tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post9197159411091757581..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 70नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-20721699343381192632012-07-01T23:17:57.872+05:302012-07-01T23:17:57.872+05:30लीजिये...प्रेम किरण साब से तो हम बाकायदा मिल चुके ...लीजिये...प्रेम किरण साब से तो हम बाकायदा मिल चुके हैं| हमारे ससुराल के हैं और छुट्टियों में जब भी घर जाता हूँ और वाणी के दुकान पर टपकता हूँ किताब खरीदने तो साहब से मुलाक़ात हो जाती है|<br /><br />एक दो बार मुलाक़ात हो चुकी है, इस बार आपके पोस्ट के मार्फत खुल के मिलूंगा उनसे...शुक्रिया नीरज जी इस पोस्ट तक लाने के लिए...नेट की स्पीड और जगह की व्यस्तता रोके रखती है ब्लौगों पे जाने में |गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-91092169033869395782012-06-27T11:35:03.564+05:302012-06-27T11:35:03.564+05:30आस्था को ठेस पहुंची तो लगे तुम चीखने
मंदिरों में ध...आस्था को ठेस पहुंची तो लगे तुम चीखने<br />मंदिरों में धर्म भी है कि नहीं ये तो पढो<br /><br />कहाँ-कहाँ से बिंब निकाल लेते हैं प्रेमकिरण जी. कितनी भी दाद दी जाय, कम ही होगी.<br /><br />बहुत-बहुत सुन्दर!Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-58298106570186257812012-06-24T16:43:42.297+05:302012-06-24T16:43:42.297+05:30इस नायाब पुस्तक की जानकारी के बहुत आभार, शुभकामनाए...इस नायाब पुस्तक की जानकारी के बहुत आभार, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-90402602269399082732012-06-20T17:14:33.847+05:302012-06-20T17:14:33.847+05:30क्या खूब कहा है -
एक मुर्दा जिस्म में कुछ साँस रख...क्या खूब कहा है -<br /><br />एक मुर्दा जिस्म में कुछ साँस रखती है गजल |<br /><br />शायर प्रेम किरण जी को बहुत -बहुत बधाई |सुधाकल्पhttps://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-56716210751725539632012-06-18T20:24:45.890+05:302012-06-18T20:24:45.890+05:30वाकई प्रेमकिरण जी के शे'र एक अलग अंदाज़ के हैं...वाकई प्रेमकिरण जी के शे'र एक अलग अंदाज़ के हैं॰इनकी शब्दावली भी टटका है...बहुत-बहुत बधाई॰ओमप्रकाश यतीhttps://www.blogger.com/profile/03097758271779661463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-14135181635917534842012-06-17T19:05:23.009+05:302012-06-17T19:05:23.009+05:30पुस्तक की इतनी अच्छी व्याख्या की है आपने कि पूरी क...पुस्तक की इतनी अच्छी व्याख्या की है आपने कि पूरी किताब पढ़ने की इच्छा हो रही है. जीवन के बहुत गहरे अर्थ को सरल शब्दों में कहा है...<br /><br />खेत बेच कर आखिर उसने दिया गाँव को 'भात'<br />चावल चावल क़र्ज़ में ठिठुरा पत्तल पत्तल धूप<br /><br />दूसरों पर उँगलियाँ ही हम उठाते रह गए<br />इससे फुर्सत ही नहीं हम आत्म-मंथन क्या करें<br /><br />इस पुस्तक की सुन्दर समीक्षा के लिए बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/10256861730529252919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-75244233805196764772012-06-17T16:23:06.540+05:302012-06-17T16:23:06.540+05:30Comment received on mail:--
प्रेमकिरण साहब की कि...Comment received on mail:--<br /><br /><br />प्रेमकिरण साहब की किताब " आग चख कर लीजिये" की समीक्षा <br />आपके अनूठे अंदाज़ में बहुत अच्छी लगी, यूं तो प्रेमकिरण साहब को फ़ोन <br />पर मुबारकबाद भी दे चुका हूँ एक बार फिर से हार्दिक बधाई...<br />"गोद में लेना चाहें तो वो गोद से फिसली जाय<br />मेरी नन्हीं बिटिया जैसी चंचल चंचल धूप"<br />वाह वाह...<br />"कितने शीशों की नज़ाकत का भरम खुल जाएगा <br />इस चमन के फूल को पत्थर न होने दीजिये" <br />क्या कहने...<br />"ज़िन्दगी के रास्ते में आग का दरिया भी है <br />ज़िन्दगी को मोम का पैकर न होने दीजिये" <br />जवाब नहीं..... <br />खूबसूरत अशआर पढ़वाने के लिए आपका सादर आभार.<br />सतीश शुक्ला 'रक़ीब'<br />जुहू, मुंबई-49.नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-73624349053595046932012-06-15T08:19:23.869+05:302012-06-15T08:19:23.869+05:30बर्फ के घर में ठिठुरते आदमी के ज़ेहन में
एक टुकड़ा...बर्फ के घर में ठिठुरते आदमी के ज़ेहन में<br />एक टुकड़ा धूप का अहसास रखती है ग़ज़ल<br /><br />वाकई इस बार तो आपने ऐसे गज़लकार से मिलाया है जिसे पढ़कर हैरानी होती हर शेर अपने में एक दास्ताँ...... ग़ज़ल को नए रंग ढंग बख्शने वाले इस शायर को हमारा नमन. जनाब "प्रेमकिरण" साहब की किताब " आग चख कर लीजिये" पढने की चाह तीव्र हो गयी है. आपकी लेखनी को भी सदर प्रणामPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-45572210272422749582012-06-15T03:58:18.651+05:302012-06-15T03:58:18.651+05:30गर मुसीबत काई की सूरत बिछी हो
पाँव को हस्सास रखिये...गर मुसीबत काई की सूरत बिछी हो<br />पाँव को हस्सास रखिये और चलिए<br /><br /><br /><br />दूसरों पर उँगलियाँ ही हम उठाते रह गए<br />इससे फुर्सत ही नहीं हम आत्म-मंथन क्या करें ।<br /><br />वाह वाह ।<br /><br />प्रेम किरण जी से परिचय करवाने का आभार ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10203656369626844862012-06-14T19:57:25.218+05:302012-06-14T19:57:25.218+05:30Msg received on face book:-
सरोज सिंह दिल है पिन ...Msg received on face book:-<br /><br />सरोज सिंह दिल है पिन कुशन- सा सीने में <br />हर खलिश आलपिन होती है,,,वाह जवाब नहीं !<br /><br />निश्चित ही यह ग़ज़ल संग्रह जानदार होगी ..अवगत कराने का आभार नीरज जी एवं .प्रेम किरण जी को आग चख कर लीजिये "के लिए ढेरों बधाईनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53780877972403416352012-06-13T16:42:05.516+05:302012-06-13T16:42:05.516+05:30aapko bahut bahut dhnyvaad sir ki aapki badoulat e...aapko bahut bahut dhnyvaad sir ki aapki badoulat ek nayaab shayar se <br />mulakaat hui aue bahut hi bemisaal sher bhi padhne ko mile.<br />aap dwara kitaab ki samikxha bhi bahut bahut badhiya lagi<br />poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-440637055324902352012-06-13T12:31:57.853+05:302012-06-13T12:31:57.853+05:30पुस्तक के प्रति जिज्ञासा जगाती बेहतरीन समीक्षा...पुस्तक के प्रति जिज्ञासा जगाती बेहतरीन समीक्षा...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-61134966723938203782012-06-13T08:25:25.002+05:302012-06-13T08:25:25.002+05:30प्रभु आपकी पारखी नज़रों को सलाम...आप सही हैं...रखत...प्रभु आपकी पारखी नज़रों को सलाम...आप सही हैं...रखती शब्द छूट गया था...टंकण त्रुटी की और इशारा करने वाले हे जागरूक पाठक, मैं आपका तहे दिल से आभारी हूँ...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-2829826734254404282012-06-13T08:09:05.270+05:302012-06-13T08:09:05.270+05:30प्रेम किरण जी से परिचय का आभार...बहुत शानदार....
...प्रेम किरण जी से परिचय का आभार...बहुत शानदार....<br /><br />पहले शेर:<br /><br /><br />बर्फ के घर में ठिठुरते आदमी के ज़ेहन में<br />एक टुकड़ा धूप का अहसास है ग़ज़ल<br /><br />-अहसास के बाद शायद टंकण में "रखती" शब्द छूट गया है क्या? बस. नजर पड़ी तो सोचा पूछ लूँ...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-41324221235340007132012-06-12T23:13:59.576+05:302012-06-12T23:13:59.576+05:30प्रस्तुत ग़ज़लें कह रही हैं कि प्रेमकिरण जी प्रयो...प्रस्तुत ग़ज़लें कह रही हैं कि प्रेमकिरण जी प्रयोगवादी हैं और साहस करते हैं नये प्रयोग प्रस्तुत करने का। इनके सृजन की मौलिकता स्वत:स्पष्ट है।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-74950806528427959382012-06-12T11:30:50.896+05:302012-06-12T11:30:50.896+05:30Msg received on mail:-
अच्छी पेशकश नीरज जी !
ग़ज...Msg received on mail:-<br /><br /><br />अच्छी पेशकश नीरज जी !<br />ग़ज़ल की तमाम नज़ाकतों और उसके कला पक्ष की ज़रूरतों का निर्वाह करते हुए ग़ज़ल कहना प्रेम किरण की पहचान है .प्रेम अपने आस पास के जीवन के सुखों दुखों को अपनी ग़ज़ल में ख़ूबसूरती से और आसान ज़बान में ढाल देते हैं . <br />प्रेम किरण का यह संकलन बहुत पहले प्रकाशित हुआ था . हाल ही में उनका नया संकलन " पिन कुशन " के नाम से वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है . यह संकलन ग़ज़ल प्रेमियों को अवश्य पढ़ना चाहिए ख़ास कर उन लोगों को ज़रूर पढ़ना चाहिए जो ग़ज़ल तो कहते हैं मगर उसकी बारीकियों का निर्वाह नहीं कर पाते मगर सीखने की जगह अपनी कमियों को "हिंदी ग़ज़ल" का नाम देकर भ्रम फैलाते हैं .<br /><br />आलम खुरशीदनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87144079093152075072012-06-12T00:02:53.741+05:302012-06-12T00:02:53.741+05:30Msg Received on Mail:-
हाथ रखते ही समय के नब्ज़ प...Msg Received on Mail:-<br /><br />हाथ रखते ही समय के नब्ज़ पर हमको लगा<br />एक मुर्दा जिस्म में कुछ सांस रखती है ग़ज़ल<br /><br />द्रौपदी के चीर हरने पर सभासद मौन हैं<br />न्याय पर कुछ प्रश्न चिन्ह सायास रखती है ग़ज़ल<br /><br />shri neeraj ji<br />namastey,<br />very gud write up by u, thanx and badhai, <br />especially above lines are very impressive,<br />again congrats,<br />today shri salil ji has gone to dalhousie and dharamshala (HP)<br />for a family trip and return by 17- 18 june, 12 <br />regds, <br />-om sapra, delhi-9नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-26958220424165737422012-06-11T21:55:01.507+05:302012-06-11T21:55:01.507+05:30तुम तो तीरंदाज़ बन कर खुश बहुत होंगे 'किरन'...तुम तो तीरंदाज़ बन कर खुश बहुत होंगे 'किरन'<br />तीर का कुछ धर्म भी है कि नहीं ये तो पढो...<br /><br /> <br />"प्रेमकिरण" साहब की किताब " आग चख कर लीजिये" जितना उम्दा नाम हैं उतने ही उम्दा शेरो से भरी पढ़ी हैं हर शेर में कुछ अजीब सी पकड हैं ..हिंदी शब्दों को ग़ज़ल में ढालने का काम बहुत गिने चुने शायर करते हैं ..वाकई में इन्हें हिंदी के दुसरे दुष्यंत कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ..उस पर नीरजजी आपकी समीक्षा हमेशा से बेहतरीन ....आपकी समीक्षा का तो हमेशा इन्तजार रहता हैं ..... <br /><br />दिल है पिन कुशन- सा सीने में<br />हर खलिश आलपिन होती है<br /><br />हम पे आंसू गिराने वालों के<br />हाथ में ग्लिसरीन होती है<br /><br />कीमते अश्क जो समझती है<br />नम वही आस्तीन होती है....दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-34415217892824956122012-06-11T21:36:30.709+05:302012-06-11T21:36:30.709+05:30आपको पढ़ा तो कई बार है आज आपको वीडियो पर तरन्नुम म...आपको पढ़ा तो कई बार है आज आपको वीडियो पर तरन्नुम में शेर कहते सुना तो बहुत अच्छा लगा।<br /><br /><br />मेरे ब्लॉग का link - www.sushilashivran.blogspot.in<br /><br />आपका इंतज़ार है मेरे ब्लॉग पर !sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-5158285472199226802012-06-11T21:33:43.522+05:302012-06-11T21:33:43.522+05:30आप को पढ़ा ही नहीं वीडियो भी देखा। तरन्नुम में आपक...आप को पढ़ा ही नहीं वीडियो भी देखा। तरन्नुम में आपको सुनना बहुत अच्छा लगा!<br /><br /><br />मेरे ब्लॉग का link - www.sushilashivran.blogspot.in<br /><br />आपका इंतज़ार है मेरे ब्लॉग पर !sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-79177773818766431332012-06-11T20:14:22.279+05:302012-06-11T20:14:22.279+05:30अपनी परिभाषाओं का मूर्त रूप हैं आपकी गजल..अपनी परिभाषाओं का मूर्त रूप हैं आपकी गजल..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-52889781247627238192012-06-11T18:34:16.267+05:302012-06-11T18:34:16.267+05:30ACHCHHEE PUSTAK SE PARICHAY KARWAANE
KE LIYE AAPKA...ACHCHHEE PUSTAK SE PARICHAY KARWAANE<br />KE LIYE AAPKAA SHUKRIYA .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-86849974228617443232012-06-11T16:43:45.678+05:302012-06-11T16:43:45.678+05:30ज़िन्दगी के रास्ते में आग का दरिया भी है
ज़िन्दगी ...ज़िन्दगी के रास्ते में आग का दरिया भी है<br />ज़िन्दगी को मोम का पैकर न होने दीजिये.... वाह! <br /><br />बेहद उम्दा शायर से परिचय... <br />सादर आभार.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-49430396435861977792012-06-11T15:14:48.579+05:302012-06-11T15:14:48.579+05:30प्रेमकिरण जी से मिलवाने का शुक्रियाप्रेमकिरण जी से मिलवाने का शुक्रियाKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-47562871986736621162012-06-11T15:07:46.249+05:302012-06-11T15:07:46.249+05:30जिस पुस्तक का शीर्षक इतना खूबसूरत है उसकी रचनाएँ त...जिस पुस्तक का शीर्षक इतना खूबसूरत है उसकी रचनाएँ तो खूबसूरत होंगी ही. <br />आभार आपका नीरज जी ! इतना सुन्दर परिचय कराने का.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com