tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post1679097000854567727..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया -145 नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-74285334838097634752017-10-08T16:51:04.205+05:302017-10-08T16:51:04.205+05:30बहुत सुन्दर बहुत सुन्दर Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-52423044007815842942017-10-08T11:39:08.967+05:302017-10-08T11:39:08.967+05:30सटीक रोचक औऱ सारगर्भित समीक्षा के लिए बधाई, अगली क...सटीक रोचक औऱ सारगर्भित समीक्षा के लिए बधाई, अगली के लिए इन्तजार!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-83589263140393732542017-10-07T18:30:04.832+05:302017-10-07T18:30:04.832+05:30अविस्मरणीय अतिरोचक भावनात्मक रचनात्मक अभिव्यक्ति
...अविस्मरणीय अतिरोचक भावनात्मक रचनात्मक अभिव्यक्ति <br />pushpendra dwivedihttps://www.blogger.com/profile/04998674402519036551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-18574150489732385592017-10-05T19:34:41.451+05:302017-10-05T19:34:41.451+05:30बेहतरीन समीक्षा . अच्छे अशआर के लिए शायर महोदय को ...बेहतरीन समीक्षा . अच्छे अशआर के लिए शायर महोदय को बधाई। उनका <br /><br />यह शेर ` बादलों से दुआ सलाम रखो , हमको मिट्टी का घर बनाना है `<br /><br />पढ़ कर कई साल पहले कहा मेरा शेर याद आ गया है - <br /><br />`मिट्टी के घर हों सलामत <br /><br /> तेज़ बारिश हो रही है <br /><br />मेरा यह शेर ` ग़ज़ल कहता हूँ ` में दर्ज़ है PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53489434426642018502017-10-05T11:05:28.400+05:302017-10-05T11:05:28.400+05:30Received on Fb:-
बादलों से दुआ सलाम रखो
हमको मिट्...Received on Fb:-<br /><br />बादलों से दुआ सलाम रखो<br />हमको मिट्टी का घर बनाना है<br />वाह नीरज जी। खूबसूरत आलेख।<br /><br />गंगा शरण सिंह<br />Thane-Maharashtraनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-82234566477615184272017-10-05T11:03:54.502+05:302017-10-05T11:03:54.502+05:30Received on mail :-
इस बार उम्दा शायर का इन्तिखाब...Received on mail :-<br /><br />इस बार उम्दा शायर का इन्तिखाब हुआ नीरज भाई !<br />फ़हमी साहिब आसान ज़बान में फड़कती हुई शायरी करते हैं जो मन को मोह लेती है.<br />ऐसी फड़कती शायरी पर दिलकश अंदाज़ में आप की पेशकश <br />मुबारकबाद ! मुबारकबाद!<br />दिली मुबारकबाद आप दोनों के लिए <br /><br />Alam Khurshidनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-82765102690615199782017-10-04T08:26:51.360+05:302017-10-04T08:26:51.360+05:30क्या कहने sir
एक और किताब जो आपकी समीक्षा पढ़कर खरी...क्या कहने sir<br />एक और किताब जो आपकी समीक्षा पढ़कर खरीदने चला हूँ। कुछ वक़्त पहले इस पुस्तक की चर्चा हुई और किसी वजह से खरीदी नहीं। लेकिन आज ये समीक्षा पढ़कर और ये सीपियों की तरह चुने गए अशआर पढ़ कर रहा नहीं जा रहा।<br /><br />तोड़े जाते हैं जो शीशे <br />वो नोकीले हो जाते हैं <br /><br />आहाहा<br /><br />और<br /><br />फूल को फूल ही समझते हो <br />आपसे शायरी नहीं होगी<br /><br />क्या बात है।<br />ज़िंदाबाद<br /><br />सादर<br />नकुलनकुल गौतमhttps://www.blogger.com/profile/08033870691414582297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-66432571408968265132017-10-02T21:02:22.535+05:302017-10-02T21:02:22.535+05:30मुझे याद है एक उस्ताद साहिब कहा करते थे:
छोटी बह्...मुझे याद है एक उस्ताद साहिब कहा करते थे:<br /><br />छोटी बह्र में ग़ज़ल कहना पावों से पत्थर बाँध कर पहाड़ चढ़ने की कोशिश करने जैसा है!<br /><br />फ़हमी बदायूनी साहिब के जो शेर आपने पढ़वाए हैं वो इस बात की तस्दीक़ करते हैं कि<br />कि उनकी हर कोशिश कामयाब हुई है और यह भी कि उनके तमाम शेर फ़हमी साहिब को एक बड़ा शाइर साबित करते हैं क्योंकि उनकी शाइरी में पढ़ते ही ज़बानज़द हो जाने की सलाहियत है।हर शेर नायाब नगीना है!<br />फ़हमी साहिब को इस ख़ूबसूरत कलाम के लिए सलाम!<br /><br />और सलाम आपकी दीदावरी और गौहरशनासी को भी जिसकी बदौलत इस कलाम की रानाई शाइरी के दीवानों तक पहुँचती है!द्विजेन्द्र ‘द्विज’https://www.blogger.com/profile/16379129109381376790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-85144697718723254672017-10-02T19:22:39.739+05:302017-10-02T19:22:39.739+05:30I don't know whether to term aa. Vigyan vrat ...I don't know whether to term aa. Vigyan vrat ji as intelligent poet or one of the most dynamic posts. Bahut kam waqt guzara hai in k saath. Shayd do ek baar hi baat hui hai. In ki poetry ne indian ghazals ko naya flavour diya. Zindabad. Thanks for writing and sharing about Him. www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-35023653779913804852017-10-02T15:53:47.352+05:302017-10-02T15:53:47.352+05:30Bahut behatreen .. Bahut Mubarak..aur shukriyah bh...Bahut behatreen .. Bahut Mubarak..aur shukriyah bhi �� Dheerendra Singhhttps://www.blogger.com/profile/00476750599155446810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63513734002394398782017-10-02T15:43:12.718+05:302017-10-02T15:43:12.718+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (03...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (03-10-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "ब्लॉग की खातिर" (चर्चा अंक 2746) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-15718468739272478322017-10-02T11:23:58.107+05:302017-10-02T11:23:58.107+05:30kya kahne .. kitaab aur uspe ye tahreer dono bahut...kya kahne .. kitaab aur uspe ye tahreer dono bahut umdaa hain..<br />fahmi sahab pe aisi tahreeren roz aati rahni chhaiye'<br />ek sher ek achi khasi tahreer de sakta haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09328193295613048649noreply@blogger.com