Monday, May 16, 2022
किताबों की दुनिया - 257
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तू वही नींद जो पूरी न हुई हो शब-भर मैं वही ख़्वाब कि जो ठीक से टूटा भी न हो * मेरी आंखे न देखो तुमको नींद आए तो सो जाओ ये हंगामा तो इन आँख...
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Monday, May 2, 2022
किताबों की दुनिया - 256
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जो भी कहूँगा सच कहूँगा ये झूठ तो आम चल रहा है हम तुम हैं जो चल रहे हैं तह में दरिया का तो नाम चल रहा है * वो सामने था तो कम कम दिखाई देत...
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Monday, April 18, 2022
किताबों की दुनिया - 255
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देख लेंगे दुश्मनों की दोस्ती दोस्तों की दुश्मनी तो आम है जिस ने राहत की तमन्ना छोड़ दी बस उसे आराम ही आराम है राहत: सुख * इस क़दर दिलकश...
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