tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post5537601323763835288..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया -219नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger45125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-23757126139270103672021-02-01T11:54:15.190+05:302021-02-01T11:54:15.190+05:30*
क्यों बात बढ़ाना चाहते हो
तुम अपनी कमगुफ़्तारी से...*<br />क्यों बात बढ़ाना चाहते हो <br />तुम अपनी कमगुफ़्तारी से <br /><br />Waqt ki zarurat hai is sh'er ko samjhna.<br />Enneagramspeakshttps://www.blogger.com/profile/03947114991565889860noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8780933647009853022020-12-22T11:45:42.035+05:302020-12-22T11:45:42.035+05:30वाह वाह लाजवाब सर। वाह वाह लाजवाब सर। Gyanu manikpurihttps://www.blogger.com/profile/15243556886024804441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73696798549086492642020-12-22T11:45:31.787+05:302020-12-22T11:45:31.787+05:30वाह वाह लाजवाब सर। वाह वाह लाजवाब सर। Gyanu manikpurihttps://www.blogger.com/profile/15243556886024804441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-62866109937749713872020-12-13T14:26:19.342+05:302020-12-13T14:26:19.342+05:30घर में किसका पाँव पड़ा
छत से जाले उतर गये
अच्छा श...घर में किसका पाँव पड़ा <br />छत से जाले उतर गये <br />अच्छा शायर<br />लाजवाब शायरीRamesh Kanwalhttps://www.blogger.com/profile/16994101411920428509noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-69760628379306412942020-11-30T15:22:22.450+05:302020-11-30T15:22:22.450+05:30देखा ये गया है कि जहाँ घर जुड़े होते हैं वहां उनमें...देखा ये गया है कि जहाँ घर जुड़े होते हैं वहां उनमें रहने वाले लोगों के दिल भी आपस में जुड़े होते हैं। लोगों की तकलीफें और खुशियाँ सांझी होती हैं। सबको पता होता है कि किसके घर के सामने वाले पेड़ का पीला पत्ता टूट के नीचे गिरा है और किसके पड़ौस के पेड़ में फल लगे हैं। <br /><br />Nani Dadi ka zamana yaad AA gya.. kash ise hum phir jeena shuru Kar den.. <br /><br />कुछ इतना सहल न था रौशनी से भर जाना <br />नज़र दिये पे बड़ी देर तक जमानी पड़ी <br /><br />Sadar pranam Neeraj uncle..sadhuwaad.. mere adne se, tang shabdkosh men aapke lekhan ki prastuti ki prashansa ke layak shabd hi nahi Hain.. <br /><br />Aapka vishalVishal mishrahttps://www.blogger.com/profile/09251513963910347719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-83291316167554939382020-11-30T15:22:17.690+05:302020-11-30T15:22:17.690+05:30देखा ये गया है कि जहाँ घर जुड़े होते हैं वहां उनमें...देखा ये गया है कि जहाँ घर जुड़े होते हैं वहां उनमें रहने वाले लोगों के दिल भी आपस में जुड़े होते हैं। लोगों की तकलीफें और खुशियाँ सांझी होती हैं। सबको पता होता है कि किसके घर के सामने वाले पेड़ का पीला पत्ता टूट के नीचे गिरा है और किसके पड़ौस के पेड़ में फल लगे हैं। <br /><br />Nani Dadi ka zamana yaad AA gya.. kash ise hum phir jeena shuru Kar den.. <br /><br />कुछ इतना सहल न था रौशनी से भर जाना <br />नज़र दिये पे बड़ी देर तक जमानी पड़ी <br /><br />Sadar pranam Neeraj uncle..sadhuwaad.. mere adne se, tang shabdkosh men aapke lekhan ki prastuti ki prashansa ke layak shabd hi nahi Hain.. <br /><br />Aapka vishalVishal mishrahttps://www.blogger.com/profile/09251513963910347719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-1784010253594813362020-11-29T20:46:48.920+05:302020-11-29T20:46:48.920+05:30वाह, वाह.....लाजवाब शायरी, ख़ूबसूरत अशआर...
बेहतरी...वाह, वाह.....लाजवाब शायरी, ख़ूबसूरत अशआर...<br />बेहतरीन प्रस्तुति...हार्दिक धन्यवादHimkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73738537426536826332020-11-28T17:51:38.512+05:302020-11-28T17:51:38.512+05:30मजा आ गया पढ़कर
दीवारें छोटी होती थीं लेकिन परदा ...मजा आ गया पढ़कर<br /><br />दीवारें छोटी होती थीं लेकिन परदा होता था <br />ताले की ईजाद से पहले सिर्फ़ भरोसा होता था <br /> <br />कभी-कभी आती थी पहले वस्ल की लज़्ज़त अंदर तक <br />बारिश तिरछी पड़ती थी तो कमरा गीला होता था <br /><br />शुक्र करो तुम उस बस्ती में भी इक स्कूल खुला <br />मर जाने के बाद किसी का सपना पूरा होता था <br /><br />जब तक माथा चूम के रुख़सत करने वाली ज़िंदा थी <br />दरवाज़े से बाहर तक भी मुँह में लुक़्मा होता था<br /><br />सत्य शील राम त्रिपाठी<br />गोरखपुरनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64387063630319427282020-11-28T17:50:57.304+05:302020-11-28T17:50:57.304+05:30Dhanyvad Rohit Dhanyvad Rohit नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-4717534494693345672020-11-28T00:26:31.670+05:302020-11-28T00:26:31.670+05:30जय हो
अप्रतिमजय हो<br />अप्रतिमROHIT KRISHNA NANDANhttps://www.blogger.com/profile/05396819645255613559noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40197987777944315082020-11-25T19:17:11.080+05:302020-11-25T19:17:11.080+05:30बहुत ख़ूब, नीरज जी। अभी-अभी पढ़ा अज़हर फ़राग़ की शायरी ...बहुत ख़ूब, नीरज जी। अभी-अभी पढ़ा अज़हर फ़राग़ की शायरी पर आपका मज़मून - एक बेहतरीन शायर से तआरुफ़ कराने का शुक्रिया।<br /><br />Shukriya Bhai Sahab ...inayat banaye rakhen.नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-42308532118606811932020-11-25T19:03:35.591+05:302020-11-25T19:03:35.591+05:30बहुत शुक्रिया भाई साहब आपका..।बहुत शुक्रिया भाई साहब आपका..।नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-68860263631495763012020-11-25T15:13:33.532+05:302020-11-25T15:13:33.532+05:30बहुत ख़ूब, नीरज जी। अभी-अभी पढ़ा अज़हर फ़राग़ की शायरी ...बहुत ख़ूब, नीरज जी। अभी-अभी पढ़ा अज़हर फ़राग़ की शायरी पर आपका मज़मून - एक बेहतरीन शायर से तआरुफ़ कराने का शुक्रिया।Khayal Thakurnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-28132846482913414932020-11-25T11:35:59.190+05:302020-11-25T11:35:59.190+05:30पाठ्य पुस्तकों में अभी भी उन्हीं को जगह मिलती है ज...पाठ्य पुस्तकों में अभी भी उन्हीं को जगह मिलती है जिनकी रचनाएँ अब अपना महत्व खो चुकी हैं याने सम-सामयिक नहीं हैं। सरकारों को चाहिये की वो चुनिंदा नौजवानों के कलाम भी पाठ्यपुस्तकों में लाये ताकि आने वाली पीढ़ी को अंदाज़ा हो कि आज के दौर की सोच और शायरी कैसी है। <br />बेशक़ सही फ़रमाया आपने बहुत ही ख़ूबसूरत तब्सरा क्या ही अच्छा कलाम पढ़वाया आपने ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद <br />मोनी गोपाल 'तपिश' mgtapishhttps://www.blogger.com/profile/05875054316342019400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-76347022759157904122020-11-24T20:19:20.548+05:302020-11-24T20:19:20.548+05:30क्या बात है हुज़ूर । राजपाल एंड सन्स एवम् तुफ़ैल साह...क्या बात है हुज़ूर । राजपाल एंड सन्स एवम् तुफ़ैल साहब ने तारीख़ी काम को अंज़ाम दिया है ।<br /><br />नवीन चतुर्वेदी<br />मुंबईनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73972450827199016162020-11-24T19:49:11.257+05:302020-11-24T19:49:11.257+05:30बहुत शुक्रिया खरबंदा साहब...इनायत बनी रहे बहुत शुक्रिया खरबंदा साहब...इनायत बनी रहे नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60232249991151113502020-11-24T18:24:19.593+05:302020-11-24T18:24:19.593+05:30जनाबे-अज़हर फ़राग़ के बेमिसाल, बेश-क़ीमत अशआ'र...जनाबे-अज़हर फ़राग़ के बेमिसाल, बेश-क़ीमत अशआ'र और आपका हुस्ने-नज़र, दोनों बेनज़ीर ... शुक्रिया सद-शुक्रिया नीरज गोस्वामी साहेब... 'Ambar' Kharbandahttps://www.blogger.com/profile/11304438211947886931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-27035768349687395732020-11-24T16:52:03.706+05:302020-11-24T16:52:03.706+05:30क्या बात है सर..!!👏🏽👏🏽
मज़ा आया अज़हर साहब के ब...क्या बात है सर..!!👏🏽👏🏽<br /><br />मज़ा आया अज़हर साहब के बारे में जानकर। आपकी वर्णन शैली से तो मैं सालों से चमत्कृत हूँ ही..!! <br /><br />51 किताबें ग़ज़लों की... का पहला भाग भी पढ़ना शुरू कर दिया है। ईश्वर आप पर हमेशा मेहरबान रहे। अस्तु..!!!<br />🙏🏼🙏🏼<br /><br />देवकीनंदन व्यास<br />जोधपुरनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-14823785185734845832020-11-24T16:15:43.167+05:302020-11-24T16:15:43.167+05:30द्विज भाई क्या कहूँ? आपकी टिप्पणी नहीं बहुत बड़ा ईन...द्विज भाई क्या कहूँ? आपकी टिप्पणी नहीं बहुत बड़ा ईनाम है मेरे लिए... और क्या चाहिए... शुक्रिया...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-48960875004470122322020-11-24T15:25:36.931+05:302020-11-24T15:25:36.931+05:30हर सोमवार को उम्दातरीन शायरी पर एक से बढ़ कर एक पोस...हर सोमवार को उम्दातरीन शायरी पर एक से बढ़ कर एक पोस्ट जो आप पढ़वाते हैं, प्रशंसनीय ही नहीं अतुलनीय भी होती है। शानदार और बेमिसाल अंदाज़े बयाँ ! जैसे कोई कहानी शुरू होती है वैसे आपका तब्सिरा शुरू होता है और पढ़ने वाला इस रोचक कहानी को आख़िर तक पढ़ जाता है। आपकी हर पोस्ट एक नायाब तोहफ़ा होती है। आपके इस श्रमसाध्य और अप्रतिम उपक्रम को प्रणाम। <br />अज़हर फ़राग़ के बहुत ख़ूबसूरत अशआर में से कुछ और भी ज़ियादा ख़ूबसूरत अशआर जो हमेशा साथ रहने वाले हैं,<br /><br />*बदल के देख चुकी है रियाया साहिबे-तख़्त <br />जो सर क़लम नहीं करता ज़ुबान खींचता है*<br /><br />*हो अगर मौज में हम जैसा कोई अँधा फ़क़ीर <br />एक सिक्के से भी तक़दीर सँवर सकती है* <br /><br />*कुछ इतना सहल न था रौशनी से भर जाना <br />नज़र दिये पे बड़ी देर तक जमानी पड़ी*<br /><br />*तेरी शर्तों पे ही करना है अगर तुझको कबूल<br />ये सहूलत तो मुझे सारा जहां देता है।*<br /><br />एक और बेहतरीन तोहफ़े के लिए हार्दिक बधाई।<br />❤️🙏🌹द्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-16029380678017033572020-11-24T14:37:48.703+05:302020-11-24T14:37:48.703+05:30किताबों की दुनिया**219बलाग जनाब नीरज गोस्वामी जी क...किताबों की दुनिया**219बलाग जनाब नीरज गोस्वामी जी का<br />********************<br />हस्बे मामूल, मैं नीरज जी का एक अदना सा क़ारी हूं। उन्होंने उस हर शायर को अपने ब्लॉग में शामिल किया जो मिज़ान ए शायरी पर खरा उतरा, फिर वो शायर दुनिया के किसी भी ख़ित्त़े से ताल्लुक रखता हो या वाबस्ता हो । हालिया ब्लाग दो शायरों पर मुसतमिल है एक जनाब अज़हर फ़राग़ पाकिस्तान से और दूसरा नाम है मोहतबर जनाब अहमद कमाल परवाज़ी साब। मैं संपादक जनाब तुफैल चतुर्वेदी साहिब को भी मुबारकबाद पेश करता हूं<br /> नीरज गोस्वामी अदबी दुनिया का वो अज़ीम,मारुफ ओ मोतबर और मुनफरिद नाम है।वो मेरे बड़े भाई हैं, और ये मुहब्बतों का शरफ़ भी मुझे हासिल है। किताबों की दुनिया 219 में एक शेर ने मुझे बहुत तड़पाया वो शेर जनाब अज़हर फ़राग़ साब का है मैं उनको मुबारकबाद पेश करता हूं।वो शेर ये है<br />*तेरी शर्तों पे ही करना है अगर तुझको कबूल<br />ये सहूलत तो मुझे सारा जहां दे ता है।*<br /> ये किताब अमाज़ोन से मुझे 1दिंसबर2020तक दस्तयाब हो जाएगी। शुक्रिया।<br />आपका ख़ैर अंदेश<br />सागर सियालकोटी लुधियानानीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25685026903738345292020-11-24T09:16:44.246+05:302020-11-24T09:16:44.246+05:30वाह सर...प्रणम्य हैं आप...🙏🏻
पहला तो ये कि शायर...वाह सर...प्रणम्य हैं आप...🙏🏻<br /><br />पहला तो ये कि शायर पर आप का श्रमसाध्य अध्ययन बेमिसाल है <br />और दूसरा ये कि हर शेर का इंतख़ाब और पूरे ब्लॉग में रवानी के साथ ही उसकी तहरीर, पढ़ने में आनन्द ला देती है....<br /><br />बहुत धन्यवाद आपको कि आप हमें इतना अच्छा पढ़ाकर लाभान्वित करते हैं...✨<br /><br />नकुल गोयलनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-45802810360126507692020-11-24T09:15:38.402+05:302020-11-24T09:15:38.402+05:30शुक्रिया विजय भाई...स्नेह बनाए रखें...शुक्रिया विजय भाई...स्नेह बनाए रखें...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-38773810099274881272020-11-24T08:07:01.764+05:302020-11-24T08:07:01.764+05:30waaaaaa waaaaaa
नीरज भाई जितनी खूबसूरत समीक्षा की ...waaaaaa waaaaaa<br />नीरज भाई जितनी खूबसूरत समीक्षा की है उतने ही खूबसूरत अशआर भी है <br />आपकी कलम और शायर के कलाम को नमनबेबाक आवाज़https://www.blogger.com/profile/16122659418312977720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-2061556774104823102020-11-24T08:02:57.789+05:302020-11-24T08:02:57.789+05:30Thanks Ajay ji Thanks Ajay ji नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com