tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post5815012408363941547..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 156नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73309514808876939002021-05-30T18:38:16.072+05:302021-05-30T18:38:16.072+05:30शब्द नहीं है, क्या बात है। शब्द नहीं है, क्या बात है। Ajayhttps://www.blogger.com/profile/09934942532628183904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-37927389607154956162017-12-22T07:30:02.990+05:302017-12-22T07:30:02.990+05:30गोविन्द जी एक बड़े शायर होने के साथ एक मुख़लिस इंस...गोविन्द जी एक बड़े शायर होने के साथ एक मुख़लिस इंसान हैं । मैं उनकी मज़ीद कामयाबी के लिए दुआ करता हूँ ।sarwar hasan sarwarhttps://www.blogger.com/profile/11676602331623152227noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-80814267268226448802017-12-21T20:48:23.877+05:302017-12-21T20:48:23.877+05:30Waaaaaah waaaaaah kya kahne bahut umda
Bahut shukr...Waaaaaah waaaaaah kya kahne bahut umda<br />Bahut shukriya janab<br />Namanmgtapishhttps://www.blogger.com/profile/05875054316342019400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63460606714260515472017-12-20T12:12:04.640+05:302017-12-20T12:12:04.640+05:30Bahut imdah tabsaraBahut imdah tabsaravedandquraanhttps://www.blogger.com/profile/08401883663075010471noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63789326152989616132017-12-19T20:17:13.079+05:302017-12-19T20:17:13.079+05:30यह मेरा सौभाग्य ही कहिए कि एक दिन दफ्तर से आकर मुझ...यह मेरा सौभाग्य ही कहिए कि एक दिन दफ्तर से आकर मुझे एक किताब दी और कहा कि यह आपके लिए किसी ने तोहफा भेजा है।<br /> श्रीमती जी को मालूम था कि मुझे शायरी काफी पसंद है। मैंने सोचा चलो देखते हैं क्या है।<br /> अरे जनाब क्या बताऊँ, एक बार जो पढ़ने बैठा तो फिर और किसी बात का ख़याल ही नहीं रहा। यकीन मानिए श्रीमती जी के बार-बार कहने के बावजूद भी मैंने तब तक खाना नहीं खाया जब तक कि आख़िरी ग़ज़ल नहीं पढ़ ली।<br /> अब शायद यह तो बताने की ज़रूरत नहीं होगी कि ग़ज़लें कैसी लगीं। हम तो उसी पल से गोविन्द जी के मुरीद हो गए बिल्कुल Love at first sight की तरह, यह बात अलग है कि अभी तक उनके दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है। भगवान् ने चाहा तो वह भी जल्दी ही हो जाएँगे । <br /> तब से अब तक गोविन्द जी को इंटरनेट और यू-ट्यूब पर पढ़-सुन कर आनन्दित होते रहते हैं। <br /> अंत में एक बात - गोविन्द जी की शायरी कभी तो संजीदा होती है और कभी शरारती। मसलन् - <br />मेरी नज़रों ने बरसात में छू लिया उनका गीला बदन<br />उनसे नज़रें मिलीं और फिर <br /> शर्मसारी रही उम्र भर<br /> यह गज़ल जब भी देखता हूँ तो वाह-वाह के साथ हँसी भी आ जाती है, ऐसा लगता ही नहीं कि साहब रिटायर हो चुके हैं । <br /> बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। <br /> धन्यवाद। <br /> Jeetendra Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/13766556209377552808noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-31783426149381417562017-12-19T10:25:09.388+05:302017-12-19T10:25:09.388+05:30फिर उसके बाद ज़ुल्फ़ के हम पर हुए करम
पर्दा रहा, नक़ा...फिर उसके बाद ज़ुल्फ़ के हम पर हुए करम<br />पर्दा रहा, नक़ाब उठाने के बाद भी <br />गुलशन जी का ये शेर और कुछ पढ़ने दे तो कुछ कहें। इस एक शेर में सैकड़ों गानो और फिल्मों की रूमानियत है मुझे चौहदवी कै चाँद जाने से लेकर साहब बीवी गुलाम की मीनाकुमारी तक याद आए जा रही है।Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10516846601501040552017-12-19T06:19:27.974+05:302017-12-19T06:19:27.974+05:30वाह!वाह!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-57687322155587498032017-12-18T22:18:17.222+05:302017-12-18T22:18:17.222+05:30गुलशन दादा जब तरन्नुम में ग़ज़लें पढते हैं दिल झूम-झ...गुलशन दादा जब तरन्नुम में ग़ज़लें पढते हैं दिल झूम-झूम जाता है।www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-33153865416007140162017-12-18T20:03:13.342+05:302017-12-18T20:03:13.342+05:30शायरी की दुनिया में कुछ शायरों का परिचय उनके शेर ह...शायरी की दुनिया में कुछ शायरों का परिचय उनके शेर होते हैं। ऐसे ही नायाब शायरों में गोविंद जी का नाम अदब से लिया जाता है। इनकी वो ग़ज़ल विशेष रूप से देखने लायक हैं जिनमें रदीफ़ और क़ाफ़िया का दुगन में प्रयोग हुआ है।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63259586397816858542017-12-18T17:24:06.824+05:302017-12-18T17:24:06.824+05:30वो एक अश्क का क़तरा जरूर है लेकिन
मुकाबले में समंद...वो एक अश्क का क़तरा जरूर है लेकिन <br />मुकाबले में समंदर ग़ुलाम हो जाये <br /><br />आज के लिये मौजूँ शेरAshish Anchinharhttps://www.blogger.com/profile/11963153563939587957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-88957372930194014822017-12-18T16:02:22.408+05:302017-12-18T16:02:22.408+05:30गोविंद गुलशन जी बड़े मोतबर शायर हैं। उनके एक एक शे...गोविंद गुलशन जी बड़े मोतबर शायर हैं। उनके एक एक शेर नगीने की तरह हैं। बतौर उस्ताद कई नौजवानों को वे शायरी का हुनर सिखाने का नेक काम भी कर रहे हैं। आपने उनकी शायरी को सबके सामने पेश करने का सराहनीय काम किया। इसके लिए आपको बधाई।<br />देवमणि पांडेय Devmani Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/09583435334580761206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-31085840823651477402017-12-18T15:27:15.053+05:302017-12-18T15:27:15.053+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-12-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "ढकी ढोल की पोल" (चर्चा अंक-2822) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com