Monday, March 9, 2009

समझ लेना की होली है

सभी पाठकों को होली की शुभ कामनाओं के साथ पेश है होली पर ही एक ग़ज़ल जिसे तराशा है गुरु 'पंकज सुबीर' जी ने.




करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना की होली है
हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना की होली है

इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी
लगे बीवी वही नूतन,समझ लेना की होली है

तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें
उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना की होली है

हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल
अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना की होली है

कभी खोलो हुलस कर, आप अपने घर का दरवाजा
खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना की होली है

बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की
जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना की होली है

अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो 'नीरज'
हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना की होली है



होली के अवसर पर हँसता हुआ नूरानी चेहरा....मेरा

68 comments:

"अर्श" said...

waah neeraj ji waah kya kamaal ki kahi aapne holi ke liye sadesh... aapko bhi holi ki dhero badhaiyaan aur shubhkamanaayen.. guru dev ko charan saparsh kahen..
ye nuraani chehra to khub bhaya,,...


arsh

Udan Tashtari said...

हवा जब फागुनी हो, और गज़ल लिख लाये हों ’नीरज’
टिप्पाणियाँ टूट के बरसें तो समझ लेना की होलॊ है...

--भाई वाह, बहुत खूब!! छा गये.

आप को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Udan Tashtari said...

हँसते हुए बड़े हसीन लग रहे हैं आप. ब्लॉगवाणी पर भी यही फोटू सटवा दो.

mamta said...

बहुत बढ़िया । :)
आपको और आपके परिवार को होली मुबारक ।

Mumukshh Ki Rachanain said...

भाई नीरज जी,

अच्छी लगी "होली है" से लेकर ........ "हँसते हुए नूरानी चेहरे" तक की पेशकश

किस-किस की तारीफ करुँ.
अंत में जो दिखाया, मुस्कराया
समझ लिया कि होली है!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

मेरे ब्लॉग पर भी है एक पेशकश मौजूद जो ईद और होली को ही सपर्पित है , कृपया उसे अपनी त्वरित टिप्पणी से नवाजे.

चन्द्र मोहन गुप्त

रश्मि प्रभा... said...

chutki bhari abeer holi ki shubhkamnaaon ke saath......
holi ke rang me doobi rachna bahut achhi lagi

Gyan Dutt Pandey said...

कविता भी सुन्दर है और चेहरा भी! :-)

पंकज सुबीर said...

ज्ञानदत्‍त जी की बात से असहमत हूं । दरअस्‍ल में कविता से जियादह सुंदर चेहरा है । भगवान इस चांद से चेहरे को ब्‍लाग जगत की अलाओं और बलाओं से बचा कर रखे ।

संगीता पुरी said...

होली के मौके पर बहुत सुंदर लगी आपकी रचना ...

seema gupta said...

आपको परिवार सहित होली की हार्दिक शुभकामनाएं.

Regards

रंजन (Ranjan) said...

होली की शुभकामनाऐं..

समझ गये हम होली है.. सुन्दर रचना..

सुशील छौक्कर said...

वाह जी वाह होली पर इतनी अच्छी गज़ल। मजा आ गया। आप और आपके परिवार को रंगो भरी होली मुबारक।

गौतम राजऋषि said...

क्या बात है नीरज....होली के रंगों में डूबी
आपको भी रंगभरी होली की मुबारकबाद

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

waah janab, lekin meri tasveer kyon chura li.

Shiv said...

गजब लिख दिए हैं भैया. जो नीचे हंस रहे हैं,एक-एक शेर पर भारी पड़ रहे हैं....:-)

लिखें जब हास्य गजलें और रंग दें अक्षरों को वे
हँसे और दांत भी दिक्खें, समझ लेना कि होली है

Unknown said...

नीरज जी समझ लिया होली है । क्या बात है आप तो एकदम रंगीन हो गये हैं । कहीं कुछ .......................?
बुरा न मानो होली है ।

ताऊ रामपुरिया said...

होली की बहुत शुभकामनाएं.

ये हमारे संतू को आपने क्यों बंद कर रखा है जी खाम्खा मे त्योंहार के दिन.:)

mehek said...

बुलाये जब तुझे वो गीत गा कर ताल पर ढफ की

जिसे माना किये दुश्मन, समझ लेना की होली है


अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो 'नीरज'
हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना की होली है
waah bahut khub,holi mubarak:)

कौतुक रमण said...

बहुत सुन्दर नीरज जी. आपका चेहरा थोरा बदला हुआ लगता है :D

कौतुक (http://paricharcha.wordpress.com)

vandana gupta said...

waah waah , holi ka har rang bhar diya aapne to.mazaa aa gaya...........ab to isi khyal ke sath holi khelenge.
vaise hansta hua noorani chehra........... jo pic hai achchi hai magar hamare liye to wo jiski hai usi ki hai aapki nhi.

कंचन सिंह चौहान said...

वाक़ई समझ में आया कि होली है...सब रंगे हैं रंग में...! हमारा प्रणाम...!

Anonymous said...

hay kyaa aawaz ki
aur surat kitni bholi hai

de dekar tippnani apni
hame kaha ji hloi hai

upar ke photo me
balti liye khadaa ye kaun?

upar neeche jo likha
is baar bas yahi hamaari holi hai

Vinay said...

बहुत ख़ूब साहब,
रंगों के त्योहार होली पर आपको एवं आपके समस्त परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ

---
चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें

रंजू भाटिया said...

हम भी रंग गए आपकी यह होली की गजल पढ़ कर ..बहुत बढ़िया .होली मुबारक आपको

कुश said...

हवा जब फागुनी हो, और गज़ल लिख लाये हों ’नीरज’
टिप्पाणियाँ टूट के बरसें तो समझ लेना की होलॊ है...


क्या शेर मारा है जी.. मज़ा आ गया.. वैसे आपकी तबीयत ठीक नही लगती.. देखिए ना नीचे फोटो में कितने दुबले लग रहे है.. जब आप हमसे मिले थे तो माशाल्लाह जवान थे.. पर आपके दाँत तो आपके चेहरे से भी सुंदर है.. कौनसा मंजन इस्तेमाल करते है.. आपने मिष्टी बिटिया के साथ होली खेलने का लालच जो दिया.. हम जोधपुर गये ही नही.. जयपुर में ही अटक गये..

वैसे मिष्टी बिटिया की फोटो तो बड़ी कमाल है.. बिल्कुल रॉक स्टार लग रही है...

बहरहाल होली की शुभकामनाए स्वीकार कीजिए..

श्रद्धा जैन said...

Wah ji kya baat hai
aapko padh kar man jhoom utha

Samajh lena ki holi hai kamaal

bahut bahut subhkamanye holi ke pawan avsar par

रविकांत पाण्डेय said...

इतनी सुंदर गजल सामने है, अपनी तो होली शुरू...
और आपका रूप!!! विधाता की कारयित्रि प्रतिभा का सशक्त प्रमाण-
तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती, नजारे............

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

नीरज भाई तथा हिन्दी ब्लोग जगत के सभी को इस उल्ल्लासमय रँगोँ के मध्य
शुभकामनाएँ
क्या मस्तीभरी गज़ल लिखी है जी वाहवा ~
- लावण्या

राकेश जैन said...

jab din rah gaye ho kam.
magar man me ho halchal...si.

samajh jana ki holi hai..

दिगम्बर नासवा said...

नीरज जी
देर से आने के लिए माफ़ी........
बहूत ही खूबसूरत ग़ज़ल है...होली के हास्य के साथ कोमल भावनाएं भी मिला दीं है आपने, सारे शेर लाजवाब हैं, जानदार, होली की तरह अलग अलग रंग भरे
आपको और आपके परिवार को होली की शुभ कामनाएं

pallavi trivedi said...

वाह...क्या खूब ग़ज़ल कही है आपने होली पर!और हँसता हुआ नूरानी चेहरा तो बहुत भाया!होली मुबारक....

सीमा रानी said...

वह नीरज जी इतने दिनों से बेकार ही इधर उधर भटक रहे है .आपके ब्लॉग को छोड़ कर .होली है ये यहीं आकर पक्का हुआ .
आपको और आपके परिवार को ढेर सी गुलाब की पंखडियों और मोगरे के इत्र के साथ होली मुबारक .हमारे भोपाल में,और पुरे प्रदेश में ही इस साल पानी की कमी है और वैसे भी केमीकल रंगों की बजाय फूलों की होली अधिक काव्यमय लगती है .

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

भई वाह्! क्या खूब लिखा है....बहुत ही उम्दा रचना....
होली के पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाऎं........

ओम आर्य said...

हम तो पूरा रंगा गए.

राज भाटिय़ा said...

नीरज जी आप ने तो रंगॊ मै भर भर के शेर मारे, बहुत अच्छा लगा ओर यह हंसता हुय नूरानी चेहरा भी प्यारा लगा.....


आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है

गर्दूं-गाफिल said...

नजर में हूर उतरे और सुखन से नूर बरसे
मुकाबिल हो अगर नीरज समझ लेना की होली है
बधाई भाई नीरज को कहो मैं और क्या दे दूँ
कलम ने रंग बरसाए ,समझ गये आज होली है

Ratan said...

Bahut achcha likha hai aapne.. Hamesha ki tarah..

Majedaar...
:-)
-R

Asha Joglekar said...

वाह होली का क्या खूब रंग जमाया है
अगर महसूस हो तुमको जब कभी सांस लो नीरज
हवाओं में घुला चंदन, समझ लेना कि होली है ।
बधाई ।

vijay kumar sappatti said...

aadarneeya neeraj ji
deri se aane ke liye maafi chahta hoon

aapko aur aapke pariwaar ko holi ki der saari badhai

ab sach kahun , holi ka asli maza to aapke blog par hi aa raha hai ..

kitne saare colour bhiker kar rakhe hai , aur upar se ye behatreen gazal aur ye sundar sa photo.[ waise ye pic meri jyaada lag rahi hai ... ha ha ]

holi ke shub-awasar par guru ke charno ne gulaal daal jaata hai .. meri oor se mera pranaam sweekare, aur hamesha apna pyaar banaaye rakhe ..

aapka

vijay

अभिषेक मिश्र said...

हर क्षंद पर सिर्फ वाह-वाह ही कह सकता हूँ.

Dr.Bhawna Kunwar said...

बहुत सुंदर रचना...

आप सबको होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ...

रवीन्द्र प्रभात said...

आपको व परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .

Yogesh Verma Swapn said...

wah neeraj ji , holi ke avsar par ek anupam rachna, dheron badhai.main der se pahuncha kshama.holi par aapko aur apke pariwar ko shubhkaamnaayen.

wo aaye blog par apne, samajh gaye aaj holi hai
haqeeqat ban gaye sapne samajh gaye aaj holi hai

Alpana Verma said...

Waah! Waah !waah!

itni sundar gazal ..holi ke is rang birangey avsar par..

bahut hi pasand aayi yah parstuti..

aur yah kya??aakhir mein ,aap ne kis ka chitr laga diya..hansta hua noorani chehra!!!!!!!

:D
isey dekhkar kis ko hansi na aa jaye!double hit hai aaj aap ki yah post

KK Yadav said...

होली के शुभ अवसर पर,
उल्लास और उमंग से,
हो आपका दिन रंगीन ...

होली मुबारक !
'शब्द सृजन की ओर' पर पढें- ''भारतीय संस्कृति में होली के विभिन्न रंग''

Dr. Chandra Kumar Jain said...

गज़ब की ग़ज़ल है नीरज जी.
========================
आपको होली की शुभकामनाएँ
डॉ.चन्द्रकुमार जैन

निर्मला कपिला said...

holi ke rangon jesi rangbirangi sunder gazal ke liye badhaai holi mubarak ho

समयचक्र said...

सुन्दर प्रस्तुति..
रंगों के पर्व होली के अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाये

अनूप शुक्ल said...

झकास है जी!

Anil Pendse अनिल पेंडसे said...

आपको व परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

Batangad said...

शुभ होली सर।

अमिताभ मीत said...

क्या बात है ! किस किस बात की तारीफ़ हो मालिक ?

होली मुबारक़ !!

Manish Kumar said...

मज़ा आ गया होली के रंगों से रंगारंग इस ग़ज़ल को पढ़कर !

कडुवासच said...

बहुत सुन्दर गजल है, सभी रंग - गुलाल समाहित हैं!!!!!!

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी
लगे बीवी वही नूतन, समझ लेना कि होली है

भाभी को पढ़वाते हैं अभी ये गज़ल।

आपको समस्त परिवार सहित होली की शुभकामनायें।

SAHITYIKA said...

बहुत ही शानदार॥
आपको भी होली की शुभकामनायें...

manu said...

holi ka rang jam gayaa saahab,,,,
shaandaar ghazal,,,aur laajwaab tasweer se,,,
mubaarak,,,

Unknown said...

हिंदी युग्म के सभी साधको को होली के रंगारंग पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं __टिल्लन रिछारिया !

Unknown said...

यह खुमिजाज फोटो सब को सप्रेम भेंट करें __सब को लगेगा ....मेरा फोटो मुझी को क्यों भेजा !!!

haidabadi said...

जनाबे नीरज साहिब
होली पर आपकी ग़ज़ल देखी तबीयत बहिश्त हो गई
इंदर धनुष के रंगों से सजी संवरी ग़ज़ल देख कर ऐसा लगता है
के आपने जैसे रंगों का गुलदस्ता भेज दिया हो ख़ुशी तो हुई
लेकिन उसके बाद उदासी छा गई ज़माना गुज़र गया कभी होली नहीं खेली
माज़ी की चंद खुबसूरत यादें होली के दिन रुला जाती हैं आपने ग़ज़ल में होली की जो मंज़र कशी की है
और जो खुबसूरत शेएर निकाले हैं तारीफ के काबिल हैं यह आपके फन का कमाल है

रंगों की बौछार तो लाल गुलाल के टीके
बिन अपनों के लेकिन सारे रंग ही फीके

चाँद शुक्ला हदियाबादी
डेनमार्क

PREETI BARTHWAL said...

आपको होली की शुभकामनाएं।

Harshad Jangla said...

Neerajbhai

Shaandaar Gazal!
Plz remove the pic.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA

Archana Chaoji said...

भीगे जो तन, बिना सावन, मिले भगवन,
बिना पूजन, समझ लेना कि होली है ।

और फ़ोटो के संदर्भ में---

दिखे जब दांत, खडे हों कान, और चेहरे पर,
हो भोलापन , समझ लेना कि होली है ।

होली की बधाई!!!

Santhosh Ananthapura said...

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Jai Ho....

Puja Upadhyay said...

जरा देर हो गयी आने में...पर आ के मन होली के रंग में भीग गया. ऐसी सदाबहार कविता की जब पढो तो लगे की होली है. बहुत खूबसूरत लिखा है नीरज जी.

डॉ. मनोज मिश्र said...

देर के लिए माफी , रचना के लिये बधाई .
इमारत इक पुरानी सी, रुके बरसों से पानी सी
लगे बीवी वही नूतन, समझ लेना कि होली है.
मज़ा आ गया

Lovely Sharma said...

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श्रेया क्लब said...

अल्फाज़ रहित
खूबसूरत गज़ल