br />यह दीगर बात है कि याद न हो, लेकिन तर्ज़ साहिब ने ऐसा कुछ नहीं कहा..जो मैंने पढ़ा न हो....कुछ कलाम जो नहीं छप पाए थे...डायरी में ही रह गए वह भी... <br /><br />कुछ और बहुत खूबसूरत शे'र... <br /><br />उनकी आँखों में अश्क आ गए<br />दास्ताँ मुख़्तसर हो गयी<br /><br />चार तिनके ही रख पाए थे<br />बिजलियों को खबर हो गयी<br /> <br />आदरणीय नीरज साहिब का तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ कि उन्होंने अपने ब्लॉग में इस खूबसूरत अंदाज़ में पेश किया जिसका जवाब नहीं.....साथ ही आप सभी का भी..कि सभी ने अपने अपने तरीके से श्रद्धा सुमन अर्पित किए. <br /><br />"तू ही जब बेजार है मुझसे तो फिर, <br /> जा तुझे मैंने भी छोड़ा ज़िंदगी........तर्ज़" <br /><br />सतीश शुक्ला 'रक़ीब'SATISHhttps://www.blogger.com/profile/05827348428895319151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-4574671069085127422012-03-30T17:31:02.242+05:302012-03-30T17:31:02.242+05:30गणेश बिहारी तर्ज जी से मिलवाने का बेहद शुक्रिया । ...गणेश बिहारी तर्ज जी से मिलवाने का बेहद शुक्रिया । एक से एक बढिया शेर चुने हैं आपने ।<br /><br />अर्ज़े दकन में जान तो देहली में दिल बनी<br />और शेहरे लखनऊ में हिना बन गयी ग़ज़ल ।<br /><br />दर्द जब उमड़ा तो इक आंसू का कतरा हो गया<br />और जब ठहरा तो बढ़ कर एक दरिया हो गया ।<br /><br />मैं अपनी धुन में आग लगाता चला गया<br />सोचा न था कि ज़द में मेरा घर भी आएगा ।<br /><br />सपने मिलन के मिल के तो काफूर हो गए<br />इतना हुए क़रीब कि हम दूर हो गए ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-81086777849740848252012-03-29T11:12:59.491+05:302012-03-29T11:12:59.491+05:30नीरज जी,
सादर नमस्ते. आपके ब्लॉग द्वारा श्री...नीरज जी,<br /> सादर नमस्ते. आपके ब्लॉग द्वारा श्री बिहारी 'तर्ज़' जी की शायरी से परिचय हुआ. आपका अंदाज़े बयां खूबसूरत कलाम को चार चाँद लगा देता है. इस महत्वपूर्ण जानकारी को इस खूबसूरती के साथ हम तक पहूँचाने का बहुत बहुत शुक्रिया.<br /> <br /> भाई जी, श्री सतीश शुक्ला 'रकीब' जी का तहे-दिल से शुक्रिया जिन्होंने आपके ब्लॉग से परिचय कराया.<br /> <br />शुभकामनाओं के साथ<br />- उषानीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-22331399262663710722012-03-25T17:49:31.531+05:302012-03-25T17:49:31.531+05:30इन अजीम शायरों से तआरुफ़ के लिए शुक्रिया!
एक से ब...इन अजीम शायरों से तआरुफ़ के लिए शुक्रिया! <br />एक से बढ़कर एक अहसास हैं शेर हैं और अंदाजे बयान को तो कहना ही क्या !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-49755139674248321072012-03-25T00:52:00.766+05:302012-03-25T00:52:00.766+05:30विस्तार से शायर का परिचय, उनकी शायरी और पुस्तक पर ...विस्तार से शायर का परिचय, उनकी शायरी और पुस्तक पर चर्चा पढकर अच्छा लगा. आपके ब्लॉग के द्वारा रचनाकारों का परिचय यूँ ही मिलता रहे. धन्यवाद !डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63284775851622633852012-03-23T17:42:03.574+05:302012-03-23T17:42:03.574+05:30गणेश बिहारी जी से परिचय कराने के लिए धन्यवाद।
उनकी...गणेश बिहारी जी से परिचय कराने के लिए धन्यवाद।<br />उनकी रचनाएं उच्च कोटि की हैं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-15217751716120634842012-03-22T22:05:15.676+05:302012-03-22T22:05:15.676+05:30आद. नीरज जी आपने अश्क और दरिया वाले शेर के बारे मे...आद. नीरज जी आपने अश्क और दरिया वाले शेर के बारे में बिल्कुल सही लिखा है...वैसे देखा जाए, तो <br />अपनों को अपना ही समझा ग़ैर समझा ग़ैर को<br />गौर से देखा तो देखा मुझको धोका हो गया...<br />इस शेर ने तो काफ़ी देर तक कुछ और सोचने ही नहीं दिया...<br />कमाल की शायरी है जनाब...गणेश बिहारी 'तर्ज़’ साहब की...<br />बिल्कुल आपकी प्रस्तुति जैसी.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-5852377955860576572012-03-22T16:10:22.576+05:302012-03-22T16:10:22.576+05:30अज्ञात को करते हो ज्ञात, शायर के हों घात प्रतिघात...अज्ञात को करते हो ज्ञात, शायर के हों घात प्रतिघात <br /><br />ब्लॉग पर सभी को लब्ध हो ज्ञान, तान शायरी के वितानगिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-77327253455040783092012-03-22T11:17:40.865+05:302012-03-22T11:17:40.865+05:30prichay bahut hi rochak tarike se likha aap ne ,bd...prichay bahut hi rochak tarike se likha aap ne ,bdhaaiavanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-33139340952382653152012-03-22T10:29:26.107+05:302012-03-22T10:29:26.107+05:30पुस्तक के परिचय के लिए आपका बहुत आभार......पुस्तक के परिचय के लिए आपका बहुत आभार......Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-31631298991650688642012-03-21T23:57:46.647+05:302012-03-21T23:57:46.647+05:30wha goswami ji bahut achhe shayar se maulakat kara...wha goswami ji bahut achhe shayar se maulakat karayee apne ...sadar badhai .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87770566042196301982012-03-21T21:11:01.585+05:302012-03-21T21:11:01.585+05:30एक बेहतरीन शायर से मुलाकात कराने के लिये आभार .......एक बेहतरीन शायर से मुलाकात कराने के लिये आभार ....Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-91749894119304303952012-03-21T20:47:42.604+05:302012-03-21T20:47:42.604+05:30हमेशा की तरह इस बार भी आपने एक संपूर्ण शायर का परि...हमेशा की तरह इस बार भी आपने एक संपूर्ण शायर का परिचय कराया है जिसकी शायरी के पास देने के लिए सब कुछ है. आभार आपका.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-46298640744155260512012-03-21T19:55:11.066+05:302012-03-21T19:55:11.066+05:30नीरज जी नमस्कार ! बहुत दिनों बाद फिर आपके ब्लाग पर...नीरज जी नमस्कार ! बहुत दिनों बाद फिर आपके ब्लाग पर पुस्तक चर्चा देखकर और "गणेश बिहारी 'तर्ज़' की रचनाओं से रूबरू होकर बहुत अच्छा लगा। आप को इस कार्य के लिये बहुत बहुत बधाई .........<br />आप द्वारा प्रस्तुत काव्यपाठ भी सुना.... अच्छा लगा.......प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-54865664169081301062012-03-21T18:37:23.072+05:302012-03-21T18:37:23.072+05:30हर बार एक नया अहसास होता है अपने कद का, जब आपके ब्...हर बार एक नया अहसास होता है अपने कद का, जब आपके ब्लॉग पर किसी शायर की प्रस्तुति पढ़ता हूँ। एक बात तो तय है कि आप यूँ ही किसी किताब का जि़क्र नहीं करते। आज भी यही है और खुदा चाहेगा कि आगे भी ऐसा ही हो।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-79481114356534632822012-03-21T15:42:53.909+05:302012-03-21T15:42:53.909+05:30इक ज़माना था कि जब था कच्चे धागों का भरम
कौन अब सम...इक ज़माना था कि जब था कच्चे धागों का भरम<br />कौन अब समझेगा कदरें रेशमी ज़ंजीर की<br /><br />है बात वक्त वक्त की चलने की शर्त है<br />साया कभी तो कद के बराबर भी आएगा<br /><br />एक से बढ़कर एक बढ़िया शेर. 'तर्ज' साहब की किताब के बारे में पढ़ना बढ़िया अनुभव रहा. आपकी इस श्रृंखला का बढ़ते जाना इसकी पॉपुलरटी की कहानी कहता है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-41699749671096943732012-03-21T14:26:07.429+05:302012-03-21T14:26:07.429+05:30laajawaab jitnaa padhaa doobtaa chalaa gyaa Satish...laajawaab jitnaa padhaa doobtaa chalaa gyaa Satish ji p se shikaayat rahegee mujhe iske baare men pahle bataayaa hotaa to main in gulon kee khushboo se ab tak mehroom n rahtaa. khair aapko saadhuwaad detaa hoon ki aapko ese beshqeemtee ustaad mileDr. Surendra Sainihttps://www.blogger.com/profile/12953595034123626341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-21553041262970240072012-03-21T10:31:04.709+05:302012-03-21T10:31:04.709+05:30मैं अपनी धुन में आग लगाता चला गया
सोचा न था कि ज़द...मैं अपनी धुन में आग लगाता चला गया<br />सोचा न था कि ज़द में मेरा घर भी आएगा<br /><br />चार तिनके ही रख पाए थे<br />बिजलियों को खबर हो गयी<br /><br />बहुत उम्दा है शेर तर्ज साहब के.....सलाम हैं उनको.....आभार है आपका।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-55485237608367826442012-03-21T09:04:43.472+05:302012-03-21T09:04:43.472+05:30बढ़िया ग़ज़ल..... बढ़िया किताब से परिचय....बढ़िया ग़ज़ल..... बढ़िया किताब से परिचय....अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-30882780375818309462012-03-21T08:09:44.530+05:302012-03-21T08:09:44.530+05:30गणेश बिहारी तर्ज़ जी को सामने से सुनने का मौक़ा मु...गणेश बिहारी तर्ज़ जी को सामने से सुनने का मौक़ा मुझे मिला.वाक़ई वो बहुत प्यारे शेर कहते थे.इस समय वो यादगार लम्हा याद आ गया जब उन्हें सुना था.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-81731760584498641132012-03-20T23:52:30.086+05:302012-03-20T23:52:30.086+05:30वाह! बेहतरीन शायरी।वाह! बेहतरीन शायरी।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-62644863187019031932012-03-20T20:45:37.331+05:302012-03-20T20:45:37.331+05:30शुक्रिया....
एक बेहतरीन और संजीदा शायर से तारुफ़ क...शुक्रिया....<br />एक बेहतरीन और संजीदा शायर से तारुफ़ कराने के लिए...!<br />जितने भी शेर आपने यहाँ हम सबके लिए फूलों से बिखेर दिए हैं...<br />उनकी महक अभी भी ताज़ी है...<br />एक शायर की उम्मीद कभी ख़त्म नहीं होती..<br /><br />"है बात वक्त वक्त की चलने की शर्त है<br />साया कभी तो कद के बराबर भी आएगा"***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-69351444688264126692012-03-20T15:11:01.023+05:302012-03-20T15:11:01.023+05:30कोनों में कांपते थे अँधेरे जो अब तलक
सूरज को ज़र्द...कोनों में कांपते थे अँधेरे जो अब तलक<br />सूरज को ज़र्द देखा तो मगरूर हो गए.<br /> एक से बढ़कर अशआर....भाई नीरज जी बहुत-बहुत आभार.तर्ज़ साहब को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि.ओमप्रकाश यतीhttps://www.blogger.com/profile/03097758271779661463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-52116367212467101832012-03-20T14:23:34.000+05:302012-03-20T14:23:34.000+05:30कारवां तो गुजर ही जाता है पर निशानी रह जाती है कित...कारवां तो गुजर ही जाता है पर निशानी रह जाती है किताब के रूप में जिससे आपने सुन्दर परिचय करवाया..आभार..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.com