tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post4478263071465332473..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 42नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger44125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-68183392985001459302017-08-11T12:17:26.516+05:302017-08-11T12:17:26.516+05:30आलम भाई मेरे पसंदीदा शायर हैं। उनकी पुस्तकें सच मे...आलम भाई मेरे पसंदीदा शायर हैं। उनकी पुस्तकें सच में संग्रहणीय हैं। आपने पुस्तकों का नाम पता बता कर मेरा काम आसान कर दिया। आज तक तो सिर्फ fb पर या उनकी साइट पर जा कर ही उनको पढती रही। शुक्रिया Sufihttps://www.blogger.com/profile/05759377801134348800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-8905107023646516172011-07-28T20:20:40.506+05:302011-07-28T20:20:40.506+05:30प्यारे और आदरणीय भाई नीरज गोस्वामी जी!
कैसे और किन...प्यारे और आदरणीय भाई नीरज गोस्वामी जी!<br />कैसे और किन अल्फाज़ में आप का शुक्रया अदा करूँ मेरी समझ में इस वक्त बिलकुल ही नहीं आ रहा है. कभी कभी ऐसे लम्हे आते हैं ना! कि शब्द अपना अर्थ खो देते हैं और बहुत छोटे मालूम पड़ते हैं ....<br />शायद मैं अभी उन्हीं लम्हों से गुज़र रहा हूँ.<br />आप ने मेरी किताब हासिल की ...इतनी गंभीरता से पढ़ी ....इतनी सुंदर भूमिका लिखी ...फिर इन्हें कम्पोज़ कर के अपने ब्लॉग तक पहुँचाया ...इतनी मुहब्बतें करने वाले दोस्तों से मेरा परिचय कराया उनके प्यार,स्नेह,हौसला अफज़ाई और दुआओं का पात्र मुझे बनाया ...मुझे ढूँढा...इतने प्यार से अपने घर बुलाया .....<br />यह सब कुछ ऐसे शख्स के लिए जिसे आप जानते तक नहीं ...कोई पूर्व परिचय तक नहीं ......<br />इतनी मुहब्बत हक़ अदा करने का सामर्थ शब्द कहाँ से लाएं...कम से कम मुझ जैसे कमतर आदमी के पास तो ऐसे शब्द नहीं ही हैं ..........<br />सो आप की मुहब्बतों को अपने दिल में धरोहर की तरह संजो कर रख लेता हूँ...ये मेरी रगों में ऊर्जा का संचार करेंगी ...मुहब्बतें बढ़ाएंगी ...<br />हाँ! इस समय आपके लिए दिल से बे-इख़्तियार दुआएं ज़रूर निकल रही हैं ...ईश्वर आप को परिवार समेत सदा खुश रखे ....सुखी रखे ...<br />सारी सफ़लताओं से नवाज़े .........<br />मैं उन तमाम मित्रों का भी बेहद शुक्रगुज़ार हूँ जिन्हों ने आप की प्रस्तुति पसंद की ..अपनी कीमती राय से नवाज़ा मुहब्बतों और दुआओं से नवाज़ा और मेरा हौसला बढ़ाया .....<br />मैं खुद को इतनी मुहब्बतों का पात्र नहीं समझता मगर कोशिश करूँगा कि आइन्दा कुछ ऐसा लिखूं और वाकई इसका पात्र बन सकूं.<br />आप की भाषा बहुत आकर्षक और सरस है ..मेरी शदीद ख्वाहिश है कि मैं फ़ुर्सत के लम्हात चुरा कर आप की रचनाओं से आशनाई हासिल करूँ और उनसे लाभान्वित हो सकूं ....आप से संपर्क बना रहे तो मुझे बहुत खुशी होगी . मुझे नेटवर्किंग नहीं आती . यह कमेंट्स दूसरी बार पोस्ट कर रहा हूँ एक बार नाकाम हो गया .....<br />तमाम शुभ कामनाओं सहित....<br />आलम खुरशीदAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/15254198827346825187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-40710094945635827822011-07-28T13:52:48.143+05:302011-07-28T13:52:48.143+05:30नीरज जी,
www.diamondpublication.com
को फायरफोक्स ...नीरज जी, <br />www.diamondpublication.com<br />को फायरफोक्स अटैक साईट बता रहा है...Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53610462558253370762011-07-28T13:50:27.581+05:302011-07-28T13:50:27.581+05:30आलम खुर्शीद जी की शायरी का मैं भी फैन हूँ.. पिछले ...आलम खुर्शीद जी की शायरी का मैं भी फैन हूँ.. पिछले दिनों मेरे आग्रह करने पर उनहोंने मुझे अपनी उर्दू ग़ज़लों की किताब का पी डी एफ भेजा था..बहुत ही उम्दा लिखते हैं. नई किताब के लिए उन्हें बहुत बहुत बधाई. नीरज जी को इतनी अच्छी समीक्षा के लिए धन्यवाद.Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-32787221359998251432010-12-18T20:00:31.526+05:302010-12-18T20:00:31.526+05:30पीछे छूटे साथी मुझको याद आ जाते हैं
वर्ना दौड में ...पीछे छूटे साथी मुझको याद आ जाते हैं<br />वर्ना दौड में सबसे आगे हो सकता हूँ मैं<br /><br />wah kya bhav hai.......<br /><br />sabhee sher ek se badkar ek hai......<br /><br />aabharApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-74804866947830120842010-12-12T16:58:45.631+05:302010-12-12T16:58:45.631+05:30अच्छी जानकारी दी आलम खुर्शीद जी के विषय में..........अच्छी जानकारी दी आलम खुर्शीद जी के विषय में....................Mukeshhttps://www.blogger.com/profile/10419400047507603499noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-80473590926739099432010-12-11T13:56:32.463+05:302010-12-11T13:56:32.463+05:30आलम खुर्शीद साहब से मिलवाने के लिए शुक्रिया !
एक स...आलम खुर्शीद साहब से मिलवाने के लिए शुक्रिया !<br />एक से बढ़ कर एक शेर हैं ! पूरी किताब पढने की प्रबल इच्छा है !<br /> बहुत आभार !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43169707052970892172010-12-11T13:48:26.156+05:302010-12-11T13:48:26.156+05:30This comment has been removed by the author.ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-6357855644071232482010-12-10T22:49:17.455+05:302010-12-10T22:49:17.455+05:30लहू का एक-इक क़तरा पिलाता जा रहा हूँ
अगरचे ख़ाक मे...लहू का एक-इक क़तरा पिलाता जा रहा हूँ<br />अगरचे ख़ाक में पैदा नमी होती नहीं है<br /><br />क्या बात है ...<br />मैं उनको शक की निगाहों से देखता क्यूँ हूँ<br />वो लोग जिनके लिबासों पे कोई दाग़ नहीं<br /><br />जनाब आलम खुर्शीद साहब बस गज़ब ही है हर शे'र ....<br /><br />बाजू की ताक़त भी इक दिन साहिल तक पहुंचा देगी<br />लोग भरोसा करते क्यूँ हैं कश्ती पर, पतवारों पर<br /><br />वाह ....नीरज जी कहाँ से ढूंढ लेट हैं ये खजाना .....<br />काश हमारे पास भी ऐसा खजाना होता ....<br /><br />बढ़ती जाती है बैचैनी नाखुन की<br />जैसे-जैसे ज़ख्म पुराना होता है<br /><br />सुभानाल्लाह .....<br /><br />देख रहा है दरिया भी हैरानी से<br />मैंने कैसे पार किया आसानी से<br /><br />अब तो निशब्द हूँ ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-10034736601852009112010-12-10T18:38:32.207+05:302010-12-10T18:38:32.207+05:30मैं उनको शक की निगाहों से देखता क्यूँ हूँ
वो लोग ज...मैं उनको शक की निगाहों से देखता क्यूँ हूँ<br />वो लोग जिनके लिबासों पे कोई दाग़ नहीं<br />..ek se badhkar ek shayari aur umda tareeke ke prastuti ..bahut achhi lagi..sukriya...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-74864552240779944092010-12-09T17:02:01.079+05:302010-12-09T17:02:01.079+05:30किताबों की दुनिया तो मुझे बहुत अच्छी लगती है...किताबों की दुनिया तो मुझे बहुत अच्छी लगती है...Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-58358541500027132062010-12-09T15:56:48.551+05:302010-12-09T15:56:48.551+05:30लहू का एक-इक क़तरा पिलाता जा रहा हूँ
अगरचे ख़ाक मे...लहू का एक-इक क़तरा पिलाता जा रहा हूँ<br />अगरचे ख़ाक में पैदा नमी होती नहीं है<br />बहुत खूब!Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-22207391687617692462010-12-08T23:10:27.352+05:302010-12-08T23:10:27.352+05:30bahut achchi rachnayen padhwayee,dhanyabad.bahut achchi rachnayen padhwayee,dhanyabad.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60151640028713529622010-12-08T21:55:18.884+05:302010-12-08T21:55:18.884+05:30अज़ीज़ शायर जनाब आलम खुर्शीद साहब की ग़ज़लों की बे...अज़ीज़ शायर जनाब आलम खुर्शीद साहब की ग़ज़लों की बेहतरीन शायरी से तआरुफ़ कराने का शुक्रिया नीरज जी....। <br />मेरे एक मित्र हैं। उनका मूल निवास एक पिछ्ड़े इलाके में है। अपने इलाके गरीब लोगों के लिए उन्होंने एक अभियान चला रखा है। यह कि अपने परिचितों से उपयोग में न आ रहे वस्त्रों को माँग कर इकठ्ठा करते हैं। फिर उन्हें बोरों में भरवा कर अपने क्षेत्र में ले जाते हैं और जरूरतमंद लोगों को बाटवा देते हैं। उनकी यह पहल अच्छी है। अभी भी भारत के करोड़ों इंसानों के सामने रोटी और कपड़ा ख्वाब है। <br /> -डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-12852000367295423312010-12-08T17:00:32.520+05:302010-12-08T17:00:32.520+05:30aapki pasand kee is kitaab ne ek baar phir hamen l...aapki pasand kee is kitaab ne ek baar phir hamen laajawaab kar diyaa....राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-64712685400142775512010-12-08T00:44:36.570+05:302010-12-08T00:44:36.570+05:30नीरज जी, हमे तो कोई फ़र्क नजर नही आया, मध्यम वर्ग अ...नीरज जी, हमे तो कोई फ़र्क नजर नही आया, मध्यम वर्ग अपने से नीचे के वर्ग को वेसा ही समझता हे जेसे उच्च वर्ग मध्यम वर्ग को.... बाकी सब की अपनी सोच हे , बहुत सुंदर जानकारी आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-35949037458700561952010-12-08T00:24:42.792+05:302010-12-08T00:24:42.792+05:30ज़िक्र उस परीवश का और फिर बयान अपना... एक तो पटना ...ज़िक्र उस परीवश का और फिर बयान अपना... एक तो पटना के शायर आलम खुर्शीद साहब और फिर आपका बयान. ख़ूबसूरत शायरी जब आपके शीरीं बयान से गुज़रती है तो बस मिठास और मदहोश करने वाली ख़ुशबू रह जाती है फ़िज़ाँ में!! बड़े भाई, आपकी पसंद पर हम क़ुर्बान!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-56626009562379392912010-12-07T23:21:44.796+05:302010-12-07T23:21:44.796+05:30आसानी से राह नहीं बनती कोई
दीवारों से सर टकराना हो...आसानी से राह नहीं बनती कोई<br />दीवारों से सर टकराना होता है<br /><br />बहुत अच्छे शे‘र हैं।<br />ख़ुर्शीद आलम साहब की शायरी से परिचय कराने के लिए शुक्रिया नीरज जी।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-50129560364791125702010-12-07T22:23:26.109+05:302010-12-07T22:23:26.109+05:30एक बेहतरीन शायर और उसकी ग़ज़लों से रूबरू करवाया आप...एक बेहतरीन शायर और उसकी ग़ज़लों से रूबरू करवाया आपने..आप का यह प्रयास निश्चित रूप से प्रशंसनीय है...अब तक न जाने कितने नामचीन रचनाकारों की रचनाओं आपके माध्यम से जान पाया मैं.. आपका बहुत बहुत आभार नीरज जी..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-33295442234779836672010-12-07T20:41:37.667+05:302010-12-07T20:41:37.667+05:30आदरणीय नीरज जी, खुशी की बात ये है कि हिन्दी में उप...आदरणीय नीरज जी, खुशी की बात ये है कि हिन्दी में उपलब्ध साहित्य ’समाजवाद’ का आधार बन रहा है...)))<br />खुर्शीद आलम साहब की उम्दा शायरी से रूबरू कराने के लिए शुक्रिया.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53461643259347364022010-12-07T17:28:27.283+05:302010-12-07T17:28:27.283+05:30नीरज जी धन्यवाद। खुर्शीद आलम जी की शायरी लाजवाब ह...नीरज जी धन्यवाद। खुर्शीद आलम जी की शायरी लाजवाब है। <br />19 को जयपुर जा रहा हूं। और 22 को बंगलौर लौटूंगा। तो जयपुर एयरपोर्ट जाना भी होगा। किताबों की दुकान का चक्कर जरूर लगाऊंगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-68109185781197041012010-12-07T15:37:45.592+05:302010-12-07T15:37:45.592+05:30बला का दिलकश अंदाज़ है आपना नीरज जी ... एक से बढ़ ...बला का दिलकश अंदाज़ है आपना नीरज जी ... एक से बढ़ कर एक शेर छांटे हैं आप चर्चा में ... खुशीद आलम साहब की कलम को नमन है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-18082228705931999322010-12-07T13:02:44.444+05:302010-12-07T13:02:44.444+05:30आपने जो आश'आर प्रस्तुत किेये सभी एक से बढ़कर ...आपने जो आश'आर प्रस्तुत किेये सभी एक से बढ़कर एक खूबसूरत हैं। जाहिर है पूरा संकलन पढ़ने लायक होगा ही। <br />आदमी जैसा खाता है वैसे ही उसके विचार बनते हैं, इस धारणा को बल मिलता है आपकी ग़ज़लों की प्रस्तुति और इन पुस्तकों की प्रस्तुति से। जितनी खूबसूरत ग़ज़लें आप पढ़ते हैं उतनी ही खूबसूरत आपकी ग़ज़लें भी होती हैं।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-32177531387613149232010-12-07T07:55:24.418+05:302010-12-07T07:55:24.418+05:30बहुत खूब!
खुर्शीद जी की शायरी अद्भुत है. जितने शेर...बहुत खूब!<br />खुर्शीद जी की शायरी अद्भुत है. जितने शेर आपने दिए हैं, सारे एक से बढ़कर एक. आपका यह संकलन बेहतरीन है ही.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-47973863045000207742010-12-07T01:30:57.435+05:302010-12-07T01:30:57.435+05:30मैं उनको शक की निगाहों से देखता क्यूँ हूँ
वो लोग ज...मैं उनको शक की निगाहों से देखता क्यूँ हूँ<br />वो लोग जिनके लिबासों पे कोई दाग़ नहीं<br /><br />बेहतरीन शायरी से तआरुफ़ कराने का शुक्रिया नीरज जी....अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com