tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post3005603148576365234..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: एक बौनी बूँदनीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-87454201338915409622010-08-20T02:14:52.756+05:302010-08-20T02:14:52.756+05:30आज पढ़ा..आनन्द आ गया..
एक बौनी बूँद ने मेहराबआज पढ़ा..आनन्द आ गया..<br /><br /><br />एक बौनी बूँद ने मेहराबUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-55100051845419601432008-04-08T10:43:00.000+05:302008-04-08T10:43:00.000+05:30सर जी आपके ब्लॉग पर जाने का मुझे हुआ लाभऔर हानी आप...सर जी <BR/>आपके ब्लॉग पर जाने का <BR/>मुझे हुआ लाभ<BR/>और हानी आपको<BR/>मुझे दिखी मेरी प्रिय<BR/>बौनी बून्द<BR/>और मैं बन गया अर्जुन<BR/>बाकी और <BR/>कुछ भी न दिया दिखाई<BR/>सुनो मेरे भाई<BR/>मैं एक बार फिर<BR/>ब्लॉग पर जाऊंगा<BR/>कुछ और पढूंगा<BR/>और आपको बताऊंगा<BR/>कि मैने क्या पाया<BR/>प्यार<BR/>तेजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-46571667486573277812008-03-22T11:33:00.000+05:302008-03-22T11:33:00.000+05:30बहुत ही सुन्दर कविताएं हैं , दिव्या जी को बधाई पहु...बहुत ही सुन्दर कविताएं हैं , दिव्या जी को बधाई पहुँचायें ।अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-65378928912473094972008-03-17T22:52:00.000+05:302008-03-17T22:52:00.000+05:30खुली हवा में साँस लेती हुईं कोमल और पुख्ता भाषा से...खुली हवा में साँस लेती हुईं <BR/>कोमल और पुख्ता भाषा से <BR/>सजी सँवरी, कलोल करतीं <BR/>कवितायें मन को छू गईं <BR/>लफ्ज़ लफ्ज़ खुशबू है, बात बात गुलशन है <BR/>देखा तेरे लहजे में एक चिराग रोशन है <BR/>चाँद हदियाबादी शुक्ला डेनमार्कhaidabadihttps://www.blogger.com/profile/00389775957099138608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-3591987573167468612008-03-17T22:13:00.000+05:302008-03-17T22:13:00.000+05:30बहुत ख़ूब. कमाल की रचनाएं. सब की सब. बहुत शुक्रि...बहुत ख़ूब. कमाल की रचनाएं. सब की सब. बहुत शुक्रिया पढ़वाने का.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-65111666800842745512008-03-17T20:22:00.000+05:302008-03-17T20:22:00.000+05:30बहुत अच्छा नीरज जी। दिव्या जी से परिचय करा आपने बह...बहुत अच्छा नीरज जी। दिव्या जी से परिचय करा आपने बहुत अच्छा किया। <BR/>कवितायें बहुत सरल और सुन्दर हैं। <BR/>पहली बार अहसास हुआ कि जली बाती बेहतर जलती है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-44073875638753207292008-03-17T17:24:00.000+05:302008-03-17T17:24:00.000+05:30दिव्या जी की सारी कवितायें एक से बढ़कर एक. भइया, आ...दिव्या जी की सारी कवितायें एक से बढ़कर एक. <BR/><BR/>भइया, आपको धन्यवाद उनकी कवितायें अपने ब्लॉग पर पोस्ट करने के लिए.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-44063188577432229892008-03-17T17:23:00.000+05:302008-03-17T17:23:00.000+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। आभार सहित.बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। आभार सहित.रजनी भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/08154642819162396396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-41740234098740810782008-03-17T15:55:00.000+05:302008-03-17T15:55:00.000+05:30नीरज जी ,दिव्या जी की कविता में बूँद की नादानी प...नीरज जी ,<BR/>दिव्या जी की कविता में बूँद की नादानी पर <BR/>मिर्ज़ा ग़ालिब का ये शेर याद आया -<BR/><BR/>इस्तर -ए -क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना <BR/>दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना .<BR/>इस्तर -ए क़तरा = बूँद की मुक्ति.<BR/><BR/>मुझे लगता है नादान बूँद ने खुद से रूबरू होकर <BR/>अपनी मुक्ति की मंज़िल आसान कर ली है .<BR/><BR/>सच के सतीत्व और मुश्किल के झूठ <BR/>जैसे प्रयोग कुछ अनूठे से लगे !<BR/><BR/>और हाँ ! ये जो बिवाई वाली बात है भाई ,<BR/>उस पर मुझे ये पंक्तियाँ बरबस याद आईं -<BR/>जाके पैर न फटे बिवाई <BR/>सो क्या जाने पीर पराई .<BR/><BR/>दिव्या जी की रचनाओं में इस पीर की पुकार सुनी जा सकती है .<BR/>आपको इस दिव्य चयन के लिए और दिव्या जी को दीप्त सृजन के लिए बधाई .Dr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.com