tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post7016160652906566379..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किसान क्या हैनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-82584284700725828992014-06-13T16:35:50.348+05:302014-06-13T16:35:50.348+05:30भाई नीरजजी... सलाम है आपको! कितनी मेहनत से आपने क...भाई नीरजजी... सलाम है आपको! कितनी मेहनत से आपने कितनी किताबे अपने ब्लॉग पर जुटाईं हैं हमारे लिए. आज ज्ञानजी के वाल पर आपका पोस्ट देख कि 'खोया पानी' भी आपके एजेंडे में है, ये टिपण्णी लिख रहा हूँ. खाकसार ने इस किताब की पांडुलिपि (और लफ्ज़ के व्यंग्य-सम्पादन के दौरान धारावाहिक स्वरूप) को शब्द-शब्द कहता है और रस लिया है.. ज्ञानजी मेरे अग्रज, प्रेरणा-स्त्रोत और डांटने वाले गुरु भी हैं. व्यंग्य कि मेरी दो किताबें प्रकाशित हैं (पर चर्चित नहीं शायद) खैर...<br />आपके ब्लॉग पर आता रहूँगा. आप लगे रहें. <br />kamalbhaihttps://www.blogger.com/profile/11943559416788092655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60489581298944894612007-11-11T13:53:00.000+05:302007-11-11T13:53:00.000+05:30नीरजजी ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यास 1-नरक यात्रा 2-ब...नीरजजी ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यास 1-नरक यात्रा 2-बारहमासी पर एम.ए.2 लघुशोध प्रबंध तैयार कराये हैं.आप नरक यात्रा न पढ़ा हो तो अवश्य पढ़ें.<BR/>सरकारी चिकित्सालयों में डॉक्टरों के खेल का चित्रण है.आप अच्छे रचनाकारों से लोगों को वाकिफ़ करा रहे हैं.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-66597328546024181602007-11-03T15:29:00.000+05:302007-11-03T15:29:00.000+05:30यह राजीव जैन जी की फरमाइश पूरी कीजिये। ज्ञान चतुर्...यह राजीव जैन जी की फरमाइश पूरी कीजिये।<BR/> <BR/>ज्ञान चतुर्वेदी जी की एक किताब हमारे पास भी है। पढ़ी नहीं। अब शुरू करते हैं। वैसे फुटकर रूप में उन्हें बहुत पढते-पसन्द करते रहे हैं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-21965792167312798572007-11-03T15:08:00.000+05:302007-11-03T15:08:00.000+05:30सर ज्ञानदत्तजी के ब्लॉग पर जयपुर के एक अस्पताल ...सर <BR/>ज्ञानदत्तजी के ब्लॉग पर जयपुर के एक अस्पताल में थूंकने से बचने का एक उपाय लिखा <BR/>अच्छा लगा <BR/>अब जयपुर से आपके रिश्ते पर भी कुछ लिखें तो <BR/>जयपुरवासी आपके आभारी रहेंगेराजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/07241456869337929788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-81124947711212898942007-11-03T14:39:00.000+05:302007-11-03T14:39:00.000+05:30Great........Great........रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87816405622153542012007-11-03T14:17:00.000+05:302007-11-03T14:17:00.000+05:30नीरज भैया,आपकी गजलों को पढ़कर कौन अभागा है जो ख़ुद...नीरज भैया,<BR/><BR/>आपकी गजलों को पढ़कर कौन अभागा है जो ख़ुद पर ज्यादती समझेगा?....वैसे ज्ञान जी का लेख पढ़कर बहुत बढ़िया लगा...जबरदस्त लिखते हैं ही.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8472605787653629722007-11-03T11:04:00.000+05:302007-11-03T11:04:00.000+05:30अब तो जिसकी कोई शान न हो वही किसान है....अच्छी पेश...अब तो जिसकी कोई शान न हो वही किसान है....अच्छी पेश...बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-45030905440157603752007-11-02T22:46:00.000+05:302007-11-02T22:46:00.000+05:30ज्ञान जी के लेखन का मैं बहुत समय से मुरीद हूँ. आपन...ज्ञान जी के लेखन का मैं बहुत समय से मुरीद हूँ. आपने उनकी पुस्तक का अंश पेश कर बहुत अच्छा किया. और लाईये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60279609691277513202007-11-02T22:37:00.000+05:302007-11-02T22:37:00.000+05:30बड़े वापाजी ये अच्छा नही किया आपने. ज्ञान भइया,मिश...बड़े वापाजी ये अच्छा नही किया आपने. ज्ञान भइया,मिश्राजी,पौराणिक जी के पेट पर लात मारने की तयारी शुरू करदी है . खैर जो भी हो हमतो आपके साथ है .पढेंगे,बार बार पढेंगे और मन माफिक टिपण्णी भी करेंगे.<BR/>अच्छा लगा और भी छापियेगा.कंजूसी मत कीजिये.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-82447273899230798712007-11-02T21:10:00.000+05:302007-11-02T21:10:00.000+05:30चलिये फिर से पढ़ लिया. मैने भी कुछ दिनों पहले "जो घ...चलिये फिर से पढ़ लिया. मैने भी कुछ दिनों पहले "जो घर फूंके" खरीदी थी अभी पढ़ ही रहा हूँ.मैंने भी आज से खोया पानी को छापना शुरु किया है.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com