tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post2008192676990197193..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया: 27नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-38287986039124199522010-04-18T10:53:29.381+05:302010-04-18T10:53:29.381+05:30"गिराना ही है तो मिरी बात सुन
मैं मस्जिद गिरा..."गिराना ही है तो मिरी बात सुन<br />मैं मस्जिद गिराऊँ तू मंदिर गिरा"<br /><br />...अल्वी साब एक इस शेर पे भी खूब चर्चा हो रखी है। विलंब से आने के लिये क्षमा चाहूंगा नीरज जी....<br /><br />पिछले साल ही ये किताब अपनी आलमारी में शामिल हुई थी....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-39320915933879591832010-04-11T23:45:42.531+05:302010-04-11T23:45:42.531+05:30नीरज जी, आदाब
किताबों की दुनिया में आप ऐसे नायाब न...नीरज जी, आदाब<br />किताबों की दुनिया में आप ऐसे नायाब नगीने पेश करते हैं, कि वाह के अलावा कहने को कुछ रह नहीं जाता. सबसे बड़ी दाद यही है, कि ये इंतख़ाब आपका है.<br />ये शेर-<br />हर वक्त खिलते फूल की जानिब तका न कर<br />मुरझा के पत्तियों को बिखरते हुए भी देख..<br />नायाब लगा......शुक्रियाशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64329350946253352552010-04-11T18:05:50.196+05:302010-04-11T18:05:50.196+05:30कमाल के हीरे चुन कर लाते हैं आप । हर शेर पुर-नूर ।...कमाल के हीरे चुन कर लाते हैं आप । हर शेर पुर-नूर ।<br />रोज अच्छे नही लगते आंसू <br />खास मौकों पे मज़ा देते है । और<br />उदास है दिन इसे हंसा के देखें <br />जरा इसे गुदगुदा के देखें ।<br />और <br />देखा न होगा तूने मगर इंतज़ार में<br />चलते हुए समय को ठहरते हुए भी देख ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-84836216461880244792010-04-10T17:23:43.678+05:302010-04-10T17:23:43.678+05:30Neeraj Ji Aapkablog kaafi achcha hai.
kai achchi p...Neeraj Ji Aapkablog kaafi achcha hai.<br />kai achchi post padhi hain yahan.<br /><br />Ashish<br />http://ashishcogitations.blogspot.com/Unknownhttps://www.blogger.com/profile/12676484248787385135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-6375367210027509492010-04-10T08:20:41.313+05:302010-04-10T08:20:41.313+05:30अल्वी साहब को पढने का मौक़ा मुझे हासिल हुआ है और इ...अल्वी साहब को पढने का मौक़ा मुझे हासिल हुआ है और इस लिहाज़ से मैं खुद को खुशकिस्मत कहता हूँ. ऐसे बहुत सारे अनमोल नगीने हैं जिनकी बदौलत आज यह अकिंचन शायरी की दुनिया में है और ब्लाग जगत में ढेरों सितारों के बीच उनकी चमक से खुद भी रोशन है.<br />मैं आज फिर कह रहा हूँ कि आप इस दुनिया के बाशिंदे नहीं. यहाँ लोग खुद मनवाने के लिए जोड़-तोड़ करते हैं. इतना ही नहीं, ऐसे भी हैं जो खुद को वो मनवाना चाहते हैं, जो वो बिलकुल भी नहीं हैं. <br />लेकिन आप, दूसरों की ही तारीफ करेंगे. <br />मैं बहुत बहुत बहुत दिनों बाद आया क्या आ सका हूँ. आपकी मुहब्बत हमेशा याद रहती है और शर्मिंदा भी करती है. लेकिन मजबूरियां....!<br />क्षमा बडन को....:)सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73119919114562232892010-04-10T00:00:26.159+05:302010-04-10T00:00:26.159+05:30हर बार शुक्रिया कहते दोहराव सा लगता है पर कहे बिना...हर बार शुक्रिया कहते दोहराव सा लगता है पर कहे बिना रहा भी नहीं जाता...शुक्रिया जनाबManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-92117826654589250712010-04-08T16:01:16.382+05:302010-04-08T16:01:16.382+05:30अब क्या कहें...
आप तो सीप के मोती
चुन -चुनकर यूं ...अब क्या कहें...<br />आप तो सीप के मोती <br />चुन -चुनकर यूं बिखेर जाते हैं कि<br />........अब क्या कहें !<br />================<br />आपका<br />डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63926257627441747872010-04-08T13:37:45.340+05:302010-04-08T13:37:45.340+05:30तुड़ा मुड़ा है मगर खुदा है
इसे तो साहिब सँभाल रखिय...तुड़ा मुड़ा है मगर खुदा है<br />इसे तो साहिब सँभाल रखिये<br />वाह...पूरी किताब की कीमत वसूल दी इस शेर ने ......<br />नज्मे भेजिए.......मेरी कमजोरी नज्मे है.....ओर ये शेर .कई दिनों तक साथ रहेगा ...........कसम सेडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-50041442190224450772010-04-07T15:09:10.023+05:302010-04-07T15:09:10.023+05:30उदास है दिन हंसा के देखें
ज़रा उसे गुदगुदा के देखे...उदास है दिन हंसा के देखें<br />ज़रा उसे गुदगुदा के देखें<br />...कित्ती प्यारी पंक्तियाँ...है ना. <br /><br /><br />-----------------------------------<br />'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-22318196645424202322010-04-07T09:14:57.002+05:302010-04-07T09:14:57.002+05:30अगर तुझको फुर्सत नहीं तो ना आ मगर एक अच्छा नबी भेज...अगर तुझको फुर्सत नहीं तो ना आ मगर एक अच्छा नबी भेज दे<br />क़यामत के दिन खो ना जाएँ कहीं ये अच्छी घडी है, अभी भेज दे. <br /><br />समझ नहीं आया इशे'र को कहने में क्या गुस्ताखी हो गयी शायर से जो फतवा जारी हो गया .....!!<br /><br />रोज़ अच्छे नहीं लगते आंसू<br />खास मौकों पे मज़ा देते हैं<br />बहुत खूब ....!!<br /><br /><br /><br />आग अपने ही लगा सकते हैं<br />ग़ैर तो सिर्फ हवा देते हैं<br /><br />ओये होए ....बिलकुल सही बात ....!!<br /><br />( मेरे ब्लॉग पे जो देखी वो उसमें मेरा कुछ नहीं सब तिलक जी का है मैं तो डाल ही नहीं रही थी पर उनके कहने पर और उनकी मेहनत को ध्यान में रखते हुए डाल दिया .....वीनस के ब्लॉग पे इक बार प्रयास करती हूँ सीखने की आप सब का साथ चाहिए ...!!)<br /><br />aapki bhi tippniyaan gayab hain ....mere blog se bhi ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-76072720052154224572010-04-06T20:44:14.381+05:302010-04-06T20:44:14.381+05:30नीरज सर,
अल्वी साहब का परिचय और उनकी बेहतरीन शे...नीरज सर,<br />अल्वी साहब का परिचय और उनकी बेहतरीन शे'रों को पढवाने के लिए शुक्रिया...<br />आप जितने अच्छे लेखक हैं उतने ही अच्छे पाठक भी... साहित्य के सच्चे पुजारी हैं...Neeraj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/14312648658352009451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53840524083278442552010-04-06T20:29:18.358+05:302010-04-06T20:29:18.358+05:30एक से एक उम्दा शायरों से मिलवाते हैं और गज़ब की कि...एक से एक उम्दा शायरों से मिलवाते हैं और गज़ब की किताब लाते हैं आप, बहुत आभार जनाब "मुहम्मद अल्वी" साहब से मिलवाने का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53152588667436519452010-04-06T09:45:41.877+05:302010-04-06T09:45:41.877+05:30आपका हार्दिक आभार ,इतने ज़हीन शायर से मिलवाने के ल...आपका हार्दिक आभार ,इतने ज़हीन शायर से मिलवाने के लिए ,शेरों ने मुझे समूचा गटक लिया है.सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-90823867376401769332010-04-06T00:35:27.613+05:302010-04-06T00:35:27.613+05:30अगर तुझको फुर्सत नहीं तो ना आ मगर एक अच्छा नबी भेज...अगर तुझको फुर्सत नहीं तो ना आ मगर एक अच्छा नबी भेज दे<br />क़यामत के दिन खो ना जाएँ कहीं ये अच्छी घडी है, अभी भेज दे. <br />वाह वाह जनाब क्या बात है आप के विचारो से आप के लेख से सहमत है.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-52959269604285756482010-04-05T23:51:16.325+05:302010-04-05T23:51:16.325+05:30भूमिका के बाद इस पोस्ट का पहला और अंतिम शेर
हुई र...भूमिका के बाद इस पोस्ट का पहला और अंतिम शेर<br /><br />हुई रात मैं अपने अन्दर गिरा<br />मिरी आँख से फिर समंदर गिरा<br /><br />......................<br /><br />आग अपने ही लगा सकते हैं<br />ग़ैर तो सिर्फ हवा देते हैं<br />--क्या खूबसूरती से सजायी है पोस्ट आपने..!<br />और भी शेर बेहतरीन हैं मगर ये तो लाज़वाब हैं।<br />--आभार।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-967176114530106942010-04-05T23:18:37.100+05:302010-04-05T23:18:37.100+05:30हुई रात मैं अपने अन्दर गिरा
मिरी आँख से फिर समंदर ...हुई रात मैं अपने अन्दर गिरा<br />मिरी आँख से फिर समंदर गिरा<br /><br />गिराना ही है तो मिरी बात सुन<br />मैं मस्जिद गिराऊँ तू मंदिर गिरा<br /><br />पढ़ कर दिल से छनाक की आवाज आई, लग रहा है कुछ टूट गयावीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87046222412273137562010-04-05T22:01:01.026+05:302010-04-05T22:01:01.026+05:30देखा न होगा तूने मगर इंतज़ार में
चलते हुए समय को ठ...देखा न होगा तूने मगर इंतज़ार में<br />चलते हुए समय को ठहरते हुए भी देख<br /><br />वाह ! बेहतरीन शायरी है साहब !! एक बार फिर कमाल का चयन .... कमाल की पोस्ट !! शुक्रिया !!अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-75663356244508018132010-04-05T20:34:01.296+05:302010-04-05T20:34:01.296+05:30नीरज जी नमस्कार,
फिर से नगीना निकाल लाये आप , और ह...नीरज जी नमस्कार,<br />फिर से नगीना निकाल लाये आप , और हमने इसमें से न. चुरा लिए ...<br />अल्वी साहब उस्ताद शाईर हैं .... सलाम इनको ....<br />और आपकी इस तरफ की दीवानगी के लिए नतमस्तक ..<br /><br /><br />आपका<br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-54145279887278972632010-04-05T20:32:30.415+05:302010-04-05T20:32:30.415+05:30आज की पोस्ट के लिये आपका विशेष आभार। बहुत सरल सा ...आज की पोस्ट के लिये आपका विशेष आभार। बहुत सरल सा कारण है; आज की पोस्ट से कई नये शायरों का यह भ्रम टूटेगा कि ग़ज़ल का मज़ा भरी-भरकम उर्दू शब्दों के उपयोग में ही है। <br />जनाब "मुहम्मद अल्वी" साहब के शेर गवाही हैं इस बात के कि शायरी सामान्य प्रचलित भाषा के शब्द लेकर भी की जा सकती है और उसमें भी उतनी ही बड़ी बात कही जा सकती है जिसके लिये कुछ शायर भारी-भरकम उर्दू शब्दों का उपयोग जरूरी समझते हैं।<br />हर शेर हमारे आस-पास की भाषा में पूरी तरह अभिव्यक्त।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-42412771817192334342010-04-05T18:41:47.641+05:302010-04-05T18:41:47.641+05:30हमें भी आता है मुस्कुराना
मगर किसे मुस्कुरा के देख...हमें भी आता है मुस्कुराना<br />मगर किसे मुस्कुरा के देखें<br /><br />ढूँढने में भी मज़ा आता है<br />कोई शै रख के भुला दी जाये<br /><br />तारीफ़ सुन के दोस्त से 'अल्वी' तो खुश न हो<br />उस को तिरी बुराइयाँ करते हुए भी देख<br /><br />बहुत खूब । शानदार।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-35476325077906437272010-04-05T17:39:40.120+05:302010-04-05T17:39:40.120+05:30आज फिर बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.आज फिर बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-23204767526484273102010-04-05T17:01:59.004+05:302010-04-05T17:01:59.004+05:30...बेहद प्रसंशनीय प्रस्तुति,आभार!!!...बेहद प्रसंशनीय प्रस्तुति,आभार!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-77477727675822706972010-04-05T16:09:37.252+05:302010-04-05T16:09:37.252+05:30bahut hi accha laga alwi ji ke bare me jan kar
shu...bahut hi accha laga alwi ji ke bare me jan kar<br />shukriya Neeraj jiRoshanihttps://www.blogger.com/profile/17011034595175312423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-78675559576854386732010-04-05T13:53:30.837+05:302010-04-05T13:53:30.837+05:30बहुत बड़े शायर हैं अल्वी साहब. उनके बारे में जानना...बहुत बड़े शायर हैं अल्वी साहब. उनके बारे में जानना अच्छा लगा. सभी अशआर एक से बढ़कर एक. ये वाला बहुत पसंद आया;<br /><br />हर वक्त खिलते फूल की जानिब तका न कर<br />मुरझा के पत्तियों को बिखरते हुए भी देखShivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-50171531631871666412010-04-05T13:52:41.306+05:302010-04-05T13:52:41.306+05:30जब किसी को एक से एक बेहतरीन शेर पढने की इच्छा बस आ...जब किसी को एक से एक बेहतरीन शेर पढने की इच्छा बस आपके ब्लोगपते पर आ जाए। इतना पक्का है मायूस होकर नही जाऐगा। <br /><br />हम भी इस पोस्ट में कई शेर बहुत पसंद आए।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.com