tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post7430028932889044077..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: याद का तेरी चाँद आने सेनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87670836245426768622007-11-30T00:48:00.000+05:302007-11-30T00:48:00.000+05:30Waahhhhhhhhhhhh!!!लोग सुनते कहाँ बुजुर्गों कीसब खफ...Waahhhhhhhhhhhh!!!<BR/><BR/>लोग सुनते कहाँ बुजुर्गों की<BR/>सब खफा उनके बुदाबुदाने से<BR/><BR/>Pahle se vo udaas hai Neeraj<BR/>ab rahe vo bhi mskraane se.<BR/>DeviDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10480391447773779642007-11-26T10:23:00.000+05:302007-11-26T10:23:00.000+05:30नीरज जी बहुत खूब ..........नीरज जी बहुत खूब ..........anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8928917766041013702007-11-17T13:32:00.000+05:302007-11-17T13:32:00.000+05:30नीरज भाई,इतनी सदाशयता से आप मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी ...नीरज भाई,<BR/>इतनी सदाशयता से आप मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी लिखते हैं सबसे पहले तो उसके लिए धन्यवाद कहूँगी। फिर आपकी एक गज़ल के एक शेर पर क्या कहूँ आपका पूरा साहित्य मुझे व मेरे पाठकों को प्रिय है और यह तो ब्लॉग शुरू होने से बहुत पहले से ही है और इंशाअल्लाह सदा रहेगा। मुलाहिज़ा फ़रमाएं-<BR/>जितना होता है पुराना शायर<BR/>जुड़ता जाता है इस ज़माने से<BR/><BR/>आप अनुभूति की शोभा हैं और आपको पढ़ना आपने आप में एक काव्यात्मक अनुभूति है। आप इसी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहें आपकी नई ग़ज़लें जल्दी ही प्रकाशित होंगी। और यहाँ जो भी नीरज जी के पाठक हैं वे अनुभूति (www.anubhuti-hindi.org) पर उन्हें पढ़ना न भूलेंपूर्णिमा वर्मनhttps://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-59804935461887405432007-11-17T12:37:00.000+05:302007-11-17T12:37:00.000+05:30जिक्र तक हट गया फ़साने सेलोग जब हो गए पुराने से.मुझ...जिक्र तक हट गया फ़साने से<BR/>लोग जब हो गए पुराने से.<BR/>मुझे अधिक अच्छा लगता है.बाकी जो भी बदलाव किए गए हैं,बहुत ही अच्छे बन पड़े हैं.आपने जीवन को और जीवन ने आपकी ऊँगली को ऐसे पकड़ रखा है ,दोनों के बीच इतनी अच्छी समझदारी बनी हुई है कि जब भी आप आपस मे बातें करते हैं संवेदनाओं का आदान प्रदान होता है तो सबसे अधिक लाभ मे हम पाठक ही रहते हैं.ईश्वर आपको ऐसे ही जीवंत बनाये रखें और आपकी आंखों हम भी इसकी खूबसूरती देखते रहें ,यही कामना है.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-84355409575229782842007-11-17T10:40:00.000+05:302007-11-17T10:40:00.000+05:30बहुत बढ़िया...मैं भी अरुण जी से सहमत हूँ...सुकूँ द...बहुत बढ़िया...मैं भी अरुण जी से सहमत हूँ...<BR/><BR/>सुकूँ देती हैं आपकी गजलें<BR/>मजा आता है गुनगुनाने सेShivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-45354683756018459212007-11-17T09:22:00.000+05:302007-11-17T09:22:00.000+05:30कुछ ना बदला है ना बदलेगा यहा नीरजपर दिल तो बहलेगा ...कुछ ना बदला है ना बदलेगा यहा नीरज<BR/>पर दिल तो बहलेगा तेरी गजल गुनगुनाने सेArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64556467687335407542007-11-17T02:07:00.000+05:302007-11-17T02:07:00.000+05:30गजल क्या यह तो जीवन दर्शन है। बहुत खूब।गजल क्या यह तो जीवन दर्शन है। बहुत खूब।Pankaj Oudhiahttps://www.blogger.com/profile/06607743834954038331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87991498943305241722007-11-16T21:22:00.000+05:302007-11-16T21:22:00.000+05:30यह तो ईर्ष्या का विषय हो गया। न ऐसे शब्द कभी हमारे...यह तो ईर्ष्या का विषय हो गया। न ऐसे शब्द कभी हमारे जेहन में आये, न भाव। <BR/>बहुत खूब।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40440608722975982982007-11-16T21:07:00.000+05:302007-11-16T21:07:00.000+05:30वो है नकली ये जानलो "नीरज "जो हँसी आए गुदगुदाने से...वो है नकली ये जानलो "नीरज "<BR/>जो हँसी आए गुदगुदाने से<BR/>बहुत सही...बहुत सुंदर।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64419358311812198272007-11-16T20:57:00.000+05:302007-11-16T20:57:00.000+05:30गहरी बात है जी।गहरी बात है जी।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-37416014447080553752007-11-16T20:35:00.000+05:302007-11-16T20:35:00.000+05:30बढ़िया ग़ज़ल लिखी है आपने। तमाम शेर लाजवाब हैं पर इ...बढ़िया ग़ज़ल लिखी है आपने। तमाम शेर लाजवाब हैं पर इस शेर के दूसरे मिसरे में वो प्रवाह नहीं आ पा रहा<BR/><BR/>गम के तारे नज़र नहीं आते<BR/>याद का तेरी चाँद आने सेManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-59984284335569732882007-11-16T18:19:00.000+05:302007-11-16T18:19:00.000+05:30वाह! वाह! ...वाह! वाह! क्या गजल है ! क्या शायरी है! एक एक शेर जिंदगी जीने का सलीका सिखलाता नज़र आता है.<BR/>"जोहै दिलमें जबांपे ले आओ<BR/>दर्द बढ़ता बहुत दबाने से"<BR/><BR/>"राज बस एक ही खुशी का है<BR/>चाहा कुछ भी नहीं ज़माने से"<BR/><BR/>"बुझ ही जाना बहुत सही यारों<BR/>बेसबब यूं ही टिमटिमाने से"<BR/>क्या कहे वड्डे वप्पजी आप तो छा गए पूरे ब्लोगिंग आकाश पे.<BR/><BR/>"क्या करूँगा मैं सूरज को लेकर<BR/>रोशन हुआ जंहा बस तेरे आने से."बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.com