tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post55395788407451083..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 189नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25842008426912606712019-06-12T07:47:00.994+05:302019-06-12T07:47:00.994+05:30Bahut khoob...Bahut khoob...शिवम् दीक्षित 'साहिब'https://www.blogger.com/profile/05441568021031651789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-44673006853906498242018-08-17T07:05:08.733+05:302018-08-17T07:05:08.733+05:30 वो ज़मीं पे जिनका था दबदबा कि बुलंद अर्श पे नाम था... वो ज़मीं पे जिनका था दबदबा कि बुलंद अर्श पे नाम था <br /> उन्हें यूँ फ़लक ने मिटा दिया कि मज़ार तक का निशां नहींv k jainhttps://www.blogger.com/profile/08866515068421677296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10226564909739242412018-08-13T18:53:47.308+05:302018-08-13T18:53:47.308+05:30Bemisaal waaaaaah waaaaaah
NamanBemisaal waaaaaah waaaaaah<br />Namanmgtapishhttps://www.blogger.com/profile/05875054316342019400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87487965123832324852018-08-07T20:35:29.785+05:302018-08-07T20:35:29.785+05:30Waaaaaaaaah waaaaah Neeraj Sahab bahut khoob...Bad...Waaaaaaaaah waaaaah Neeraj Sahab bahut khoob...Badhai .... RaqeebSATISHhttps://www.blogger.com/profile/05827348428895319151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-83749853037069202232018-08-07T19:49:33.540+05:302018-08-07T19:49:33.540+05:30चकबस्त याद आये ये बेशक कमाल है
आपने एक मशहूर होने ...चकबस्त याद आये ये बेशक कमाल है<br />आपने एक मशहूर होने के अनासिर से लबरेज शायर के <br />मशहूर न होने की दास्तान पेश कर दी।<br />बहुत बहुत शुक्रियारमेश कंवलnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-22990765721678150152018-08-07T12:34:41.607+05:302018-08-07T12:34:41.607+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (08-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (08-08-2018) को <a href="javascript:void(0);" rel="nofollow"> "सावन का सुहाना मौसम" (चर्चा अंक-3057) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />राधा तिवारीradha tiwari( radhegopal)https://www.blogger.com/profile/09630389878761098417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-1126866306076680942018-08-07T11:21:24.714+05:302018-08-07T11:21:24.714+05:301952 में जब शे'र कहना शुरू किया था तब जनाब चकब...1952 में जब शे'र कहना शुरू किया था तब जनाब चकबस्त साहिब का कलाम पड़ता आ रहा हूँ और ये मिस्रे तो हमेशा ज़बान पर रहते हैं एक मुहावरे के त्तौर पर....<br /><br />ज़िन्दगी क्या है अनासिर में ज़हूरे-तरतीक्या है, मौत क्या है, इन्हीं अज्ज़ा का परीशां होंना<br /><br /> इस मा'ख़ेज़ तब्सिरे के लिए बहुत, बहुत शुक्रिया, नीरज साहिब!<br />--दरवेश भारती। मो. 9268798930<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13447902109786308657noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-7367718480038829842018-08-06T23:18:49.538+05:302018-08-06T23:18:49.538+05:30नीरज भाई अगर किसी को इस ब्लॉग की एकमेव श्रेष्ठ यान...नीरज भाई अगर किसी को इस ब्लॉग की एकमेव श्रेष्ठ यानि सर्वश्रेष्ठ पोस्ट को चुनना हो तो चुनने वाले उलझन में पड़ जाएँ ऐसी ऐसी बेहतरीनेबेहतरीन पोस्ट्स से सजाया सँवारा है आपने अपने ब्लॉग को। चकबस्त जी के लिये बकौल ग्वाल कवि:- <br /><br />जा की यहाँ चाह न है, ता की वहाँ चाह न है, <br />जा की यहाँ चाहना है, ता की वहाँ चाहना।। <br /><br />जय श्री कृष्णwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43586010847109499132018-08-06T22:00:06.143+05:302018-08-06T22:00:06.143+05:30बड़े विस्तार से और बेहतरीनबड़े विस्तार से और बेहतरीनप्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-26970196450977234282018-08-06T18:17:45.310+05:302018-08-06T18:17:45.310+05:30बहुत ही अदभुत नीरज सर
चकबस्त साहब ने बहुत ही बढ़िय...बहुत ही अदभुत नीरज सर <br />चकबस्त साहब ने बहुत ही बढ़िया लिखा ......पर जो दिल को छू गए ,पोस्ट कर दिया <br />ज़बाँ को बंद करें या मुझे असीर करें <br />मिरे ख़याल को बेड़ी पिन्हा नहीं सकते <br /> ये कैसी बज़्म है और कैसे उस के साक़ी हैं <br />शराब हाथ में है और पिला नहीं सकते <br /> ये बेकसी भी अजब बेकसी है दुनिया में <br />कोई सताए हमें, हम सता नहीं सकते <br /><br />जहाँ में आँख जो खोली फ़ना को भूल गये <br /> कुछ इब्तदा ही में हम इन्तहा को भूल गये <br /><br /> है शौक़ की मंज़िल यही दुनिया के सफर में <br /> क्या ख़ाक जवानी है जो सौदा नहीं सर में Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13542463068035996160noreply@blogger.com