tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post1393426667966056986..comments2024-02-28T15:39:34.085+05:30Comments on नीरज: किताबों की दुनिया - 40नीरज गोस्वामीhttp://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-20993096732150493192018-07-28T22:55:36.922+05:302018-07-28T22:55:36.922+05:30लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पे जवाब देते हुए प्रध...लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पे जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक शेर पढ़ा <br /><br />न मांझी, न रहबर, न हक में हवाएं<br />है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है <br /><br />वैसे तो मैं मोदी जी की भाषण शैली का हमेशा ही प्रशंसक रहा हूँ; उन्होंने ये शेर पढ़ा तो अच्छा लगा और खासतौर से प्रधानमंत्री ने किसी शेर को अपने भाषण में उद्धृत किया तो वास्तव में शायर भी जरूर कुछ होगा तो अब खोज बीन शुरू हुई तो पता लगा की मेरे प्रिय ब्लॉगर नीरज जी ने इनकी एक गजल पे टिप्पणी की हुई है यानि की नीरज जी ने उन्हें पढ़ रखा है यानि की हमेशा की तरह एक बेहतरीन शायर को वो हमसे पहले पढ़ कर बैठे है यानि की फिर उन्होंने किताबों की दुनिया में भी उस शायर को जरूर जगह दी होगी तो हम पहुंच गए अपने प्रिय ब्लॉग पे जहा मिल गये वो शायर जिनकी तलाश थी यानि की दीक्षित दनकौरी जी।<br /><br />ऊपर लिखे गए शेर की गजल का एक और शेर है।<br /><br />शेर अच्छा-बुरा नहीं होता <br />या तो होता है, या नहीं होता <br /><br />क्या खूब कहा गया है शेर होता है या नहीं होता है।<br /><br />भुवनेश्वर प्रसाद दीक्षित उर्फ़ दीक्षित दनकौरी जो की दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय में वरिष्ठ योग शिक्षक है और साहित्य की दुनिया में भी अच्छा खासा नाम रखते है और जैसा की नीरज जी ने लिखा है की छोटी बहर में शेर लिखना दुरूह कार्य है जो की सिर्फ एक उस्ताद शायर ही कर सकता है और दीक्षित जी वो कार्य पूर्णतया के साथ कर रहे है।<br /><br />चल दिए हम उन्हें मनाने को<br />हो के मायूस लौट आने को<br /><br />क्या शेर कहा है एक टूटे दिल की सारी पीड़ा निकाल कर रख दी है।<br /><br />अब कोई आँख नम नहीं होती<br />क्या नज़र लग गयी ज़माने को<br /><br />कोई बैसाखियाँ नहीं बनता<br />टोकते सब हैं लड़खड़ाने को<br /><br />आज की दुनिया के बदलते व्यवहार और स्वभाव को दर्शाते ये शेर; इंसान मरता रहता है और भीड़ मोबाइल से उसका वीडियो बनाती रहती हैं।<br /><br />ग़लत मैं भी नहीं तू भी सही है<br />मुझे अपनी तुझे अपनी पड़ी है<br /><br />अपने अपने नज़रिये का फर्क है जैसे 6 को एक तरफ देखने से 6 और दूसरी तरफ देखने से 9 प्रतीत होता है।<br /><br />मैं तेरा तो नहीं हो गया<br />काम का तो नहीं हो गया<br /><br />तुझको पूजा अलग बात है<br />तू खुदा तो नहीं हो गया<br /><br />एक तो बोलना, वो भी सच<br />सरफिरा तो नहीं हो गया<br /><br />तीनों ही शेर अपने आप में पूर्ण है और आज के जमाने की सच्चाई दिखाते हुए और आखिर वाला शेर तो १००% सही बता रहा है गर आज के ज़माने में कोई सच बोलता है तो वो सरफिरा ही कहलाता है क्योकि अब लोगो को बस झूट पसंद है तारीफ पसंद है नहीं पसंद है तो बस वो है सच; आज आप फेसबुक पे अजीब अजीब से चेहरे बना कर ली हुई सेल्फी डाल दी जिए उस पे हज़ारो लाइक्स और कमैंट्स आ जाएंगे "वाओ; क्या बात है; अरे गजब लग रहे/रही हो" और ना जाने क्या क्या पर कोई ये नहीं कहेगा की बकवास है ये चित्र और गर कोई कह देगा तो वो आपका दुश्मन हो जायेगा।<br /><br />एक शायर की ये ही खासियत है वो खुद ज़माने के साथ ना चले बल्कि उसे सही गलत की पहचान कराता रहे और इस कसौटी पे दीक्षित दनकौरी जी खरे उतरते है। अब दीक्षित जी की ये पुस्तक "डूबते वक़्त" मेरे किताबों के खज़ाने में जरूर जमा होगी।<br /><br />सवर्प्रथम मोदी जी का धन्यवाद की उनकी वजह से मैं एक बेहतरीन शेर सुन कर मैं एक बेहतरीन शायर की बेहतरीन गजलें और अश’आर पढ़ सका और फिर नीरज जी का धन्यवाद हमेशा की तरह उनकी बेहतरीन समीक्षा के लिए और भगवान् से प्रार्थना करते हुए दीक्षित जी का धन्यवाद की वो इसी तरह एक बढ़ कर एक गजल कहते रहे और मेरे जैसे सुधि पाठक उसका लाभ उठाते रहे है।<br /><br />Amit Thapahttps://www.blogger.com/profile/03325771976660801450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-16433942092257986022010-11-05T19:33:13.718+05:302010-11-05T19:33:13.718+05:30दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-33746776067878857402010-10-30T16:45:49.151+05:302010-10-30T16:45:49.151+05:30दनकौरी जी का सचमुच कोई जवाब नहीं। उनके बारे में का...दनकौरी जी का सचमुच कोई जवाब नहीं। उनके बारे में काफी कुछ जानने को मिला, शुक्रिया।<br /><br />---------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">सुनामी: प्रलय का दूसरा नाम।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">चमत्कार दिखाऍं, एक लाख का इनाम पाऍं।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-90099408676926459682010-10-28T17:59:21.632+05:302010-10-28T17:59:21.632+05:30भई वाह क्या बात है ...उम्दा शेरो से सजी आपकी ये पो...भई वाह क्या बात है ...उम्दा शेरो से सजी आपकी ये पोस्ट दिल में उतर गई.वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-18945607991738825842010-10-28T14:49:36.363+05:302010-10-28T14:49:36.363+05:30नीरज जी,
मेरे ब्लॉग जज़्बात....दिल से दिल तक........नीरज जी,<br /><br />मेरे ब्लॉग जज़्बात....दिल से दिल तक....... पर मेरी नई पोस्ट जो आपके ज़िक्र से रोशन है....समय मिले तो ज़रूर पढिये.......गुज़ारिश है |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60051985623737761072010-10-28T07:53:20.212+05:302010-10-28T07:53:20.212+05:30अब तो यह पुस्तक लाये बिना चैन नही मिलेगा। बहुत सुन...अब तो यह पुस्तक लाये बिना चैन नही मिलेगा। बहुत सुन्दर शेर पढ़ने को मिले धन्यवाद नीरज जी।NK Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/06060799217410169212noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-63378981958212704532010-10-27T22:22:00.359+05:302010-10-27T22:22:00.359+05:30बहुत बढ़िया जानकारी नीरज जी दीक्षित जी के बारे में...बहुत बढ़िया जानकारी नीरज जी दीक्षित जी के बारे में और उनकी शायरी को पढ़ कर बहुत अच्छा लगा...छोटे बहर की बेहतरीन ग़ज़लें हैं...बढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-42056287170597113122010-10-27T20:13:06.121+05:302010-10-27T20:13:06.121+05:30भाई नीरज जी,
आप निरन्तर आकलनीय गजल के रचनाकारों का...भाई नीरज जी,<br />आप निरन्तर आकलनीय गजल के रचनाकारों का परिचय दे रहे हैं। यह स्तुत्य कार्य है।<br />आपका अध्ययन व्यापक है और प्रस्तुतिकरण साफ और सुथरा है। <br /><br /> आपने सच कहा है 'शायर के लिए उसके पाठकों का प्यार ही सब कुछ होता है '<br />इसके लिए आपका आभार ..फोन नंबर उपलब्ध कराने के लिए भी <br /><br />दीक्षित साहब के ये शेर बेहद पसन्र्द आए<br /><br />1<br />बढ़ा दिए हैं तो वापस कदम नहीं करना <br />मिले न साथ किसी का तो ग़म नहीं करना <br /><br />2<br />ग़लत मैं भी नहीं तू भी सही है <br />मुझे अपनी तुझे अपनी पड़ी है <br /><br />शराफत का घुटा जाता है दम ही <br />हवा कुछ आजकल ऐसी चली है <br /><br />3<br />अब कोई आँख नम नहीं होती<br />क्या नज़र लग गयी ज़माने कोR.Venukumarhttps://www.blogger.com/profile/17501996519970954554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-23046178972572840722010-10-27T19:24:29.920+05:302010-10-27T19:24:29.920+05:30..सुनाने का अंदाज भी लाजवाब है।..सुनाने का अंदाज भी लाजवाब है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-16670699754356076072010-10-27T19:00:31.164+05:302010-10-27T19:00:31.164+05:30सुंदर पोस्ट के लिए आभार।
ढेरों शेर पढ़े, सुन भी र...सुंदर पोस्ट के लिए आभार।<br /><br />ढेरों शेर पढ़े, सुन भी रहा हूँ..लेकिन मेरा मन तो अभी इसी पर अटका है..<br /><br />ग़लत मैं भी नहीं तू भी सही है <br />मुझे अपनी तुझे अपनी पड़ी है <br /><br /><br />अना बेची वफ़ा कि लौ बुझा दी<br />उसे धुन कामयाबी की लगी है<br />...बहुत बढ़िया..वाह वाह।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-88526708107490153312010-10-27T15:05:02.361+05:302010-10-27T15:05:02.361+05:30नीरज जी,
एक मकबूल शायर से रु-ब-रु करने का शुक्रिय...नीरज जी,<br /><br />एक मकबूल शायर से रु-ब-रु करने का शुक्रिया.........बहुत उम्दा शेर पड़ने को मिले.......शुक्रियाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-23468564274379605282010-10-27T13:09:09.840+05:302010-10-27T13:09:09.840+05:30bahot achchi lagi.bahot achchi lagi.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-12500598118819976832010-10-27T11:04:42.386+05:302010-10-27T11:04:42.386+05:30rachnaein padh kar bahut achha laga ....
यक़ीनन त...rachnaein padh kar bahut achha laga ....<br /><br />यक़ीनन तेरे दामन पर न कोई दाग है फिर भी<br />शराफ़त के लबादे का उतर जाना ही बेहतर है ...<br /><br />yesher khaskar bahut pasand aaya ...bahut sunder ...aabhaarDr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-80644932299085249512010-10-26T16:03:41.866+05:302010-10-26T16:03:41.866+05:30एक तो बोलना, वो भी सच
सरफिरा तो नहीं हो गया
आप अ...एक तो बोलना, वो भी सच<br />सरफिरा तो नहीं हो गया<br /><br /><br />आप अपने आप में एक पुस्तकालय ही सिद्ध होते जा रहे हो.....<br />बढिया है.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53707205049034737182010-10-26T15:59:50.053+05:302010-10-26T15:59:50.053+05:30bahut achchha blog bhai niraj goswamiji badhaibahut achchha blog bhai niraj goswamiji badhaiजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-2275725430586376442010-10-26T14:22:09.860+05:302010-10-26T14:22:09.860+05:30दीक्षित दनकौरी जी को जानना अच्छा लगा ...आपकी कलम त...दीक्षित दनकौरी जी को जानना अच्छा लगा ...आपकी कलम तो जैसे शेरॉ में जान डाल देती है ... उन्हे और निखार देती है ... ये आपकी समीक्षा का असर है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-43760768087180570802010-10-26T14:18:01.531+05:302010-10-26T14:18:01.531+05:30दीक्षित दनकौरी जी को कई बार दूरदर्शन पर सुना हूँ.....दीक्षित दनकौरी जी को कई बार दूरदर्शन पर सुना हूँ.. आज आपके माध्यम से उनकी नई गज़लें सुनाने को मिली.. आपकी समीक्षा उच्च कोटि की है.. आभार !अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-12680237731818592422010-10-26T10:08:12.318+05:302010-10-26T10:08:12.318+05:30विस्तृत लिखा है आपने दीक्षित जी के बारे में. टीवी ...विस्तृत लिखा है आपने दीक्षित जी के बारे में. टीवी पर कई बार देखा है उन्हें. किताब के बारे में जानकारी अच्छी रही. एक से बढ़कर एक नायाब अशआर लिखे हैं उन्होंने और आपका चयन लाजवाब है.<br /><br />किताबों की दुनियाँ सीरीज बहुत बड़ी धरोहर है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-60988526995250854952010-10-26T09:53:10.024+05:302010-10-26T09:53:10.024+05:30Comment received through e-mail from Sh.Om Prakash...Comment received through e-mail from Sh.Om Prakash Sapra Ji:-<br /><br />thanks shri neeraj ji for sending this mail<br />shri dikshit dankauri is a good gazal-goh and known to me.<br />he is a teacher in delhi and very active in literary field and also a nice man.<br /><br />again thanks,<br />regds.<br />-om sapra, delhi-9नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-58618917487268468492010-10-26T08:24:39.497+05:302010-10-26T08:24:39.497+05:30बहुत सुखद अनूभूति होती है ऐसी रचनाएँ पढ़कर ....हमे...बहुत सुखद अनूभूति होती है ऐसी रचनाएँ पढ़कर ....हमेशा की तरह अबकी बार भी नायब मोती लाये हैं..... धन्यवाद डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-18388916101011071302010-10-26T07:47:53.146+05:302010-10-26T07:47:53.146+05:30दनकौरी साहब से रूबरू कराने का शुक्रिया ,अच्छी समीक...दनकौरी साहब से रूबरू कराने का शुक्रिया ,अच्छी समीक्षा ,आभार ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-30398613402760152292010-10-26T01:18:39.112+05:302010-10-26T01:18:39.112+05:30हमेशा की तरह से एक अति सुंदर समीक्षा ओर दीक्षित दन...हमेशा की तरह से एक अति सुंदर समीक्षा ओर दीक्षित दनकौरी से मिलवाने के लिये आप का धन्यवाद,इन्हे सुनेगे कल दिन मैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-53806104885374749702010-10-26T00:08:42.212+05:302010-10-26T00:08:42.212+05:30दीक्षित दनकौरी साहब अौर ुनके अशअार से परिचय करवाया...दीक्षित दनकौरी साहब अौर ुनके अशअार से परिचय करवाया अापने. तारिफ क्या करूं मैं नतमस्तक हुं.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-19997498956250947992010-10-25T22:08:59.845+05:302010-10-25T22:08:59.845+05:30दीक्षित दनकौरी जी को पढ़वाने और सुनवाने का बहुत बह...दीक्षित दनकौरी जी को पढ़वाने और सुनवाने का बहुत बहुत आभार. आनन्द आ गया...आप चुन चुन कर मोती लाते हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6207361069321453067.post-39512374003644485222010-10-25T21:24:30.744+05:302010-10-25T21:24:30.744+05:30दीक्षितजी की रचनाओं को पढ़ना एक सुखद अनुभव रहा।दीक्षितजी की रचनाओं को पढ़ना एक सुखद अनुभव रहा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com