tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post7161332933391810965..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: पूजा की थाली हो गईनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger66125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-3348122073116832992010-07-20T15:33:09.030+05:302010-07-20T15:33:09.030+05:30वाह!
पूजा कमाल की परिभाषित की आपने। तारीख़ी शे'...वाह!<br />पूजा कमाल की परिभाषित की आपने। तारीख़ी शे'र - मिसाल के तौर पर कोटेबुल।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-78973393394361599042010-07-15T12:11:18.766+05:302010-07-15T12:11:18.766+05:30नमस्कार नीरज जी,
आप तो उस्ताद है तो ग़ज़ल तो अच्छी ह...नमस्कार नीरज जी,<br />आप तो उस्ताद है तो ग़ज़ल तो अच्छी ही होगी कोई शक नहीं, बहुत अच्छे शेर कहें हैं,<br /><br />इस शेर ने दीवाना बना दिया है,<br /><br />तय किया चलना जुदा जब भीड़ से<br />हर नज़र देखा, सवाली हो गयी<br /><br />एक खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाईAnkithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-25742921961971467432010-07-14T02:10:19.971+05:302010-07-14T02:10:19.971+05:30नीरज जी,
मुझे आपका लिखी हर गज़ल अच्छी लगती है. यह ...नीरज जी,<br /><br />मुझे आपका लिखी हर गज़ल अच्छी लगती है. यह गज़ल भी बाक़ी सभी ग़ज़लों की तरह बहुत अच्छी है.<br />धन्यवाद.Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-71243564647734050122010-07-13T23:24:28.625+05:302010-07-13T23:24:28.625+05:30"कैद का इतना मज़ा मत लीजिये
रो पड़ेंगे, गर ब..."कैद का इतना मज़ा मत लीजिये <br />रो पड़ेंगे, गर बहाली हो गयी "<br /><br />अरे वाह-वाह नीरज जी, क्या शेर बुना है। लाजवाब...यूं तो हर बार की तरह ग़ज़ल ही पूरी लाजवाब है, किंतु इस शेर का अंदाज तो हाय रेssss..!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-13566970630347550172010-07-10T13:32:43.094+05:302010-07-10T13:32:43.094+05:30डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां
वो समझ पूजा की थाली...डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई..<br /><br />Gajab likhte hain aap.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-21266247861217803292010-07-09T09:44:24.991+05:302010-07-09T09:44:24.991+05:30कुछ इस तरह पढ़ें...ccj'ksj dk =बबरशेर काकुछ इस तरह पढ़ें...ccj'ksj dk =बबरशेर काkumar zahidhttps://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-7954064565314119202010-07-09T09:02:58.887+05:302010-07-09T09:02:58.887+05:30अब नसीहत यार गाली हो गई
Kya baat hai Neeraj g ! b...अब नसीहत यार गाली हो गई <br />Kya baat hai Neeraj g ! bahut wazandar baat kahi hai aapne...<br /><br />डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br /> Valuable lines with humanity and fundamental ethics.<br /><br />तय किया चलना जुदा जब भीड़ से <br />हर नज़र देखा, सवाली हो गयी <br /><br />ccj'ksj dk andaz hai..bas chalte rahein---<br /><br />कैद का इतना मज़ा मत लीजिये <br />रो पड़ेंगे, गर बहाली हो गयी <br /><br />Dhaatak panktiyan hain huzur! der tak goonjati rahengi.<br /><br />Bahut bahut badhhaiyan.kumar zahidhttps://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-72004561988006825052010-07-08T19:26:16.475+05:302010-07-08T19:26:16.475+05:30Sachmuch sundar Ghazal.Sachmuch sundar Ghazal.Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-90286395785707502622010-07-08T18:20:55.424+05:302010-07-08T18:20:55.424+05:30थी अमावस सी हमारी ज़िन्दगी
मिल गये तुम, तो दिवाली ...थी अमावस सी हमारी ज़िन्दगी<br />मिल गये तुम, तो दिवाली हो गयी <br />डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br />तय किया चलना जुदा जब भीड़ से<br />हर नज़र देखा, सवाली हो गयी <br />हाथ में क़ातिल के ‘‘नीरज’’ फूल है<br />बात अब घबराने वाली हो गई<br />waah waah waah ,har baat aapke kalam ki nirali ho gayi .sundarज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8003734430193238362010-07-08T15:43:01.099+05:302010-07-08T15:43:01.099+05:30डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां
वो समझ पूजा की थाली...डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br />बस इस पंक्ति के बाद कुछ कहने के लिए नहीं रह जाता...लाज़बाब रचनाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-19175219115401345072010-07-08T08:35:04.270+05:302010-07-08T08:35:04.270+05:30बात सचमुच में निराली हो गईं
अब नसीहत यार गाली हो ग...बात सचमुच में निराली हो गईं<br />अब नसीहत यार गाली हो गई<br /><br />डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br />आपके अंदाज के बहुत खूबसूरत शेर हुए हैं. ज़िन्दगी जटिलताओं से निकले लेकिन आपके सादा व्यक्तित्व से सहज हुएसंजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/00532701630756687682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-75137178977424820012010-07-07T20:30:18.089+05:302010-07-07T20:30:18.089+05:30khoob surat neeraj ji.kya baat hai.khoob surat neeraj ji.kya baat hai.شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-23579414635511504972010-07-07T19:47:25.665+05:302010-07-07T19:47:25.665+05:30superhit !!superhit !!ankur goswamyhttps://www.blogger.com/profile/07828533038278800237noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-84046922299725117002010-07-07T15:58:48.812+05:302010-07-07T15:58:48.812+05:30नीरज भाई
अरसे बाद आपके ब्लॉग पर आया.....मगर देर से...नीरज भाई<br />अरसे बाद आपके ब्लॉग पर आया.....मगर देर से आने पर जो ग़ज़ल मिली सच मानिये मज़ा आ गया <br />"अब नसीहत यार गाली हो गई" बात सच है बहुत ही बेबाक तरीके से कहने का अंदाज़ बहुत ही अच्छा...! <br /><br /><br />डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br />यह हुआ शेर......मुक़र्रर !<br /><br />तय किया चलना जुदा जब भीड़ से <br />हर नज़र देखा, सवाली हो गयी <br />*********<br />कैद का इतना मज़ा मत लीजिये <br />रो पड़ेंगे, गर बहाली हो गयी <br /><br /><br />थी अमावस सी हमारी ज़िन्दगी <br />मिल गये तुम, तो दिवाली हो गयी <br />वाकई हमारी तो दिवाली हो गयी आपके ब्लॉग पर आकर.Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-28210667105015749982010-07-07T15:40:28.703+05:302010-07-07T15:40:28.703+05:30"डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां
वो समझ पूजा क..."डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br /><br />तय किया चलना जुदा जब भीड़ से <br />हर नज़र देखा, सवाली हो गयी <br /><br />कैद का इतना मज़ा मत लीजिये <br />रो पड़ेंगे, गर बहाली हो गयी"<br /><br /><br /><b>बेहद खूबसूरत! बहुत खूब!</b>Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-48896470158573423832010-07-07T14:23:40.112+05:302010-07-07T14:23:40.112+05:30डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां
वो समझ पूजा की थाली...डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई!<br /> नीरजजी!... एक एक छंद में बहुत कुछ कह डाला आपने.... बधाई!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-27338107900942200712010-07-07T10:51:04.687+05:302010-07-07T10:51:04.687+05:30आदरणीय नीरज जी भाईसाहब ,
प्रणाम !
लगभग 4-5 दिन नेट...आदरणीय नीरज जी भाईसाहब ,<br />प्रणाम !<br />लगभग 4-5 दिन नेट बंद रहा । कल शाम को सुधरा है…<br />आपकी ताज़ा ग़ज़ल पढ़ाने को मिल गई , दिल की राहत का सामान मिल गया ।<br />शानदार मत्ले के साथ साथ क्या ख़ूब कहा है…<br /><br /><b>डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई</b><br />…और , मेरे मिज़ाज से मिलता यह शे'र भी बहुत पसंद आया… <br /><b>थी अमावस सी हमारी ज़िन्दगी<br />मिल गए तुम, तो दिवाली हो गई</b><br />क्या बात है !<br /><br />आपकी ख़ूबी के अनुरूप ही ग़ज़ल का समापन भी बेहतर है …<br /><b>हाथ में क़ातिल के ‘‘नीरज’’ फूल है<br />बात अब घबराने वाली हो गई</b><br /><br />कुल मिला कर… सुभानल्लाह !<br />- राजेन्द्र स्वर्णकार <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">शस्वरं</a></b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-38208841367323515022010-07-06T22:43:38.229+05:302010-07-06T22:43:38.229+05:30Gazhab ki upamaayein...sundar rachna...Gazhab ki upamaayein...sundar rachna...monalihttps://www.blogger.com/profile/00644599427657644560noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-86914807223518869392010-07-06T22:03:50.332+05:302010-07-06T22:03:50.332+05:30सटीक तथा सार्थक शेरों से सजी उत्कृष्ट ग़ज़ल के लिए...सटीक तथा सार्थक शेरों से सजी उत्कृष्ट ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई और पढवाने के लिए आभरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40580250291932666312010-07-06T21:46:22.054+05:302010-07-06T21:46:22.054+05:30डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां
वो समझ पूजा की थाल...डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां <br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br />नीरज जी, आपने टाइटिल यही दिया है....<br />ये वास्तव में इसका हक़दार भी है..<br />और निश्चित रूप से....शायर की अपनी पसंद भी..<br />एक आम पाठक बनकर पढ़ा, तो ये दो शेर ज़्यादा अच्छे लगे...<br />कैद का इतना मज़ा मत लीजिये <br />रो पड़ेंगे, गर बहाली हो गयी <br /><br />और<br />थी अमावस सी हमारी ज़िन्दगी <br />मिल गये तुम, तो दिवाली हो गयी <br /><br />आपकी गज़ल का हर शेर....देर तक सोचने पर मजबूर करता है.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-31333718979416783482010-07-06T20:56:31.501+05:302010-07-06T20:56:31.501+05:30तय किया चलना जुदा जब भीड़ से
हर नज़र देखा, सवाली ...तय किया चलना जुदा जब भीड़ से <br />हर नज़र देखा, सवाली हो गयी <br /><br />वाह.... बढ़िया रचना ...आभार.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-37218195334468723622010-07-06T20:33:13.096+05:302010-07-06T20:33:13.096+05:30डाल दी भूखे को जिसमे रोटियाँ ...
यह शेर और आप एक द...डाल दी भूखे को जिसमे रोटियाँ ...<br />यह शेर और आप एक दूसरे के लिए जाने जायेंगे .... कमाल की बात कही है आपने नीरज जी .... <br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-20412944286320900292010-07-06T17:05:20.501+05:302010-07-06T17:05:20.501+05:30लाजवाब गजल पढाने के लिए बधाई स्वीकारें।
सद्भावी -...लाजवाब गजल पढाने के लिए बधाई स्वीकारें। <br />सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60369771626181740532010-07-06T14:30:28.328+05:302010-07-06T14:30:28.328+05:30हमेशा की तरह बेहतरीन. सारे शेर एक से बढ़कर एक. मुझ...हमेशा की तरह बेहतरीन. सारे शेर एक से बढ़कर एक. मुझे पूरी ग़ज़ल अच्छी लगी. <br /><br />जब समझदारी आ जायेगी तो हो सकता है गजल के जो सबसे बढ़िया शेर उन्हें पहचानने लग जाऊं.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-84408722700693373702010-07-06T11:23:14.250+05:302010-07-06T11:23:14.250+05:30डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां
वो समझ पूजा की थाली...डाल दीं भूखे को जिसमें रोटियां<br />वो समझ पूजा की थाली हो गई<br />ufffffffff...gazab hai ye sher to, der se aane ke liye maafi<br />bahut hi achchhi gazalAvinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.com