tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post7219790088661344069..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 37नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-68591332940792547692010-09-30T13:15:36.206+05:302010-09-30T13:15:36.206+05:30इस दुकां में मैंने भी पहले खोज बीन की थी मगर कुछ ह...इस दुकां में मैंने भी पहले खोज बीन की थी मगर कुछ हासिल ना हुआ, अब एक बार फिर से जाता हूँ.<br />ये कार वाली बात, आप विजय जी की कर रहे हैं या भगवान् जी की, क्योंकि शायद विजय जी की तो शादी नहीं हुई और जब भगवान् साथ में हों तो डर किस बात का.<br /><br />कितने बेहतरीन शेर, अशआर इस दुनिया में बिखरे हुए हैं, और आप उन सभी को एक जगह पे ला रहे हैं, इससे अच्छा काम और क्या होगा....<br /><br />मेरी बस्ती के सभी लोगों को जाने क्या हुआ<br />देखते रहते हैं सारे बोलता कोई नहीं<br /><br />माधव कौशिक जी का नाम पहली बार मैंने सुना है मगर ऐसा लग रहा है उनके शेर तो पहले से जुड़े हुए हैंAnkithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-5613738880233056392010-09-19T14:26:35.948+05:302010-09-19T14:26:35.948+05:30बड़े हथियार लेकर जंग में शामिल हुए लोगों
बुराई से...बड़े हथियार लेकर जंग में शामिल हुए लोगों <br />बुराई से निपटने के लिए क़ुदरत ही काफी है <br /><br /><br /><br /><br />बहुत सुन्दर!!Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-55397687136446620652010-09-17T16:18:56.873+05:302010-09-17T16:18:56.873+05:30नीरज जी!
एक और बेहतरीन तोहफा देने के लिए शुक्रिया!...नीरज जी!<br />एक और बेहतरीन तोहफा देने के लिए शुक्रिया!<br />नियमित तो नही रह पता पर जब आता हूँ तो सारे पोस्ट पढ़ जाता हूँ आपके और सच मानिये बहुत बहुत आननद मिलता है !<br />आपके ब्लॉग से ही कई शायरों से रूबरू होने का मौका मिला ! बहुत कुछ नया जाना और बहुत कुछ पढ़ा :):)<br /><br />ऐसे ही नए नए नायब मोती खोज के हमें भी बताते रहिये ! बहुत बहुत शुक्रिया ! :)Nipun Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16960357101414101878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40929137288335508222010-09-17T01:56:44.663+05:302010-09-17T01:56:44.663+05:30माधवजी से परिचय कराने का आभार....बहुत कमाल की शायर...माधवजी से परिचय कराने का आभार....बहुत कमाल की शायरी है.... धन्यवाद डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-74621661602705181702010-09-16T11:57:37.948+05:302010-09-16T11:57:37.948+05:30उससे क्या उम्मीद रखे अब कोई बंदानवाज़
आदमी जितना ह...उससे क्या उम्मीद रखे अब कोई बंदानवाज़<br />आदमी जितना है उतना खोखला कोई नहीं<br />हँसते-हँसते ही हटा दे सबके चेहरों से नक़ाब<br />ऐसा लगता है शहर में सिरफिरा कोई नहीं <br />और<br />छप नहीं सकता किसी भी पत्रिका के पृष्ठ पर <br />आपका किस्सा बहुत सच्चा है, सम्मोहक नहीं<br />राजपथ से दूर गन्दी बस्तियों के बीच में <br />एक जनपथ है जहाँ पर कोई अवरोधक नहीं <br />...माधव कौशिक जी से परिचय और साथ में उम्दा शायरी बेहद अच्छी और सच्ची लगी ...<br />........सुन्दर प्रस्तुति के लिए धन्यवादकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-27453785085240478272010-09-16T11:46:28.015+05:302010-09-16T11:46:28.015+05:30आपके ब्लॉग पर तो ढेर सारी पुस्तकों से परिचय होता ह...आपके ब्लॉग पर तो ढेर सारी पुस्तकों से परिचय होता है...<br />_____________________________<br />'पाखी की दुनिया' - बच्चों के ब्लॉगस की चर्चा 'हिंदुस्तान' अख़बार में भी.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53036912561298461102010-09-16T10:58:40.319+05:302010-09-16T10:58:40.319+05:30माधव जी का परिचय कराने का आभार,
यहाँ भी पधारें :-...माधव जी का परिचय कराने का आभार,<br /><br />यहाँ भी पधारें :-<br /><a href="http://akelakalam.blogspot.com" rel="nofollow">अकेला कलम...</a>SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-44769707555568172522010-09-16T10:07:47.028+05:302010-09-16T10:07:47.028+05:30माधव कौशिक जी से परिचय करवाने का आभार । आप ऐसे ही ...माधव कौशिक जी से परिचय करवाने का आभार । आप ऐसे ही नायाब हीरे लाते रहें और हमे से परिचय कराते रहें ।<br />बहुत कमाल की शायरी है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-33550824622573218672010-09-15T14:23:24.641+05:302010-09-15T14:23:24.641+05:30बहुत ही उम्दा शेर हैं कौशिक साहब के .............औ...बहुत ही उम्दा शेर हैं कौशिक साहब के .............और आप के इस प्रयास के लिए मैं आपको सलाम करता हूँ|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25319544126298866642010-09-15T14:11:12.699+05:302010-09-15T14:11:12.699+05:30शानदार नीरज जी...माधव कौशिक जी के शायराना अंदाज़ क...शानदार नीरज जी...माधव कौशिक जी के शायराना अंदाज़ को भी सलाम. हीरे की तलाश खदानों में ही करनी पड़ती है और बड़ी मेहनत से इन्हें खोजकर लाने वालों को भी सलाम!Roshanihttps://www.blogger.com/profile/17011034595175312423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-29537132313501586502010-09-15T12:23:27.949+05:302010-09-15T12:23:27.949+05:30वंडरफुल!!वंडरफुल!!रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25482929042636076152010-09-14T18:26:44.750+05:302010-09-14T18:26:44.750+05:30नीरज जी, मुझे तो माधव जी की ग़ज़लें पढ़ते हुए दुष्...नीरज जी, मुझे तो माधव जी की ग़ज़लें पढ़ते हुए दुष्यंत याद आए। वह तल्खी है उनकी शायरी में। <br />आप ऐसे शायरों और उनकी शायरी से मिलवा रहे हैं कि आप पर सौ पचास ब्लाग न्यौछावर करने का मन होता है। सचमुच आपके ब्लाग पर आकर लगता है चलो दिन भर भटकने के बाद कुछ तो ऐसा मिला जिसे हम पढ़ना चाहतें हैं। शुभकामनाएं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-76024232373342466892010-09-14T17:18:49.519+05:302010-09-14T17:18:49.519+05:30दोबारा आती हूँ एक काम आगया पूरानहीं पढा। आभार।दोबारा आती हूँ एक काम आगया पूरानहीं पढा। आभार।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43479489804593722972010-09-14T16:04:57.388+05:302010-09-14T16:04:57.388+05:30अद्भुत लिखते हैं माधव जी.
भीड़ पथराव करके लौट गयी
...अद्भुत लिखते हैं माधव जी.<br />भीड़ पथराव करके लौट गयी<br />चौक पर दम गरीब का निकला<br /><br />सारी बदसूरती उभर आई<br />मेरी बस्ती में चाँद क्या निकला<br /><br />ओस मेहँदी रचा गयी होती<br />धूप का हाथ खुरदुरा निकला<br /><br />क्या खूब किताब के बारे में जानने को मिला.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-77160468024392501652010-09-14T14:19:10.891+05:302010-09-14T14:19:10.891+05:30माधव कौशिक जी का परिचय कराने का आभार।माधव कौशिक जी का परिचय कराने का आभार।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25074875424554978682010-09-14T14:15:00.824+05:302010-09-14T14:15:00.824+05:30उससे क्या उम्मीद रखे अब कोई बंदानवाज़
आदमी जितना ह...उससे क्या उम्मीद रखे अब कोई बंदानवाज़<br />आदमी जितना है उतना खोखला कोई नहीं<br /><br />वाह , कितने कम शब्दों में आदमी की सही तस्वीर पेश की है । शुक्रिया माधव कौशिक जी की पुस्तक से मिलवाने का । <br /><br />क्या खूब लिखा है ....ये यात्रा आप कभी भूल नहीं पाएंगे और उनके कुछ एक शेर तो हो सकता है किताब ख़तम करने के बाद हमेशा के लिए आपके साथ ही चल दें । नीरज जी , तनाव ख़त्म करने के लिये अपने शौक वाले काम से बढ़कर दूसरा कोई इलाज नहीं है ...अपने आप तनाव को विकल्प मिल जाता है । <br /><br />चाहे वो धर्मों के हों, दुनिया के या तहज़ीब के <br /><br />आदमी बंधन में भी कहता है मैं बंधक नहीं <br /><br />तो क्या करे आदमी , खुशफहमियां रखने में आदमी का जवाब नहीं ...<br /><br />कभी लिखा था मैंने ...<br />उगा लेता है सब्जबाग भी <br />कब्र-गाहों पर , <br />ये आदमी का हौसला है कि चुन लेता है फूल <br /> सीने में सब दफ़न कर के ...शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8642071942177309752010-09-14T12:37:06.825+05:302010-09-14T12:37:06.825+05:30वाह ....!!
सचमुच बहुत ही नायब खजाना हाथ लगा है नीर...वाह ....!!<br />सचमुच बहुत ही नायब खजाना हाथ लगा है नीरज जी .....बहुत ही गहरे शे'र हैं .....कमाल ही है ये ....<br />देखिये न कितने अच्छा लिखने वाले हैं जिन्हें हम जानते ही नहीं ....<br />आप तो फिर भी ढूंढ ही लेते हैं कहीं न कहीं से ....मैं तो तरसती रह जाती हूँ कोई ढंग की पुस्तक हाथ लगे ....<br />यहाँ तो आस पास फटकती तक नहीं .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-34332416704111835422010-09-14T10:01:41.171+05:302010-09-14T10:01:41.171+05:30श्री ओम सपरा जी का इ-मेल से मिला कमेन्ट:-
good sh...श्री ओम सपरा जी का इ-मेल से मिला कमेन्ट:-<br /><br />good shri neeraj jinamastey<br />wah maja aa gaya.<br />tanav ko door karne ke aapke tarikee abhhe hain<br />madhav kaushik ke itni achhi jankaari dene ke liye dhanya vaad<br />aapka<br />om sapra, delhi=9नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-20073396224019205532010-09-14T10:00:53.650+05:302010-09-14T10:00:53.650+05:30श्री सुलभ जायसवाल जी का इ-मेल पर मिला कमेन्ट:-
आज...श्री सुलभ जायसवाल जी का इ-मेल पर मिला कमेन्ट:-<br /><br />आज की पोस्ट पर मैं क्या कहूँ.... आज बड़े दिनों बाद रात्री के ११-१२ बजे शायर और शायरी से परिचय हुआ. <br />आज की तन्हाई में ये पोस्ट मुझ जैसे सरफिरे के लिए चांदनी रात का ताज महल है. <br /><br />माधव कौशिक जी को प्रणाम शायरी की किताब और उनके शांत व्यक्तित्व के लिए.<br /><br />नीरज सर ऐसा लग रहा है आप मेरे सामने बैठ कर पुस्तक समीक्षा के साथ साथ कुछ और अनुभव के मोती भी लुटा रहे हैं. <br /><br />जल्द ही मिलते हैं फिर...<br /><br />आपका<br />सुलभनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-80349739565425218192010-09-14T01:03:02.907+05:302010-09-14T01:03:02.907+05:30नीरज जी,
तनाव पास न फटकने देने पर अपने स्टाइल की ए...नीरज जी,<br />तनाव पास न फटकने देने पर अपने स्टाइल की एक बात याद आई...<br /><br />मक्खन खाली बैठा तालियां बजा रहा था...<br />ढक्कन ने पूछा...तालियां क्यों बजा रहा है...<br />मक्खन...तालियां बजाने से भूत पास नहीं फटकते...<br />ढक्कन...लेकिन यहां तो कोई भूत नहीं है...<br />मक्खन...अबे, यही तो है मेरी तालियों का असर...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10241940933111321332010-09-14T00:56:50.756+05:302010-09-14T00:56:50.756+05:30bahut sunder maadhav ji se rubaru karwane ke liye ...bahut sunder maadhav ji se rubaru karwane ke liye dhanyawadमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-42743162798080617912010-09-13T23:27:19.923+05:302010-09-13T23:27:19.923+05:30बहुत आभार इस पुस्तक के विहय में बताने का. वैसे तो ...बहुत आभार इस पुस्तक के विहय में बताने का. वैसे तो टेंशन आपकी पर्सनाल्टि देखकर भी पास न आये..हँसमुख लोगों से वो जरा दूर ही रहता है. :)<br /><br /><br /><b>हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!</b>Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-57492134035038048832010-09-13T23:18:14.840+05:302010-09-13T23:18:14.840+05:30बहुत ही बढ़िया पढ़ने से बेहतर कुछ नहीं।माधव कौशिक ...बहुत ही बढ़िया पढ़ने से बेहतर कुछ नहीं।माधव कौशिक की किताब की जानकारी शेर भी बढ़िया ज्ञानबर्धक आलेखरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-46112642467252353942010-09-13T20:52:13.046+05:302010-09-13T20:52:13.046+05:30नीरज जी ,
आज कि पेशकश बहुत अच्छी लगी ....पुस्तक ...नीरज जी , <br /><br />आज कि पेशकश बहुत अच्छी लगी ....पुस्तक के ऐसे अंश चुन कर पढवाते हैं कि मन होता है कि यह पुस्तक अभी क्यों नहीं है पढने के लिए ,,,बहुत अच्छी समीक्षा ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60631145955603570322010-09-13T20:45:05.250+05:302010-09-13T20:45:05.250+05:30पढने से बेहतर कुछ भी नहीं, ये तो बिलकुल सही बात कर...पढने से बेहतर कुछ भी नहीं, ये तो बिलकुल सही बात कर दी आपने. भगवान करे आपको ऐसे नए नए मोती मिलते रहे और हम उनके बार में पढ़ते रहे. हिंदी किताबों के बारे में पुणे में भी अपना यही अनुभव रहा है. बड़ी मुश्किल होती थी.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.com