tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post8816448365397718095..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया -201नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-90893819458178509142018-10-30T15:50:16.929+05:302018-10-30T15:50:16.929+05:30मिले तो खैर न मिलने पे रंजिशें कैसी
कि उससे अपने ...मिले तो खैर न मिलने पे रंजिशें कैसी <br />कि उससे अपने मरासिम थे पर न थे ऐसे <br />*** <br />आस कब दिल को नहीं थी तेरे आ जाने की <br />पर न ऐसी कि क़दम घर से न बाहर रखना<br /> *** <br />जिस तरह बादल का साया प्यास भड़काता रहे <br />मैंने ये आलम भी देखा है तिरि तस्वीर का <br />अहमद फराज़ बहुत बड़ा नाम और आपका ये तबस्रा क्या कहना वाह वाह वाह ख़ूब बधाई <br />mgtapishhttps://www.blogger.com/profile/05875054316342019400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-58280061094945995292018-10-30T13:12:39.440+05:302018-10-30T13:12:39.440+05:30बहुत ही सुन्दर बहुत ही सुन्दर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-65087401767605839332018-10-29T20:56:28.614+05:302018-10-29T20:56:28.614+05:30ग़ज़ल का बहुत ही ख़ूबसूरत सफ़र करवाया आपने नीरजजी,इस ब...ग़ज़ल का बहुत ही ख़ूबसूरत सफ़र करवाया आपने नीरजजी,इस बहाने फराज़ साहब की शायरी की दुनिया को क़रीब से महसूस कर सका। सचमुच - "उस शख़्स को बिछड़ने का सलीका भी नहीं,<br />जाते हुए खुद को मेरे पास छोड़ गया ।"डॉ. पी. पुरुषोत्तम https://www.blogger.com/profile/04063439780555547204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43700617023371841292018-10-29T19:59:15.552+05:302018-10-29T19:59:15.552+05:30अहा, नीरज साहब, इस हरदिलज़ीज शायर की किताब के बहाने...अहा, नीरज साहब, इस हरदिलज़ीज शायर की किताब के बहाने कितनी ख़ूबसूरत अशआर पढवाये आपने। शुक्रिया शुक्रिया...💐kamalbhaihttps://www.blogger.com/profile/11943559416788092655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53851393952937783972018-10-29T19:18:17.294+05:302018-10-29T19:18:17.294+05:30*देखो किसी और की आँखें हैं कि मेरी
देखूँ य...*देखो किसी और की आँखें हैं कि मेरी <br /> देखूँ ये किसी और का चेहरे है कि तुम हो ...<br /><br />सुन्दर ! <br />अति सुन्दर ! ! <br /><br />फ़राज़ साहब की ख़्वाब फ़रोश ...<br /><br />और ..<br />नीरज जी भावभीनी प्रबुद्ध लेखनी । <br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01431700801454005216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-52322854923612382122018-10-29T17:58:46.821+05:302018-10-29T17:58:46.821+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-10-2018) को <a href="javascript:void(0);" rel="nofollow"> "दिन का आगाज़" (चर्चा अंक-3140) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40390980855764632072018-10-29T10:46:24.507+05:302018-10-29T10:46:24.507+05:30फ़राज़ मेरे इतने मेहबूब शायर हैं कि बयान करना कुछ भी...फ़राज़ मेरे इतने मेहबूब शायर हैं कि बयान करना कुछ भी मुश्किल है,मैंने अपनी ज़िंदगी के साथ इनके शेरों को चलते पाया हैं या यूं कहूँ के सहारा पाया है तो भी सही होगा। बहुत अच्छे शायर, अच्छी पोस्ट, और कुछ कह भावुक नही होना चाहती।Parul Singhhttps://www.blogger.com/profile/07199096531596565129noreply@blogger.com