tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post772929145347719185..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: आखरी जब उडान होनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-56955349305012795392008-04-09T21:06:00.000+05:302008-04-09T21:06:00.000+05:30आजमाना न डोर रिश्तों कीटूट जाती अगर लगे झटकेbahut ...आजमाना न डोर रिश्तों की<BR/>टूट जाती अगर लगे झटके<BR/><BR/>bahut hi sundar ghazalAlpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-12834523156093179312008-04-03T23:46:00.000+05:302008-04-03T23:46:00.000+05:30भाई नीरज जी,जिंदगी की कडुवी सच्चाई को बेबाक रूप स...भाई नीरज जी,<BR/>जिंदगी की कडुवी सच्चाई को बेबाक रूप से गजल-बंद करना भी एक अनोखी विधा है, जिसे देख- पढ़ कर सकून मिला.<BR/>ऐसा ही हमारा एक प्रयास आप के नज़ारे-इनायत है. पेश है <BR/><BR/> हमारे हर प्रयास जब होने लगे विफल <BR/> धारणा बनी है,किसी ने किए हैं टुटके<BR/><BR/> ता -जिंदगी जिन्दादिली क्या खाक दिखाते<BR/> इंसानियत गुम सी हो गई चाकरी में लुटके<BR/><BR/> करे नाटक कोई कितना भी व्यस्तता का<BR/> पर जवानी सभी की,है"तनाव"ने गुटके<BR/><BR/> खोजने लगे "मुमुक्षु" जब खुशी का पिटारा <BR/> दिखा गए सारा नज़ारा घरके ही ये छुटके <BR/><BR/>शेष फिर कभी ,<BR/>आपका,<BR/>चंद्र मोहन गुप्ता "मुमुक्षु"Mumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43446339182733482212008-04-03T06:22:00.000+05:302008-04-03T06:22:00.000+05:30बहुत अच्छी, अपनी सी और अपनी से थोड़ी हट के प्रस्तुत...बहुत अच्छी, अपनी सी और अपनी से थोड़ी हट के प्रस्तुति। शानदार।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-92063516636072468072008-04-03T03:59:00.000+05:302008-04-03T03:59:00.000+05:30राह आसान हो गयी उनकीजो चले यार बस जरा हटके बहुत ख...राह आसान हो गयी उनकी<BR/>जो चले यार बस जरा हटके <BR/>बहुत खूबसूरत भाव ...<BR/>बहुत दिनों बाद आपको पढ़ा ..हमेशा की तरह दिल में उतरने वाली रचना..xheavenlyxhttps://www.blogger.com/profile/09217381201906789842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-83568564551848930272008-04-02T23:46:00.000+05:302008-04-02T23:46:00.000+05:30स्वागत - [परिवार का काम भी करना ज़रूरी है ]"आप थे ...स्वागत - [परिवार का काम भी करना ज़रूरी है ]<BR/>"आप थे कहाँ गुरूजी, हम सोच सोच लटके <BR/>पी-पी के छान गए, सब ईंधन के मटके "Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-21211007451284160822008-04-02T22:32:00.000+05:302008-04-02T22:32:00.000+05:30बहुत खूब...बहुत बढ़िया..बहुत दिनों बाद...बहुत अच्छ...बहुत खूब...बहुत बढ़िया..बहुत दिनों बाद...बहुत अच्छा लगा..Shiv Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/16210136982521324733noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-59755703919044013322008-04-02T22:27:00.000+05:302008-04-02T22:27:00.000+05:30बोलना सच शुरु किया जब से,लोग फिर पास ही नहीं फटके....बोलना सच शुरु किया जब से,<BR/>लोग फिर पास ही नहीं फटके.<BR/>क्या शेर कहा है मेरी जान.<BR/>सच कहने का लुत्फ़ लेना चाहते हो और लोगों की भी परवाह.<BR/>हमारे जैसे फकीरों की दुआलो अल्लाह करे जोरे कलम और ज्यादा.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-12798174235877427122008-04-02T19:00:00.000+05:302008-04-02T19:00:00.000+05:30नीरज जी,लगता है लंबी उड़ान भर कर आएलिहाज़ा उड़ान स...नीरज जी,<BR/>लगता है लंबी उड़ान भर कर आए<BR/>लिहाज़ा उड़ान साथ लाए.... स्वागत.<BR/><BR/>तो बात ये है कि -<BR/>खट के और रट के, अटके लोगों को<BR/>आपने डट के समझा दिया कि <BR/>चाहे कोई दे झटके <BR/>चाहे कोई पटके<BR/>लेकिन जियो तो भीड़ से कट के <BR/>और ज़रा हट के !!!<BR/><BR/>क्या बात है --------- जीना इसी का नाम है !Dr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-89554528372621555282008-04-02T18:47:00.000+05:302008-04-02T18:47:00.000+05:30अच्छी कही है नीरज जी ये गजल और एक बात तो आपकी मान...अच्छी कही है नीरज जी ये गजल और एक बात तो आपकी माननी होगी कि आप जो काफिये लाते हैं उनका तो कोई जवाब ही नहीं होता हैपंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-19606909718883479342008-04-02T16:47:00.000+05:302008-04-02T16:47:00.000+05:30achchhi kvita hai.hr pristhiti me hasy.achchhi kvita hai.hr pristhiti me hasy.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.com