tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post1349804803007466159..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: चाँद की बातें करोनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-71026922089976375612008-12-26T14:57:00.000+05:302008-12-26T14:57:00.000+05:30"बन गया इंसान वहशी, साथ में जो भीड़ केजब कभी होगा ..."बन गया इंसान वहशी, साथ में जो भीड़ के<BR/>जब कभी होगा अकेला, देखना पछतायेगा"<BR/>कौन सा शब्द लिखूं तारीफ में.........टक्कर का मेरे शब्दकोष में तो नहीं मिल रहा.<BR/>बहुत ही बेहतरीन!indianrjhttps://www.blogger.com/profile/16452757563692397750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-24514789554102741132008-11-23T17:54:00.000+05:302008-11-23T17:54:00.000+05:30सभी ग़ज़ल उम्दा हैं पर यह बेहद खूबसूरत लगीसभी ग़ज़ल उम्दा हैं पर यह बेहद खूबसूरत लगीneerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-71572431450404806522008-11-08T18:36:00.000+05:302008-11-08T18:36:00.000+05:30Pehle to shukrguzaaree ataa farmaatee hun aapkee t...Pehle to shukrguzaaree ataa farmaatee hun aapkee tippaneeke liye !<BR/>"Zakhm apnone diya jo..."...apnehee zakhm de sakte hain !!<BR/>"...soncha tha charagar hain wo, jaane pehchane,<BR/>zakhmonpe marham karenge,<BR/>Wo to hare zakhmonpe<BR/> aur kharonche de gaye!"<BR/>Ye kuchh meree panktiyan !Aakee rachnaayonpe kuchh tippanee karun, is qabil mai kahan ?shamahttps://www.blogger.com/profile/10349457755551725245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-85229002902646955242008-10-24T12:19:00.000+05:302008-10-24T12:19:00.000+05:30क्या बात है नीरज जी ! अहा ! ग़ज़ल तो खूब है ही और बो...क्या बात है नीरज जी ! अहा ! ग़ज़ल तो खूब है ही और बोल्ड शेर कितना सुंदर है ये बयाँ के बाहेर है ! आप ग़ज़ब का संबल देते हो नीरज जी अपनी ग़ज़लों के माध्यम से !बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-67955313677686845982008-10-18T09:09:00.000+05:302008-10-18T09:09:00.000+05:30शब्द सारे हो गय़े हैं स्तब्ध।शब्द सारे हो गय़े हैं स्तब्ध।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-56591501173154051472008-10-11T16:57:00.000+05:302008-10-11T16:57:00.000+05:30बहुत खूब , मज़ा आगया ! विनम्रता की तारीफ करनी पड़ेगी...बहुत खूब , मज़ा आगया ! विनम्रता की तारीफ करनी पड़ेगी, बधाई !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-49563108173094157352008-10-09T00:21:00.000+05:302008-10-09T00:21:00.000+05:30अरे साहब ! हम तो झूमकर हीगाते हैं आपके गीतों को......अरे साहब ! हम तो झूमकर ही<BR/>गाते हैं आपके गीतों को....गज़लों को !<BR/>=================================<BR/>सच बहुत...बहुत....बहुत खूब लिखा है आपने.<BR/>बधाई और आभार<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-66165617850414492352008-10-08T17:56:00.000+05:302008-10-08T17:56:00.000+05:30फूल हों या खार हों हमने फरक समझा नहींजो अता कर दे ...फूल हों या खार हों हमने फरक समझा नहीं<BR/>जो अता कर दे खुदा, हमको हमेशा भायेगा<BR/><BR/>ज़िन्दगी का सच तो यही है ..बेहद खूबसूरत लिखा है आपने नीरज जीरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-86287906048988076482008-10-08T13:11:00.000+05:302008-10-08T13:11:00.000+05:30फूल हों या खार हों हमने फरक समझा नहींजो अता कर दे ...फूल हों या खार हों हमने फरक समझा नहीं<BR/>जो अता कर दे खुदा, हमको हमेशा भायेगा<BR/><BR/>बहुत खूब !!! दरअसल यह बात मुझे कुछ इस तरह ही लगी ......<BR/><BR/>कहने से है अधिक सही सुनना |<BR/>सुनने से है अधिक सही गुनना ||<BR/>यह मिथक कुछ यहाँ ढहा जाए... <BR/>और अधिक मौन न रहा जाये |<BR/>बात हटकर कोई कहा जाये ||समीर यादवhttps://www.blogger.com/profile/07228489907932952843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-70898012785359304862008-10-08T12:48:00.000+05:302008-10-08T12:48:00.000+05:30बहुत ही प्रेरणा दायक रचना है!!!आपके इस रचना के बार...बहुत ही प्रेरणा दायक रचना है!!!<BR/>आपके इस रचना के बारे मे बस इतना ही कहना चाहूँगा<BR/><BR/>हाथ रख लो दी पर, कोई रास्ता बन जाएगा |<BR/>तुम चलोगे साथ तेरे कारवाँ बन जाएगा |<BR/><BR/>मुस्किलों का क्या, वो आएँगी भी जाएँगी |<BR/>फिर पतझड़ों के बाद सावन मुस्कुराएगा |Tapashwani Kumar Anandhttps://www.blogger.com/profile/07541666638279554388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-57575443192160915192008-10-07T22:13:00.000+05:302008-10-07T22:13:00.000+05:30गीत गर दिल से लिखा "नीरज" कभी तो देखनाफ़िर उसे सारा...गीत गर दिल से लिखा "नीरज" कभी तो देखना<BR/>फ़िर उसे सारा जमाना, झूम कर के गायेगा<BR/><BR/>बेहतरीन, आपने साड़ी ग़ज़ल का निचोड़ आखिरी शेर में रख के बहुत ही मासूमियत से अपनी बात कह दी है. आप का मार्गदर्शन मिलता रहे तो मैं यही कामना करता हूँ.<BR/><BR/>अंकित "सफर"<BR/>http://ankitsafar.blogspot.com/Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-69737336847186259822008-10-07T21:49:00.000+05:302008-10-07T21:49:00.000+05:30लफ़्ज़ का हर फूल चुन कर रख लिया गुलदान मेंअब भला तार...लफ़्ज़ का हर फूल चुन कर रख लिया गुलदान में<BR/>अब भला तारीफ़ कोई किस तरह कर पायेगा.??राकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-44245063414259686942008-10-07T15:25:00.000+05:302008-10-07T15:25:00.000+05:30'शहर अंधों का…'सुन्दर, बहुत ही सुन्दर।'शहर अंधों का…'<BR/>सुन्दर, बहुत ही सुन्दर।Dr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-32335752362091675192008-10-07T13:32:00.000+05:302008-10-07T13:32:00.000+05:30नीरज जी, इतनी बेहतरीन गजल है कि प्रशंसा को शब्द नह...नीरज जी, इतनी बेहतरीन गजल है कि प्रशंसा को शब्द नहीं मिल रहे। आपका लेखन कौशल अदभुत है। पाठक तो बस हिप्नोटाईज्ड हो जाता है।रविकांत पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/14687072907399296450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-21894960095639131302008-10-07T11:35:00.000+05:302008-10-07T11:35:00.000+05:30ज़ख्म अपनों ने दिया जो, वो नहीं भर पायेगाजब कुरेदोग...ज़ख्म अपनों ने दिया जो, वो नहीं भर पायेगा<BR/>जब कुरेदोगे उसे, तो फ़िर हरा हो जाएगा<BR/><BR/>वक्त को पहचान कर जो शख्स चलता है नहीं<BR/>वक्त ठोकर की जुबां में ही उसे समझायेगा<BR/><BR/>फूल हों या खार हों हमने फरक समझा नहीं<BR/>जो अता कर दे खुदा, हमको हमेशा भायेगा<BR/><BR/>बहुत प्यारे शेर हैं। बधाई।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8387762205714084942008-10-07T11:28:00.000+05:302008-10-07T11:28:00.000+05:30वक्त को पहचान कर जो शख्स चलता है नहींवक्त ठोकर ...वक्त को पहचान कर जो शख्स चलता है नहीं<BR/>वक्त ठोकर की जुबां में ही उसे समझायेगा<BR/><BR/>शहर अंधों का अगर हो तो भला बतलाइये<BR/>चाँद की बातें करो तो, कौन सुनने आयेगा<BR/><BR/>जिस्म की पुरपेच गलियों में, भटकना छोड़ दो<BR/>प्यार की मंजिल को रस्ता, यार दिल से जायेगा<BR/>क्या बात है नीरज जी, बिल्कुल सही कहा...जिस्म की पुरपेच गलियों में भटकना छोड़ दो, जब की आज का सच यही है...प्यार और मुहब्बत की ओकात कहाँ रह गई है, जिस्म की कशिश ही सब कुछ हो गई है...एक एक शेर तारीफ़ के काबिल है...<BR/>ये तुम्हारे भोग छप्पन सब धरे रह जायेंगें<BR/>वो तो झूठे बेर शबरी के ही केवल खायेगा<BR/><BR/>गीत गर दिल से लिखा "नीरज" कभी तो देखना<BR/>फ़िर उसे सारा जमाना, झूम कर के गायेगा<BR/>बेहद शानदार...rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-39222560567696870112008-10-07T06:52:00.000+05:302008-10-07T06:52:00.000+05:30अच्छे शेर निकाले भाईज्यों सांचे में ढाले भाईपंकज द...अच्छे शेर निकाले भाई<BR/>ज्यों सांचे में ढाले भाई<BR/>पंकज द्विज औ कभी प्राण जी<BR/>हैं तुम पर मतवाले भाईयोगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-15618019116517554172008-10-07T03:46:00.000+05:302008-10-07T03:46:00.000+05:30जी नीरज भाई आपके शब्द गीत बनकर गूँजेँगेँ ~ बहुत अच...जी नीरज भाई आपके शब्द गीत बनकर गूँजेँगेँ ~ <BR/>बहुत अच्छा लिखा है हरेक शेर !<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-55313569559850518302008-10-07T01:02:00.000+05:302008-10-07T01:02:00.000+05:30नाखुदा ही खौफ लहरों से अगर खाने लगाकौन तूफानों से ...नाखुदा ही खौफ लहरों से अगर खाने लगा<BR/>कौन तूफानों से फिर कश्ती बचा कर लायेगा<BR/><BR/>--वाह वाह!!<BR/><BR/>बहुत खूब!!<BR/><BR/>आनन्द आ गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-48722516211058057982008-10-07T00:23:00.000+05:302008-10-07T00:23:00.000+05:30आपकी गजल वाकई... दिल को छू जाती है... बहुत उम्दा क...आपकी गजल वाकई... दिल को छू जाती है... <BR/>बहुत उम्दा किस्म के शेरों के लिये आपकी बधाई..<BR/>बेहतरीन<BR/><BR/>वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-36624953861096571662008-10-06T23:47:00.000+05:302008-10-06T23:47:00.000+05:30बहुत बढ़ियाबहुत बढ़ियाएस. बी. सिंहhttps://www.blogger.com/profile/09126898288010277632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-34371500013066059562008-10-06T22:42:00.000+05:302008-10-06T22:42:00.000+05:30नाखुदा ही खौफ लहरों से अगर खाने लगाकौन तूफानों से ...नाखुदा ही खौफ लहरों से अगर खाने लगा<BR/>कौन तूफानों से फिर कश्ती बचा कर लायेगा...<BR/>bahut hi sundar <BR/>bhawnaaon ki tapish haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-90989690714860652272008-10-06T21:48:00.000+05:302008-10-06T21:48:00.000+05:30नीरज जी अब तो जान ही लेलें आप हमारी.शब्द सारे शब्द...नीरज जी अब तो जान ही लेलें आप हमारी.शब्द सारे शब्द-सब खो गये...क्या गज़ल कही है.वैसे भी आपकी कोई ऐसी गज़ल है जो ऐसी प्रतिक्रिया ना उत्पन्न करे<BR/>और हमारे पेज पे पधारे जो आप....हम मंत्र-मुग्धगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64505086155686697692008-10-06T20:42:00.000+05:302008-10-06T20:42:00.000+05:30Hi sir ,U r superb....Nice work and nice thought.....Hi sir ,<BR/>U r superb....<BR/>Nice work and nice thought..<BR/>U ve real sence to live the life...<BR/>really Great...<BR/>http://dev-poetry.blogspot.com/Devhttps://www.blogger.com/profile/07812679922792587696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-81657663001672748082008-10-06T20:30:00.000+05:302008-10-06T20:30:00.000+05:30ये तुम्हारे भोग छप्पन सब धरे रह जायेंगेंवो तो झू...ये तुम्हारे भोग छप्पन सब धरे रह जायेंगें<BR/>वो तो झूठे बेर शबरी के ही केवल खायेगा<BR/>बहुत खूब........नीरज जी इस शेर को लिए जा रहा हूँ......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com