tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post527735667690534428..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: गुल हमेशा चाहता हमसे रहा बदले में वोनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger70125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-59599012077716842242010-11-29T10:18:56.966+05:302010-11-29T10:18:56.966+05:30नीरज जी ,
बहुत उम्दा गज़ल.....हर शेर गज़ब ..गहन... अ...नीरज जी ,<br />बहुत उम्दा गज़ल.....हर शेर गज़ब ..गहन... असरदार....<br />बधाईमुदिताhttps://www.blogger.com/profile/14625528186795380789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-19896293226199130592010-10-17T22:31:32.412+05:302010-10-17T22:31:32.412+05:30बहुत सुन्सेर अल्फाज़ खीर के कंकर तो खूब भाए।बहुत सुन्सेर अल्फाज़ खीर के कंकर तो खूब भाए।Premhttps://www.blogger.com/profile/04287507321645463368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-4486299109814749222010-10-15T15:57:13.735+05:302010-10-15T15:57:13.735+05:30ज़िन्दगी बख्शी खुदा ने माना के "नीरज" हम...ज़िन्दगी बख्शी खुदा ने माना के "नीरज" हमें<br />पर लगा हमको कि जैसे खीर में कंकर दिए..............................<br /><br /><br />amazing lines ...very close to heart and life....<br /><br />hats off sir..vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-14429852406897715642010-10-15T10:42:37.994+05:302010-10-15T10:42:37.994+05:30नमस्कार नीरज जी,
इन दो शेरों ने तो लाजवाब कर दिया....नमस्कार नीरज जी,<br />इन दो शेरों ने तो लाजवाब कर दिया.<br />"मिल गए हैं रहजनों से लूटने के वास्ते<br />मुल्क को चुनकर ये कैसे आपने रहबर दिए."<br /><br />"कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में<br />नींद ली बदले में जिसको रेशमी बिस्तर दिए."Ankithttps://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-66144835554338664202010-10-14T15:19:06.832+05:302010-10-14T15:19:06.832+05:30जिस शजर ने डालियों पर देखिए फल भर दिए
हर बशर ने आत...जिस शजर ने डालियों पर देखिए फल भर दिए<br />हर बशर ने आते - जाते उसको बस पत्थर दिए<br />यही तो दुनिया की रीत है ....<br />जरा सी बात पर यहाँ हर कोई पत्थर उठा लेता है ......<br /><br />रब की नज़रों में सभी इक हैं तो उसने क्यों भला<br />एक को पत्थर दिए और एक को गौहर दिए<br />शायद हमारे कर्मों के हिसाब से ......<br /><br />कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में<br />नींद ली बदले में जिसको रेशमी बिस्तर दिए<br />सही कहा ......<br />आपकी गजलें हमेशा ही बहुत गहरी बात कह जातीं है ....<br />क्या कहूँ ? बस इतना ही बहुत ही उम्दा .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-75510755716428029772010-10-10T09:35:46.264+05:302010-10-10T09:35:46.264+05:30वाह नीरज जी..किस किस शेर पे दाद दूं...पूरी ग़ज़ल ह...वाह नीरज जी..किस किस शेर पे दाद दूं...पूरी ग़ज़ल ही बेहतरीन बन पड़ी है....बधाई हो..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-37481937079485638652010-10-09T05:19:00.013+05:302010-10-09T05:19:00.013+05:30behtareenbehtareenAshishhttps://www.blogger.com/profile/09819490850442453681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40667024858970266542010-10-08T21:02:01.352+05:302010-10-08T21:02:01.352+05:30कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में....Be...कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में....Beautiful !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-54032411306155040842010-10-08T07:50:38.544+05:302010-10-08T07:50:38.544+05:30बहुत दिनों बाद ब्लॉग खोला ,ग़ज़ल पढ़ कर मज़ा आ गया ....बहुत दिनों बाद ब्लॉग खोला ,ग़ज़ल पढ़ कर मज़ा आ गया .सुंदर अभिव्यक्ति के लिए शुभकामनायें ।Premhttps://www.blogger.com/profile/04287507321645463368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-14270415368387602442010-10-07T23:31:22.820+05:302010-10-07T23:31:22.820+05:30गुल हमेशा चाहता हमसे रहा बदले में वो
जिसने हमको हर...गुल हमेशा चाहता हमसे रहा बदले में वो<br />जिसने हमको हर कदम पर बेवजह नश्तर दिए<br />बहुत खूब!<br />-ग़ज़ल का हर शेर नायाब लगा .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-81058020366959839662010-10-07T22:19:10.447+05:302010-10-07T22:19:10.447+05:30खो रहे हैं क्यूँ अदावत में उन्हें, ये सोचिये
प्यार...खो रहे हैं क्यूँ अदावत में उन्हें, ये सोचिये<br />प्यार करने के खुदा ने जो हमें अवसर दिए<br /><br />- आज की परिस्थिति में मौजूं |hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-16738326171708864352010-10-07T16:30:31.514+05:302010-10-07T16:30:31.514+05:30नीरज भाई.....
जिस शजर ने डालियों पर देखिए फल भर दि...नीरज भाई.....<br />जिस शजर ने डालियों पर देखिए फल भर दिए<br />हर बशर ने आते - जाते उसको बस पत्थर दिए<br />......वाह वाह ! क्या बात कही. (@ अब तो किस्मत हैं उनके पत्थर ही, जिन दरख्तों ने फल उगाये हैं,)<br /><br />रब की नज़रों में सभी इक हैं तो उसने क्यों भला<br />एक को पत्थर दिए और एक को गौहर दिए<br />यह शेर भी खूब रहा......!<br /><br /><br />खो रहे हैं क्यूँ अदावत में उन्हें, ये सोचिये<br />प्यार करने के खुदा ने जो हमें अवसर दिए<br />*******<br />मिल गए हैं रहजनों से लूटने के वास्ते<br />मुल्क को चुनकर ये कैसे आपने रहबर दिए<br />हालत को पहचानने वाले दोनों शेर लिख दिए नीरज भाई....दाद क़ुबूल करें.<br /><br />कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में<br />नींद ली बदले में जिसको रेशमी बिस्तर दिए<br />आहा !!!!!!!!!!! क्या सच्चाई और बेबसी बयां की है ........बहुत सुन्दर !Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-88234057337839518052010-10-06T20:13:53.533+05:302010-10-06T20:13:53.533+05:30श्रीमान जी ... बहुत ही बढ़िया रचना ...
मुझे तो ह...श्रीमान जी ... बहुत ही बढ़िया रचना ...<br />मुझे तो हर शेर पसंद आया ...<br />आभार ..वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-3077915430085442412010-10-06T19:02:11.228+05:302010-10-06T19:02:11.228+05:30आज थोड़ी उदास लगी गजल.......काहे जी....आज थोड़ी उदास लगी गजल.......काहे जी....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-38487676345447913232010-10-06T14:41:23.019+05:302010-10-06T14:41:23.019+05:30आपकी खीर के कंकड़ पसंद आए।आपकी खीर के कंकड़ पसंद आए।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40947881832417240652010-10-06T06:17:26.916+05:302010-10-06T06:17:26.916+05:30हाय!! हर शेर पर खड़े होकर दाद बरसाई...दिखे क्या?
...हाय!! हर शेर पर खड़े होकर दाद बरसाई...दिखे क्या?<br /><br />बहुत बेहतरीन..<br /><br />जिस शजर ने डालियों पर देखिए फल भर दिए<br />हर बशर ने आते - जाते उसको बस पत्थर दिएUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-37962894503020142512010-10-06T01:47:13.219+05:302010-10-06T01:47:13.219+05:30नीरज जी
नमस्कार !
बहुत रवां दवां ग़ज़ल कही है...<b><i>नीरज जी </i></b> <br /> नमस्कार !<br />बहुत रवां दवां ग़ज़ल कही है एक बार फिर से आपने । सबसे अच्छी बात यह कि कहीं भी भर्ती के लफ़्ज़ नहीं हैं । सहज संप्रेषणीय आमफ़हम ज़ुबान में कहा गया एक एक मिसरा ता'रीफ़ का मुस्तहक़ है ।<br /> <br />एक शे'र , दो शे'र कोट करने की गुंजाइश नहीं है , क्योंकि पूरी ग़ज़ल ही कोट के लायक है । दिलजोई के लिए एक शे'र छांटा है - <br /><b>खो रहे हैं क्यूं अदावत में उन्हें, ये सोचिये<br />प्यार करने के खुदा ने जो हमें अवसर दिए </b> <br /><br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-76683629961707266212010-10-05T22:47:08.383+05:302010-10-05T22:47:08.383+05:30नीरज साहब,
गुल, गुलशन और गुलफ़ाम कर दिया जी आपने।
...नीरज साहब,<br />गुल, गुलशन और गुलफ़ाम कर दिया जी आपने।<br /><br />एक सुझाव दूँ, कठिन शब्दों के हिन्दी अर्थ अगर पंक्ति के सामने दे सकें या फ़िर गज़ल के बाद में, तो रौ में पढ़ने का और ज्यादा मजा आ जाता। छोटे मुंह बड़ी बात हो गई न? जानता हूँ आप बुरा नहीं मानेंगे।<br /><br />एक एक शेर नायाब है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-14839479510908767172010-10-05T22:35:30.478+05:302010-10-05T22:35:30.478+05:30very good neeraj darlingvery good neeraj darlingमुन्नी बदनामhttps://www.blogger.com/profile/07470855003573071619noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-61887956495200083152010-10-05T21:02:53.352+05:302010-10-05T21:02:53.352+05:30रब की नज़रों में सभी इक हैं तो उसने क्यों भला
एक क...रब की नज़रों में सभी इक हैं तो उसने क्यों भला<br />एक को पत्थर दिए और एक को गौहर दिए<br /><br />गज़ल का हर शेर दाद के काबिल है..बहुत खूबसूरत गज़लवीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-14284744088463678452010-10-05T20:58:46.013+05:302010-10-05T20:58:46.013+05:30हर शेर सोचने को मजबूर करता हुआ.
और पूरी गज़ल उम्द...हर शेर सोचने को मजबूर करता हुआ.<br /><br />और पूरी गज़ल उम्दाय्गी के मोतियों से सजी बेहतरीन गज़ल.<br /><br />बधाई.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-78338309062370915252010-10-05T19:55:54.862+05:302010-10-05T19:55:54.862+05:30aapki gajal hr jindagi ki ek khubasurat kahani ha...aapki gajal hr jindagi ki ek khubasurat kahani hai <br />arganik bhagyoday.blogspot.comAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12874930868572823189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-50906252735694991522010-10-05T19:23:56.815+05:302010-10-05T19:23:56.815+05:30behtreen khayaal or khoobsurat kafiye...wah bhai j...behtreen khayaal or khoobsurat kafiye...wah bhai ji wah....योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-80707418478563791482010-10-05T17:27:58.143+05:302010-10-05T17:27:58.143+05:30ज़िंदगी बख़्शी ख़ुदा ने माना के नीरज हमें,
पर लगा ...ज़िंदगी बख़्शी ख़ुदा ने माना के नीरज हमें,<br />पर लगा हमको कि जैसे खीर में कंकर दिए।<br />वाह...वाह...ज़िदगी के अनदेखे कोनों पर आपकी नज़रें घूम घूम कर ग़ज़लें कहती रहती हैं...बधाई।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64561896248176475772010-10-05T16:24:18.082+05:302010-10-05T16:24:18.082+05:30कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में
नींद ...कुछ नहीं देती है ये दुनिया किसी को मुफ्त में<br />नींद ली बदले में जिसको रेशमी बिस्तर दिए<br /><br />बहुत खूब नीरज जी .... बहुत सुंदर रचना ... बधाई स्वीकारें ..Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.com