tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post4817267910257401882..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 52नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-78544054192755201622015-10-10T07:51:12.907+05:302015-10-10T07:51:12.907+05:30मैं कितना खुश नसीब हूं कि उनसे मिलने का सौभाग्य अन...मैं कितना खुश नसीब हूं कि उनसे मिलने का सौभाग्य अनायास ही प्राप्त हो जाता हैPawan paagal artisthttps://www.blogger.com/profile/05121648174025128661noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73808854901404988692015-10-10T07:50:49.836+05:302015-10-10T07:50:49.836+05:30मैं कितना खुश नसीब हूं कि उनसे मिलने का सौभाग्य अन...मैं कितना खुश नसीब हूं कि उनसे मिलने का सौभाग्य अनायास ही प्राप्त हो जाता हैPawan paagal artisthttps://www.blogger.com/profile/05121648174025128661noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-85519632867377732202014-03-14T17:43:04.665+05:302014-03-14T17:43:04.665+05:30विज्ञान व्रत जी का तो मैं पुराना प्रशंसक हूँ। उन्ह...विज्ञान व्रत जी का तो मैं पुराना प्रशंसक हूँ। उन्हें यहाँ पढ़वाने और इस शानदार समीक्षा के लिए नीरज जी को कोटिशः धन्यवाद।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-17147079290529035582012-10-08T01:05:47.471+05:302012-10-08T01:05:47.471+05:30Awesome collection!Awesome collection!Rahul Paliwalhttps://www.blogger.com/profile/10172932105201007746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-1709785865652186972011-06-14T16:17:20.230+05:302011-06-14T16:17:20.230+05:30जगजीत सिंह की आवाज़ में कई गजल सुना है..विज्ञान व्...जगजीत सिंह की आवाज़ में कई गजल सुना है..विज्ञान व्रत जी का कोई सानी नहीं है..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-50198316954018673292011-05-26T14:58:31.624+05:302011-05-26T14:58:31.624+05:30बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ।बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-35012403960982056552011-05-22T18:22:23.522+05:302011-05-22T18:22:23.522+05:30गाँवों में जो घर होता है
शहरों में नंबर होता है
wa...गाँवों में जो घर होता है<br />शहरों में नंबर होता है<br />wah....kya baat hai.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-34200896967647645302011-05-21T19:15:28.960+05:302011-05-21T19:15:28.960+05:30किताबों की खूबसूरत दुनिया में हर बार की सैर आनन्द ...किताबों की खूबसूरत दुनिया में हर बार की सैर आनन्द देती है...शुक्रियामीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64574493582867969112011-05-21T06:16:10.012+05:302011-05-21T06:16:10.012+05:30विज्ञान व्रत जी की ग़ज़लें बहुत सरल भाषा में बहुत बड़...विज्ञान व्रत जी की ग़ज़लें बहुत सरल भाषा में बहुत बड़ी बात कह जाती हैं. शेर मन में गूंजते रहते है.. ये शेर शायद मैंने कई साल पहले पढ़ा था.. कहाँ पढ़ा था, याद नहीं. लेकिन अभी भी ज़ेह्न में जिंदा है.:<br /><br />पापा घर मत लेकर आना<br />रात गए बातें दफ्तर कीRajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43760128317033801692011-05-20T14:39:59.020+05:302011-05-20T14:39:59.020+05:30वाह...इतने शानदार शेर घर के ऊपर शायद ही पहले किसी ...वाह...इतने शानदार शेर घर के ऊपर शायद ही पहले किसी ने कहे होंगे! विज्ञान व्रत जी के बारे में बताने के लिए आपका शुक्रिया...pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-88994505663803903702011-05-19T17:41:12.768+05:302011-05-19T17:41:12.768+05:30विज्ञान व्रत जी के ग़ज़ल संग्रह की समीक्षा पढ़कर अ...विज्ञान व्रत जी के ग़ज़ल संग्रह की समीक्षा पढ़कर अच्छा लगा. छोटी बहरों में ग़ज़ब के शेर निकालते हैं विज्ञान व्रत जी.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-38298801909330635742011-05-19T12:21:05.318+05:302011-05-19T12:21:05.318+05:30नमस्कार नीरज जी,
किताबों की दुनिया के नायाब खजाने ...नमस्कार नीरज जी,<br />किताबों की दुनिया के नायाब खजाने में, आपने एक बेशकीमती मोती जोड़ दिया है.<br />विज्ञान व्रत जी, के कहें शेर अपने में एक मिसाल हैं, जो बहुत कुछ सिखा जाते हैं. छोटी बहर में लिखना आसान तो लगता है मगर लिखो तो हकीकत मालूम चल जाती है. एक ज़रा सी फिसलन शेर की शेरियत से समझौता कर देती है लेकिन विज्ञान जी इतनी सहजता से शेर कहते हैं कि कुछ कहने के लिए ही नहीं बचता.<br /><br />किस को कोट करूं किसको छोडू, हर शेर मतला खूबसूरत नगीना है,<br />"पहले जैसा गाँव नहीं है,पेड़ बहुत हैं छाँव नहीं है",<br />"गाँवों में जो घर होता है, शहरों में नंबर होता है"<br />"तुमसे जितनी बार मिला हूँ.पहली पहली बार मिला हूँ"<br />"तुम हो तो ये घर लगता है.वर्ना इसमें डर लगता है"<br />"एक जरा सी दुनिया घर की.लेकिन चीजें दुनिया भर की"<br /><br />बस कमाल ही कमाल है.Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-80878853354364001962011-05-18T22:21:33.990+05:302011-05-18T22:21:33.990+05:30विज्ञान व्रत जी के ग़ज़लें वाकई कमाल की होती है..छ...विज्ञान व्रत जी के ग़ज़लें वाकई कमाल की होती है..छोटी बहर में बेहतरीन से बेहतरीन भाव रख देना आसान नही है..हिन्दी साहित्य जगत के एक महान ग़ज़लक़ार के बारे में विस्तार से जानकर और उनके ग़ज़लों को पढ़ कर बहुत अच्छा लग रहा है..किताब तो ज़रूर लूँगा पर आपने जिस प्रकार से प्रस्तुति की वो भी कमाल की है...नीरज जी बहुत बहुत आभार..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-44037962585501505682011-05-18T18:18:45.013+05:302011-05-18T18:18:45.013+05:30नीरज जी
एक मुद्दत से विज्ञान व्रत जी की रचनाएँ अल...नीरज जी <br />एक मुद्दत से विज्ञान व्रत जी की रचनाएँ अलग अलग पत्रिकाओं में पढ़ते रहे हैं...!! उनके बारे में आपने ये पोस्ट लिख कर हम जैसे ग़ज़ल प्रेमियों पर उपकार ही किया है. विज्ञान जी पढना हमेशा सुखकर होता है...... साथ ही आपको पढना भी आनंद की अनुभूति है.Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63207243699340702462011-05-18T11:31:44.289+05:302011-05-18T11:31:44.289+05:30शुक्रिया नीरज जी.इस प्रतिभा का परिचय करवाने के लिय...शुक्रिया नीरज जी.इस प्रतिभा का परिचय करवाने के लिये.निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-37138678917846427572011-05-17T10:06:06.704+05:302011-05-17T10:06:06.704+05:30पहले जैसा गाँव नहीं है
पेड़ बहुत हैं छाँव नहीं है
...पहले जैसा गाँव नहीं है<br />पेड़ बहुत हैं छाँव नहीं है<br />छोटी बहर के शानदार शेर पढने को मिले ..जब शुरुवाद इतनी सुन्दर हुई तो समझ में आ गया ...कलाकार का हुनर ...विज्ञानं व्रत ...नाम ही एक संगम लिए हुए है ...व्रत यानि साधना ..बधाईशारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-72604159500948991472011-05-17T00:00:55.170+05:302011-05-17T00:00:55.170+05:30पुस्तक समीक्षा बहुत सुंदर लगी जी धन्यवादपुस्तक समीक्षा बहुत सुंदर लगी जी धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-54980968444465766672011-05-16T22:22:50.815+05:302011-05-16T22:22:50.815+05:30Neeraj jee Vigyan Vrat jee kuch ghazalen yahan-vah...Neeraj jee Vigyan Vrat jee kuch ghazalen yahan-vahan padhi thin.Lekin aapne jis andaz me unse parichay karaya usse unko pura padhne ki iksha behad balwati ho gai hai.Aap jis nisprih saadhna se ye amulya jankariyan ham tak pahuncha rahe hain uske liye koi bhi aabhar chhota hai.सौरभ शेखर https://www.blogger.com/profile/16049590418709278760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-30989044909731704912011-05-16T22:06:57.059+05:302011-05-16T22:06:57.059+05:30अब तो पुस्तक पढ़ने का मन है।अब तो पुस्तक पढ़ने का मन है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60688176572310827212011-05-16T20:46:32.901+05:302011-05-16T20:46:32.901+05:30विज्ञानं व्रत जी की शायरी बिलकुल एक अलग अंदाज़ में ...विज्ञानं व्रत जी की शायरी बिलकुल एक अलग अंदाज़ में बहुत भली लगी । सचमुच तारीफ़ के लिए शब्द नहीं मिल रहे ।<br />आभार इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-61548155406636706612011-05-16T20:24:42.354+05:302011-05-16T20:24:42.354+05:30सिरफिरा जी के सारगर्भित कमेण्ट के बाद क्या कहें!
...सिरफिरा जी के सारगर्भित कमेण्ट के बाद क्या कहें! <br /><br />यही कह सकता हूं कि विज्ञान व्रत जी कि किताब दिख जाने पर आव देखा न ताव, खरीद लूंगा!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-70899660171636117932011-05-16T19:08:03.795+05:302011-05-16T19:08:03.795+05:30बहुत हकीकी पंक्ितयां पढ़वाने के लिये आभार।बहुत हकीकी पंक्ितयां पढ़वाने के लिये आभार।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-13307639153359539952011-05-16T18:37:47.013+05:302011-05-16T18:37:47.013+05:30व्याकरण की मर्यादा का ससम्मान पालन करते हुए छोटी...व्याकरण की मर्यादा का ससम्मान पालन करते हुए छोटी बह्र में बात कह देना और वो भी यूँ कि सीधी उतर जाये, सरल नहीं होता। मेरा निजि अनुभव तो यही रहा है कि बहुत खलबली सी मची रहती है अंदर ही अंदर तब कहीं एक शेर ऐसा होता है कि कहने वाले को कुछ ठंडक पहुँचती है, यह खलबली छोटी बह्र में एक तूफ़ान का रूप ले लेती है और फिर दिखता है एक शेर। ऐसे मुकम्मल अश'आर लिये मुकम्मल ग़ज़ले कहने वाले शायर से परिचय कराने का आभार।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-79312550184220980902011-05-16T17:23:49.548+05:302011-05-16T17:23:49.548+05:30कुछ भी कहना, इन् सरल-जटिल शब्दों और उनमे छिपे अर्थ...कुछ भी कहना, इन् सरल-जटिल शब्दों और उनमे छिपे अर्थ के लिए, कम होगा.<br />इनमे सरल शब्दों का एक नया संसार दिखा है. इन् अंशो से बहुत कुछ सीखने को मिला है.<br />इसी संकलन से हिंदी किताबो के संग्रह की शुरुवात करेंगे.<br />इस पोस्ट के माध्यम से हमें नयी चेतना देने लिए के लिए धन्यवाद.<br />-मुग्धाmepretentioushttps://www.blogger.com/profile/08330058555798814638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-75049514154799594162011-05-16T16:51:10.580+05:302011-05-16T16:51:10.580+05:30विज्ञान व्रत जी के बारे में गुरु जी से बराबर सुनता...विज्ञान व्रत जी के बारे में गुरु जी से बराबर सुनता रहा हूँ , उनकी शायरी के बारे में हमेशा उनसे ज़िक्र होता रहा है ! हालाँकि उनको पढने का मौक़ा नहीं मिला आज आपके इस किताबों की दुनिया के क्रम में उनको और नज़दीक से जानने का मौका मिला ! इसके लिए बहुत- बहुत शुक्रिया नीरज जी ! <br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.com